नमस्कार दोस्तों पायस हिस्टोलॉजी में आपका स्वागत है। दोस्तों पेड़ पौधों को जल देने से क्या लाभ होता है? यह हमारे एक मित्र आनंद जी ने यह सवाल पूछा कि ऐसा क्या कारण है कि पेड़ पौधों को जब हम जल देते हैं तो हमारी लाइफ की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है या धीरे-धीरे करके कम हो जाती हैं? कोई तो इसका वैज्ञानिक कारण होगा तो इस वीडियो में हम यही बात करने वाले हैं कि पेड़ पौधों में ऐसा क्या होता है। क्या वैज्ञानिक कारण है कि पेड़ पौधों को जल देने अथवा उनके सानिध्य में रहने से हमें आराम मिलता है।
पेड़ पौधों से हमें क्या मिलता है? यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम सभी उनके महत्व को जानते हैं परंतु चलिए ऑक्सीजन मिल गई फल मिल गए हैं फूल मिल गया है वातावरण की शुद्धता हो गई ग्लोबल वार्निंग हो गई इस तरह की सैकड़ों बातें जो आपको पहले से पता है। हम उन पर कोई चर्चा नहीं करने वाले वीडियो अच्छा लगे तो लाइक जरूर कीजिएगा। दोस्तों आप सब लोग जानते हैं कि जो भी जीवित अथवा निर्जीव वस्तु है उसका अपना औरा होता है जीवित वस्तुओं का औरा बड़ा और निर्जीव वस्तुओं का औरा बहुत छोटा होता है जिसे हम लोग सूक्ष्म शरीर के नाम से जानते हैं।
हमारा औरा भी धरती की ग्रेविटी की तरह है जैसे धरती के चारों ओर एटमॉस्फेयर के बाद एक लाइन मिलती है जिसे कारमन लाइन कहा जाता है। कुछ लोग इसे ग्रेविटी लाइन भी कहते हैं उसी तरह हमारे शरीर के चारों ओर औरा पाया जाता है। यह औरा पत्थरों में पेड़ पौधों में जीवित वस्तुओं में और इंसानों में भी पाया जाता है। स्पेस से कारबन लाइन ब्रेक करने के बाद कोई शटल धरती में दाखिल हो पाता है ठीक उसी तरह कोई भी बीमारी हमारे औरा को पहले तोड़ती है उसके बाद हम बीमार पड़ते हैं।
औरा इतना मजबूत और जितना सशक्त होता है। उतना ही उस व्यक्ति स्थान अथवा वस्तु में आकर्षक शक्ति होती है। निर्जीव वस्तुओं की बात करें तो आप कभी किसी धार्मिक स्थल पर जाइएगा वहां पर आपको काफी शांति का अनुभव होगा आप खुद को पॉजिटिव महसूस करेंगे क्योंकि उस स्थान का औरा काफी मजबूत है हालांकि बनर्जी वस्तु है। इसी तरह किसी बड़े पुराने बरगद, या पीपल के पेड़ के नीचे कुछ देर बैठ कर देखिये आपको बड़ी शांति महसूस होगी। इसलिए क्योंकि उसका औरा काफी बड़ा और सशक्त है। जिसके कारण उसमें आकर्षण है।
वैज्ञानिक यह सिद्ध कर चुके हैं कि सभी पेड़ पौधों का अपना औरा होता है। जो उनकी प्रजाति के अनुसार कम ज्यादा होता है। भारत में कुछ पेड़ पौधों को विशेष महत्व दिया गया जैसे पीपल, नीम, बरगद, नवग्रह के पेड़ पौधे इत्यादि। यदि आपको नवग्रह के पेड़ पौधों के बारे में जानना है तो हमारी एक वीडियो है जिसे आप जाकर देख सकते हैं उसका लिंक डिस्क्रिप्शन में आपको मिल जाएगा। इसी तरह पौधों के अंदर भी तुलसी, क्रासुला, मनी प्लांट व मोरपंखी इत्यादि और भी बहुत सारे पेड़ पौधे हैं जिनके आस-पास रहने पर हमें पॉजिटिव महसूस होता है।
लोग वैष्णो देवी जाते हैं और वहां से उन्हें सिक्के मिलते हैं जिन सिक्कों को लाकर वह अपनी तिजोरी में रखते हैं। उन सिक्कों को देवी मां का आशीर्वाद मानते हैं देखने में तो यह मामूली सिक्के ही है ना परंतु इनका प्रभाव अतुलनीय है। क्योंकि उनमें मां का आशीर्वाद छिपा हुआ है। इसे हम माँ का अंश मानते हैं। जब किसी पेड़ से फल तोड़कर लाते हैं तो वह आप को पोषण देता है वह आपके और आपको सशक्त करता है क्योंकि उसके एक अंश को आप ले आए। इस अंश का भी अपना औरा होता जिसमे ऊर्जा भरी होती है। तभी मामूली सी जड़ बांध लेने से हमें इतना लाभ होता है जितना कई बार रत्न से भी नहीं होता।
दूसरा कारण है पेड़ पौधों की भावनाएं जैसा कि आप जानते हैं जगदीश चंद्र बसु ने यह बताया कि पेड़ पौधों में भी जीवन होता है उनकी भी अपनी भावनाएं होती है। भावनाएं या व्यवहार एक बूमरंग की तरह होता है जिसे आप जब छोड़ते हैं तो वह घूम कर वापस आपके पास आती है। आप पॉजिटिव भावनाएं लेकर किसी के पास जाएंगे तो वहां से आपको पॉजिटिविटी मिलेगा। इसलिए जब हम पेड़ को पूजते हैं या उसकी देखभाल करते हैं तो वह भी हमें पॉजिटिव भावनाएं देता है।
एक छोटा सा एग्जांपल लेते हैं कि जब हम पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाते हैं तो उस स्थिति में सबसे पहली चीज या होती है कि जल चढ़ाते समय हम उस पीपल के औरा हमें जाते हैं। दूसरी बात हम पॉजिटिव भावना से जाते हैं और हमें इस बात का विश्वास होता है कि यह हमारी समस्या का समाधान कर देगा।
पेड़ पौधे हमारी भावनाओ को पढ़ लेते हैं पेड़ पौधे और हमारी भावनाओं के साथ जोड़कर अपनी सकारात्मक भावनाएं हमारे साथ छोड़ देते हैं वह अपना आशीर्वाद हमें दे देते हैं जिससे लोग अपनी समस्या से बाहर निकल जाते हैं।