benefits of opal stone,
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब कुंडली में किसी ग्रह की शक्ति कम होती है और हमें सुखी जीवन जीने के लिए उस ग्रह की शक्ति चाहिए होती है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष शास्त्र के द्वारा हमें उस ग्रह का रत्न पहनने को कहा जाता है। जैसे सूर्य के लिए माणिक्य,
चंद्र के लिए मोती
मंगल के लिए मूंगा
बुध के लिए पन्ना
बृहस्पति के लिए पुखराज
शनि के लिए नीलम
राहु के लिए गोमेद
केतु के लिए लहसुनिया और शुक्र के लिए हीरा पहनना को कहा गया है।
यदि हम इन रत्नों को धारण नहीं कर सकते तो हम इनके उपरत्न भी पहन सकते हैं। जैसे हीरे का एक उपरत्न है ओपल।
यह शुक्र ग्रह व चंद्र का उपरत्न है आइए जानते हैं ओपल क्या है? और इसके लाभ क्या है? इसे कैसे और कब तथा किसे धारण करना चाहिए।
Panna pahanne ke labh. पन्ना रत्न क्या है। किस गृह से सम्बंधित है। उसको पहनने से लाभऔर कैसे पहनाए।
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिष सलाह जरूर लेनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार किसी भी रत्न का लाभ तभी प्राप्त होता है, जब इसे सही विधि, राशि और कुंडली में चल रहे ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर धारण किया जाए।
शुक्र ग्रह को आकर्षण, सौभाग्य, ऐश्वर्य, धन-वैभव और प्रेम का कारक माना गया है। सफेद रंग का ओपल रत्न धारण करने से समाज में व्यक्ति की लोकप्रियता बढ़ती है और व्यक्ति का वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
ओपल स्टोन एक प्रकार का रत्न है जो अपनी बेहद सुंदर रंगों के लिए जाना जाता है। इसमें आमतौर पर नीला, हरा, पीला और लाल रंग होते हैं। इसकी एक खासियत यह है कि इसमें आवेंट्युरेसेंस कहलाने वाली चमक होती है जो इसे और भी आकर्षक बनाती है। इस रत्न का प्रयोग आभूषण बनाने में किया जाता है और इसे धातु या सोने के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है।
ओपल स्टोन की रचना सिलिकेट मिनरल से होती है जो आमतौर पर जहाजों या ट्रकों में पाए जाने वाले सिल बॉक्स के रूप में उपयोग किये जाने वाले मटेरियल से प्राप्त होता है। इसकी मूल रचना सिलिका एवं हैमेटाइट होती है। ओपल स्टोन में अनेक प्रकार के धातु एवं अन्य तत्व शामिल होते हैं, जो इसके रंग और उसकी खूबियों में विभिन्नता लाते हैं। यह रत्न धातुओं जैसे कॉपर, लिथियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक से भी संयुक्त हो सकता है।
ओपल रत्न पहनने के लाभ (Benefits Of Opal Stone)
ज्योतिष के अनुसार, ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है। ओपल रत्न पहनने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। यदि पति-पत्नी के बीच हमेशा अनबन बनी रहती है तो इस रत्न को धारण करने से समस्या दूर होती है। साथ ही जो लोग हीरा नहीं धारण कर सकते क्योंकि हीरा मंहगा आता है। तो वो लोग भी ओपल पहन सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। विशेषकर टीवी, सिनेमा, थिएटर और आईटी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न लाभकारी होता है।
ओपल स्टोन के कुछ अन्य लाभ हैं:
यह रत्न स्वस्थ जीवन और संतुलित भावनाओं के लिए जाना जाता है।
यह व्यक्ति को नेत्र रोग से बचाता है और आँखों की रोशनी को बढ़ाता है।
यह भावनात्मक अस्थिरता और उतार-चढ़ाव से निजात दिलाता है।
इसका प्रयोग अधिक उत्साह, सक्रियता और संतुलित मानसिक स्थिति के लिए किया जाता है।
यह व्यक्ति को मानसिक चंगाई देता है और स्पष्टता का अनुभव कराता है।
इस रत्न को समृद्धि, सौभाग्य, प्रेम और सुख के लिए भी उपयोग किया जाता है।
यह रत्न अन्य रत्नों के साथ मिलाकर भी धारण किया जा सकता है और फलों को बढ़ाने में मदद करता है।
इसका प्रयोग मेडिटेशन या योग के दौरान भी किया जाता है।
इन सभी लाभों के अलावा, ओपल स्टोन को शुभ और अच्छे भाग्य के लिए भी धारण किया जाता है।
किन राशि के जातकों के लिए लाभकारी है ओपल
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ज्योतिष शास्त्र मुताबिक ओपल रत्न को वृष, तुला, कुंभ और मकर राशि के जातक धारण कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही मिथुन, कर्क, कन्या, और मकर राशि के जातक भी इस रत्न को ज्योतिष की सलाह पर धारण कर सकते हैं। जो लोग फिल्म, फैशन डिजाइनिंग, कला और मीडिया के क्षेत्र से जुड़े लोग भी धारण कर सकते हैं। साथ ही जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह सकारात्मक यानी शुभ स्थित हों तो ओपल रत्न पहना जा सकता है। लेकिन ओपल रत्न के साथ माणिक्य, मोती और मूंगा पहनने से बचना चाहिए। ओपल के साथ नीलम और गोमेद पहना जा सकता है।
कैसे धारण करें ओपल रत्न
इसे धारण करने के लिए किसी भी माह की शुक्ल पक्ष के शुक्रवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। पहनने से पहले रत्न को कच्चे दूध और गंगाजल में डालकर शुद्धि कर लें। फिर रत्न को किसी सफेद कपड़े के ऊपर रखकर शुक्र के मंत्र ‘ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’ की एक माला जाप करें और फिर इसे सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में धारण कर लें। कई लोग इसे तर्जनी में भी धारण करते हैं।
ओपल रत्न कितने दिन में असर दिखाता है
लगभग 11 दिन से लेकर 21 दिन के अंतराल में ही आपको ओपल रत्न के असर दिखने लग जाएंगे। बशर्ते आपको रत्न धारण करने के बाद इसके नियमों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।