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नवग्रहों में जिस प्रकार गुरू ज्ञान का कारक है, उसी प्रकार व्यक्ति की बुद्धि एवं चतुराई का सम्बंध बुध ग्रह से माना गया है। ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है। बुध स्वभाव में मधुर वाणी बोलने वाला ग्रह हैं, बुध प्रधान व्यक्ति मिले-जुले हंसमुख स्वभाव के होते हैं, जीवन जीने का भरपूर आनंद उठाते हैं, हंसी-मजाक पसंद करते हैं। बुध ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध त्वचा का भी कारक है, जिन लोगों का बुध अच्छा होता है, उनकी त्वचा अच्छी होती है तथा त्वचा रोग नहीं होता है। बुध के शरीर की काया नए दूब के समान है। इसमें वात, पित व कपफ त्रिदोषों का सम्मिश्रण हैं। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है।
हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है। बुध बुद्धि, वाणी, सौंदर्य और धन का स्वामी है। अगर आपके जीवन में अचानक कष्ट आ जाए और कर्ज चढ़ जाए तो समझ लीजिए कि आपकी कुंडली में बुध कमजोर है। साथ ही बहन, बुआ आदि स्त्री से संबंध टूटना कमजोर बुध की निशानी है।
बुध के जन्म की कथा
बुध हल्का स्वभाव लिए हरे वर्ण का कहलाता है। बुध के अधिदेवता भगवान् विष्णु को माना जाता है। ये अपने हाथों में तलवार, गदा लिए वरमुद्रा को धारण किये हुए हैं।
चन्द्रमा देवगुरु बृहस्पति की पत्नी तारा की सुंदरता को देख उसपर मोहित हो गए। तारा भी चंद्र की सुंदरता और मनमोहक छवि को देख इतनी मोहित हुई कि वे अपने पति बृहस्पति को छोड़ चन्द्रमा के साथ चली गईं। बृहस्पति को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने तारा को वापिस बुलाने के बहुत प्रयास किये। परन्तु चंद्र ने तारा को वापस न भेजा। इसके परिणामस्वरूप चंद्र और बृहस्पति के बीच एक भयंकर युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में दैत्यों के गुरु कहे जाने वाले शुक्राचार्य चन्द्रमा के साथ हो गए और बाकी सभी देवता गण बृहस्पति के साथ हो गए। ब्रह्मा जी ने तारा को समझाकर बृहस्पति के पास भेज दिया। इसके बाद तारा ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम बुध रखा गया। बुध के पूछने पर की उसका पिता कौन है जिसपर तारा ने जवाब नहीं दिया तो बुध समझ गए की चंद्र उनके पिता है। बुध की बुद्धि व चतुरता देखकर ब्रह्मा जी ने इनका नाम बुध रखा था। इस घटना के कारण बुध चन्द्रमा से शत्रुता का भाव रखते हैं।
कुंडली में कमजोर बुध के स्वस्थ सम्बन्धी लक्षण
शरीर में जो स्नायु मंडल है, जिसे अंग्रेजी में नर्वस सिस्टम कहते हैं वसे बुध कंट्रोल करता है। यदि नर्वस सिस्टम से जुडी समस्या औए तो इसमें बुध का हाथ हो सकता है।
अल्जाइमर रोग जो आपके मस्तिष्क की कार्यप्रणाली, याददाश्त और व्यवहार को प्रभावित करता है। भूलने की समस्या बुध के कमजोर होने पर ही आती है। छोटी छोटी चीजों को भूलने लगे तो समझे बुद्ध की समस्या है। लकवा रोग बुध के कारण होता है खास तौर पर एक तरफ के चेहरे का पक्षाघात जब होता है तो समझे बुध की प्रॉब्लम है अगर बुध के साथ सूर्य का प्रॉब्लम है तो राइट में होगा और अगर चंद्र का प्रॉब्लम है तो लेफ्ट में होगा।
मस्तिष्क पक्षाघात में भी थोड़ा सा बुध का हाथ होता है अगर सूर्य खराब है तो दिमाग में स्ट्रोक होता है। मिर्गी रोग का कारण भी बुध है कुछ लोग मिर्गी को राहु की समस्या मानते हैं पर राहु के साथ बुध होने पर या राहु का बुध पर प्रभाव होने पर अक्सर देखा गया है कि मिर्गी या दौरे पड़ने की समस्या होती है चंद्र के ख़राब होने पर आदमी रात को डरता है उसे अजीब से दौरे पड़ते हैं जिसमे उसे लोग दिखाई देते हैं। जैसा की हमने पहले कहा बुध अकेला कुछ खास प्रभाव नहीं दिखता उसका किसी न किसी ग्रह सम्बन्ध होना जरुरी है पैर सुन्न होना शनि के साथ बुध का प्रभाव है। पार्किंसन भी शनि के साथ बुध होने पर होता है। बुध आपकी किनस्थेटिक एनर्जी है मतलब आपकी मसल्स मेमोरी ( दूध वाले फौजी की घटना)।
बुध के पीड़ित होने से बाहों में पीड़ा होती है फ्रोज़न शोल्डर कुंडली में तीसरे भाव और मंगल के कारण होती है पर यदि मंगल के साथ बुध ठीक नहीं तो बाँहों में दर्द होता है बाहें जाम होने की समस्या इसकी के कारन होती है। फेफड़े संबंधी बीमारी व दमें संबंधी बीमारी हो जाती है। फेफड़े पर गुरु व चंद्र का प्रभाव होता है। पर दामे या फेफड़े के कैंसर में बुध का नेगटिव प्रभाव होता है।
व्यक्ति को बोलने में समस्या आती है टुटलपन हकलाना बुध का प्रभाव ही है। आपने बचो को अक्सर तुतलाते देखा होगा यह बुध के प्रभाव के कारन ही है। बुध को राजकुमार कहा जाता है बाल्यपन की समस्याओं बुध के कारन ही आती है जैसे बचपन में निमोनिया होना, बच्चो में गिल्टी होना, कान गले और मुँह सम्बन्धी समस्या होना।
तरुणाई में चर्म सम्बन्धी समस्या बुध से ही आती है ध्यान दीजिए पिम्पल की समस्या मंगल के कारण होती है और उसमे शुक्र का प्रभाव होता है शुक्र हार्मोन्स का कारक है। सफ़ेद दाग और स्किन पर स्पॉट और स्किन का कडा होना ये बुध के ख़राब होने की निसानी है। कुछ लोगों को पसीना बहुत आता है यह भी बुध के प्रभाव में आता है।
कुंडली में कमजोर बुध के मानसिक लक्षण
बुद्ध सबसे ज्यादा दिमाग पर असर करता है। वह आपके दिमाग के साथ खेलता है आपके विचारों की संख्या इतनी बढ़ा देगा कि आप टेंशन में आ जाएंगे। दिमाग हमेशा रेस्ट लेस रहेगा। कुछ न कुछ बड़बड़ाने की आदत लग जाएगी। मानसिक समस्यों में राहु-केतु भ्रम देंगे, शनि निराशा देगा, गुरु उदासी का कारक है शुक्र उदासीन बनता है जबकि बुध दिमाग में बहुत सारे विचार एक साथ लेकर आता है जिससे दिमाग चालयमान रहता है। बिना मतलब की चिंता होती है एक साथ कई काम दिमाग में चल रहे होते हैं। कमुनिकशन में प्रॉब्लम होगी आप कहना कुछ कहेंगे मुँह से निकल कुछ जायेगा। जबान का लड़खड़ाना और हकलापन बुध के कारण ही आता है। आप में ज्ञान बहुत है पर जब उसकी जरुरत पड़ती है तब दिमाग चौक हो जाता है। दिमाग में समझने के क्षमता काम हो जाती है। इसका सीधा असर आपकी बुद्धि पर होगा कोई प्रॉब्लम का हल नहीं निकल पायेगा। जो चीजे आसानी से लोगों को समझ आ जाती हैं वो आपको समझने में प्रॉब्लम होगी नया स्किल सीखने का मन ही नहीं करेगा।
ख़राब बुध के आर्थिक लक्षण
बुध को व्यापार पर प्रभाव दिया गया है। इसलिए यह सीधे सीधे पैसे से जुड़ा है। पैसे की तंगी बुध से भी देखी जाती है। वर्तमान समय में पैसा सबसे महत्वपूर्ण है आप पैसा ऊपर तो नहीं ले जा सकते पर जबतक आपके पास पैसा है आप इस दुनिया में ऊपर बने रहेंगे। पैसे से 90% समस्यों का समाधान किया जा सकता है। हर ग्रह अपनी बुरी दशा में किसी न किसी तरह पैसे को इफ्फेक्ट करता ही है। सूर्य का प्रोबलम है तो सरकार से, पिता से, हायर अथॉर्टी से आपको पैसा मिलने में कठिनाई होगी। चंद्र का प्रॉब्लम है तो आपको हार्ड कॅश पैसा नहीं मिलेगा पैसा किसी और रूप में आएगा। मंगल का पैसे से तो नहीं पर प्रॉपर्टी से लेने देना है। राहु केतु और गुरु में बहुत मेहनत के बाद थोड़ा पैसा मिलता है। शुक्र के कारण जीवन स्तर में वृद्धि नहीं होती पर बुध के कारण पैसा व्यापर में घटा होगा आपका पैसा शेयर में फस जायेगा। जो टेंशन का करक है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है।
ख़राब बुध के सामाजिक लक्षण
बुध मौसी नानी बहन व बुआ कारक है। ख़राब बुध के करना इनसे आपकी बिगड़ जाएगी। आपकी बातों से लोग बोर होने लगेंगे और आपसे बात करने से कतराने लगेंगे। आपको लोगों से उधर लेने की आदत पड़ जाएगी। पर लोगों का उधर नहीं चूका पाएंगे। सम्मान की कमी महसूस होगी। लोगों से झूठ बोलना, धोखा देना या फिर आप पर ही झूठे आरोप लगना, मान-सम्मान को हानि पहुंचना कमजोर बुध की निशानी है। मेहनत करने के बावजूद भी व्यापार, नौकरी में तरक्की नहीं मिल रही। बिजनेस में घाटा हो, परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता, पढ़ने-लिखने बैठने पर कोई अड़चन आने लगती है।
शुभ बुध के लक्षण Signs of auspicious Mercury
कुंडली में बुध के मजबूत होना सुंदर त्वचा चाहते हैं। तेज बुद्धि, पढ़ाई में अच्छे नम्बर लाना, बलवान बुद्ध की निशानी है। युति बुध से देखि जाती है, यदि आप समस्याओं का समाधान तुरंत निकल सकते हैं तो आपका बुध अच्छा है। गुरु ज्ञान है पर बुध बुध्दि है चतुराई है उस ज्ञान का इस्तमाल कैसे करना है यह बुध बताता है। कथा वाचक का बुध अच्छा होता है बात में लोगिक होना ये बुध की पहचान है बात सही हो या ना हो। तर्क में बुध जीतता है। बुध संवाद है हमारी कम्युनिकेशन स्किल्स है। चंद्र कल्पना है पर बुध उस कल्पना को साकार करने का रास्ता दिखता है ज्यादातर वैज्ञानिक बुध की शुभता के कारण गणित के सही फार्मूला बना पाते हैं। बुध का कनेक्शन शुभ होते हुए राहु से हो गया तो साइंटिस्ट बनता है। बुध गणित और आर्थिक मामलों में सफलता दिलाता है।
मजबूत बुध है तो व्यक्ति हाजिर जवाब होता है व्यक्ति चीजों को जल्दी समझता है और लंबे समय तक याद रखता है। व्यक्ति का चेहरा चमकदार होता है। बुध राजकुमार है इसलिए मुस्कुराता रहता है हास्य प्रिय होता है। कुंडली में बुध मजबूत हो तो व्यक्ति सुगंध प्रिय होता है। ऐसा व्यक्ति नमकीन खाना पसंद करता है।
बुध व्यक्ति बिजनेस करने में बहुत माहिर बनता है। एक बहुत सफल व्यापारी बनता है। ऐसा व्यक्ति अपनी बातें दूसरों को समझाने में बहुत माहिर होता है। ये लोग किसी को भी मैनिपुलेटर कर सकते हैं। राजनीती में साम दाम दंड भेद सुना होगा इसमें साम और दाम के आधार पर कन्वेंस करना अच्छे बुध का लक्षण है। यानी कि वाणी ज्ञान किसको कैसे समझाना है, किसको क्या बोलना है कितना बोलना है इसका ज्ञान इसको बहुत अच्छे से होता है, अच्छे दाँत और खूबसूरत मुस्कान शुभ बुध का लक्षण है। एनालिटिकल स्किल्स और रइटिंग स्किल का कारक भी बुध होता है। व्यक्ति अपनी बातों से सबको मोह लेता है। वह हाज़िर जवाबी होता है। बुध की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, वह एक अच्छा वक्ता होता है। संवाद और संचार के क्षेत्र में व्यक्ति अग्रणी भूमिका निभाता है।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता आदि से है।
जब कुंडली में सूर्य और बुध एक साथ युति बनाकर बैठते हैं तो ये अपने तो आप में एक विशेष प्रकार का राजयोग बनता है जिसे हम बुधादित्य योग के नाम से जानते हैं। लेकिन सभी कुंडलियों में इसका अच्छा प्रभाव दिखाई नहीं देता। बुधादित्य योग केंद्र के घरों में यह त्रिकोण के घरों में हो तो बनता है। यदि सूर्य तुला राशि का और बुध ग्रह मीन राशि का हो तो भी यह योग नहीं बनता।
जब कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सातवें और दशवें भाव में बुध अपनी स्वराशी (मिथुन, कन्या) में बैठा हुआ है तो भद्र योग का निर्माण होता है। कुंडली के पहले घर में बुध के द्वारा भद्र योग बनाने से जातक को स्वास्थ्य, व्यवासायिक सफलता, ऐश्वर्य तथा मान-सम्मान आदि प्राप्त होते हैं।
बुध के उपाय
बुध के बहुत सरे उपाय नहीं बताये गए पर हम यहाँ कुछ उपाय बता रहे हैं जिनका उपयोग करके आप बुध के अशुभ से बचा सकते हैं।
खाने पीने में थोड़ा ध्यान रखना है, भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग करें। हींग बुध से सम्बन्ध रखती है इसलिए दाल में हिंग का प्रयोग भी लाभकारी होगा। धनिया पोदीना आदि हरी चटनी का प्रयोग करें। तुलसी के पत्तों का सेवन करें।
स्किन पर जैतून, नारियल या बादाम का तेल लगाएं। आपने घर के दरवाजे पर मोरपंखी पर पौधा लगाएं। रोज सुबह गायत्री मंत्र का जप करें
वाणी को मधुर बना कर रखें।
कांसे का एक छल्ला धारण करें
शास्त्रीय संगीत सुने
अपने ननिहाल से सम्बन्ध अच्छे रखे
रोज एक पन्ना मन्त्र लिखें,
चार मुखी रुद्राक्ष पहने
पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं, लेकिन इस बारे में ज्योतिषाचार्य की राय जरूर लें वरना लाभ की जगह हानि हो सकता है।
बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाएं. हरी चीजों जैसे सब्जी, हरा फल, हरे रंग का वस्त्र आदि जरूरतमंदों को दान करें।
बुधवार के दिन घर में विधिपूर्वक भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। उनकी पूजा करें और मोदक का भोग लगाएं। इसके अलावा संभव हो तो गणेश मंदिर भी जाएं। उनकी पूजा करें और फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद सच्चे मन से अपनी इच्छा कहें।
बुध उत्तर दिशा का स्वामी है इसलिए उत्तर दिशा वास्तु ठीक रखे उत्तर दिशा में हमेशा हल्की और कम चीजें ही रखनी चाहिए। कबाड़ और कूड़ादान न रखें। उत्तर दिशा तुलसी का पौधा रखें व इस दिशा में मनी प्लांट लगाना भी काफी शुभ माना जाता है। उत्तर की दिशा में दीवारों पर हल्के नीले या हलके हरे रंग का पेंट करवाएं।
बुधवार के दिन श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का जाप करें। शुभ फल पाने के लिए बुध बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!’ का जाप करें. बुध मंत्र को 9000 बार जपना चाहिए। बुध को प्रसन्न करने के लिए आप ‘ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!