जिन लोगों को थकान बानी रहती है कमजोरी महसूस करते हैं कमर दर्द बदन दर्द की शिकायत रहती है और काम करने का मन नहीं करता है। मनसिक कमजोरी महसूस होती हो तो आपको सुरक्षा, साहस और शक्ति के लिए इस रत्न का उपयोग करना चाहिए।
इस लेख में हम ऐसे पत्थर के बारे में बात करेंगे जो मूंगे का सब्सीट्यूट माना जाता है। कुछ लोग इसे माणिक्य का सब्सीट्यूट भी मानते हैं। जिन लोगों के पास अपनी कुंडली नहीं है, वे लोग इस स्टोन को इस लक्षणों के आधार पर पहन सकते हैं।
दोस्तों यह एक आकर्षक नारंगी और लाल रंग का पत्थर होता है जो सदियों से इसे लोगों द्वारा शरीरिक मानसिक व आध्यात्मिक जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इसे कार्नेलियन कहते हैं।
भारत में हजारों वर्षों से कार्नेलियन रत्नों पाया जाता है और आज भी बाजार में मिलने वाले अधिकांश कार्नेलियन पत्थरों भारतीय ही होते हैं। ये ब्राज़िल, भारत, मिस्र व उरुग्वे में पाए जाते है। अगर हम बात करें तो प्राचीन काल में मिश्र यूनान और रोमन संस्कृत दिया संस्कृतियों में इसकी पूजा की जाती थी यह पत्थर मुख्य रूप से ब्राजील संयुक्त राज्य अमेरिका भारत व अन्य देशों में भी पाया जाता है।
ये ज्वालमुखी से बनते हैं। जब ज्वालमुखी फटता है तो पिघली हुई चट्टानें सतह पर आ जाती हैं और ठंडी होने लगती हैं, जिससे चट्टान की सतह में छोटी-छोटी गड्ढे बन जाती हैं। इन्ही में सिलिका और क्वार्ट्ज की परत जमा हो जाती है। कार्नेलियन सिलिका फॅमिली का है। कार्नेलियन, कैल्सेडोनी परिवार का एक खनिज है, कैल्सेडोनी या चेल्सीडोनी जिसमे एगेट यानि सुलेमानी पत्थर, क्राइसोप्रेज, हेलीओट्रोप और ओनिक्स पत्थर आते हैं।
आइये जानते हैं आप इससे कैसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं।
सबसे पहले शारीरिक लाभ
माना जाता है कि कार्नेलियन शारीरिक समस्याओं में काफी लाभकर है जैसे ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होना। शारीरिक क्षमता का काम होना। ये रत्न पहनने से मेटाबॉलिज़्म ठीक होता है इसलिए मोटापे की समस्या में लाभ मिलता है। ब्लड सेर्कुलशन सम्बन्धी बीमारी में काफी लाभकारी है। जिन महिलाओं में अधिक श्राव की समस्या होती है उन्हें एक बार इसे धारण करके जरूर देखना चाहिए। यह जनन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी जाना जाता है। इसे समग्र शारीरिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक बहुमुखी पत्थर बनाता है।
भावनात्मक उपचार
भावनात्मक रूप से, कार्नेलियन आत्म-सम्मान बढ़ने वाला पत्थर है। यह व्यक्ति को सामजिक व बहिर्मुखी बनता है। यदि आपका बच्चा दब्बू किस्म का है तो उसे कार्नेलियन का लॉकेट गले में पहना सकते हैं। सकारात्मक आत्म-छवि विकसित करने और उसे बनाए रखने में सहायता करता है।
कार्नेलियन उन लोगों के लिए भी सहायक हो सकता है जो किसी असफलता के बाद फिर अपना आत्मसम्मान वापस पाना कहते हैं।
मानसिक लाभ
बुद्धिमत्ता बढ़ाना, डर ख़तम होना, तार्किक सोच को मजबूत करना, याददाश्त में सुधार होना और यह दिमाग को तेज करके और एकाग्रता बढ़ने का काम करता है। जटिल विषयों की बेहतर समझने का बोध पैदा करता है।
कार्नेलियन का उपयोग मानसिक स्पष्टता और ध्यान को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
आध्यात्मिक महत्व
कार्नेलियन का विशेष आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि: सातों चक्रो में मूलधार, स्वाधिस्ठान और मणिपुर चक्र को बैलेंस करने के लिए इस रत्न को पहना जाता है। इससे मृत्यु का भय दूर करने में सहायता मिलती है।
कार्नेलियन अपने विविध रंगों के लिए जाना जाता है, जो हल्के नारंगी से लेकर गहरे लाल-नारंगी और यहां तक कि गहरे लाल-भूरे रंग के पाए जाते हैं। माना जाता है कि कार्नेलियन के लिए उपयोग किया जाने वाला एक शक्तिशाली पत्थर है।
नारंगी कार्नेलियन
इसे मगल और सूर्य का उपरत्न माना जाता है
खुशी और आनंद, दोस्ती के मजबूत बंधन, पारिवारिक एकता, कामुकता और शारीरिक सुख के लिए नारंगी कार्नेलियन पहनने की सलाह दी जाती है। ये रिलेशन को सुधारने में मदत करता है। व्यक्ति अनजाने भय से ग्रसित है तो वह नारंगी कार्नेलियन पहने तो लाभ मिलता है।
लाल कार्नेलियन
यह मंगल का उपरत्न माना जाता है
लाल कार्नेलियन आत्मविश्वास को बढ़ता है। काम में पैशन को बढ़ता है। आप महसूस करते हैं की काम में मन नहीं लग रहा तो आप इसे पहन सकते हैं। जो लोग वर्कोहॉलिक उन्हें ये स्टोन नहीं पहनना चाहिए। जिनमे संकल्प शक्ति की कमी है वे इसे जरूर पहने आप संकल्प शक्ति के लिए टाइगर आई भी पहन सकते हैं। सपने साकार करने में लक्ष्य का पीछा करने में बाधाओं पर काबू पाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है।
राशि कनेक्शन
कार्नेलियन कई राशि चिन्हों से भी जुड़ा हुआ है, जिनमें शामिल हैं:
वैसे तो इसे किसी भी राशि के लोग पहन सकते हैं पर ये मेष, कर्क, सिंह, व धनु आदि राशियों के लिए इसे अच्छा माना जाता है।
होम प्लेसमेंट
अपने घर में कार्नेलियन रखने से रचनात्मकता, प्रचुरता और सुरक्षा का माहौल बनता है। कार्नेलियन को समृद्धि के लिए दक्षिण दिशा, रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए पश्चिम की ओर और आत्म-सम्मान के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
रंग और बनावट
असली कार्नेलियन पत्थरों में कई तरह के रंग होते हैं, हल्के नारंगी से लेकर गहरे लाल-भूरे रंग तक। बनावट का मूल्यांकन करते समय, प्रामाणिक कार्नेलियन पत्थरों में एक चिकनी, मोमी बनावट होती है, जबकि नकली पत्थरों में खुरदरी, दानेदार बनावट होती है।