bistar par bhojan nahi karna cahiye, bistar par bhojan, बिस्तर पर खाना नहीं खाना चाहिए
शास्त्रों में कहा गया है जैसा खाए भोजन वैसा हो जाएं मन अर्थात व्यक्ति जैसा भोजन खाता है उसकी मन स्थिती भी वैसी हो जाती है। रामायण में भी वर्णन आता है, जब देवी सीता अशोक वाटिका में थी तो उस समय उन्होंने त्रिजटा को सात्विक भोजन की महत्ता बताई थी। महाभारत में भीष्म पितामह ने अर्जुन को भोजन के बारे में जानकारी दीजिए कि किस तरह का भोजन खाना चाहिए और किस तरह का नहीं वह किस तरह से खाना चाहिए और किस तरह से नहीं खाना चाहिए। bistar par bhojan,
आजकल तेजी से बढ़ती महानगरीय संस्कृति के कारण हमारी रोजमर्रा के जिंदगी में बहुत तेजी से कई परिवर्तन हुए हैं। कुछ आदते ऐसी है जो अब हमारी लाइफ का एक हिस्सा बनती जा रही हैं जैसे सुबह देर से उठना रात को देर से सोना, बेड पर चाय और खाना लेना आदि। ये आदते ऐसी हैं जो हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं। आपने अक्सर बड़े-बुजूर्गों को कहते हुए सुना होगा कि बिस्तर पर खाना नहीं खाना चाहिए। bistar par bhojan nahi karna cahiye
पुराने समय में घरों में जब भोजन बनता था तो रसोई में या रसोई के बाहर जमीन पर चटाई बिछा कर लोगों को गर्म-गर्म भोजन परोसा जाता था मगर आज की आधूनिक जीवनशैली में जमीन पर बैठ कर खाना खाने को बैठ हैबिट में शामिल कर लिया गया है। वर्तमान में(आजकल) तो लोगों के घरों में आलीशान डाइनिंग टेबल होती हैं, मगर दुर्भाग्य की बात तो यह है कि लोग डाइनिंग टेबल को सिर्फ दिखावे के लिए ही घर में सजा कर रख देते हैं और खाना खाने के लिए बेड या सोफे का इस्तेमाल करते हैं। बेड पर खाना खाने वाले दिवार , तकिये आदि का सहारा ले लेते है , कोई कोई तो लेटे लेटे ही भोजन करते है | यह सभी अवस्थाये खाना खाते समय बहुत गलत मानी गयी है जो शरीर पर दुष्प्रभाव डालती है।
आजकल अधिकतर लोग ऐसी बातों को अंधविश्वास मानकर उन पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन यह कोई अंधविश्वास नहीं है बल्कि इसके पीछे स्वास्थ्य से जुड़ा कारण भी है। हमारी भारतीय संस्कृति में बिस्तर पर खाना-पीना निषेध है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि बिस्तर पर बैठकर खाने -पीने से घर में अलक्ष्मी का निवास होता है यानी घर में दरिद्रता आती है।
शास्त्रों के अनुसार भोजन तीन प्रकार का होता है सात्विक राजसिक और तामसिक बिस्तर पर बैठकर भोजन करना शास्त्रों के अनुसार तामसिक भोजन माना गया है चाहे आप सात्विक भोजन ही क्यों ना कर रहे हो परंतु यदि आप बिस्तर पर बैठ कर भोजन कर रहे हैं तो यह तमस उत्पन्न करता है इसलिए इसे तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है
ज्योतिष के अनुसार
आधुनिक जीवनशैली में हमनें खाने की तरीके में भी बहुत बदलाव किया है। पहले लोग जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाया करते थे। खाना खाते वक्त किसी से बात नहीं करते थे। ज्योतिष की दृष्टि से खाना खाने की आदतों का हमारे ग्रहों पर असर पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार आपकी रसोई पर मंगल का आधिपत्य होता है और बिस्तर पर शुक्र का यदि हम बिस्तर पर भोजन करते हैं तो इससे शुक्र और मंगल दोनों को प्रीत होते हैं जो राहु का फल देने लगते हैं जिसके कारण ऐसा कहा जाता है कि राहु खराब हो जाता है और मंगल राहु तथा शुक्र जनित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। जैसे स्क्रीन की प्रॉब्लम लीवर की प्रॉब्लम स्नायु दुर्बलता तथा पैसे की तंगी आदि
भोजन कभी भी अपने बेड पर बैठकर ना खाएं। इससे अन्न का अपमान होता है और राहु अप्रसन्न होते हैं।
खाना खाते समय टीवी देखना, किताब पढ़ना ठीक नहीं होता। इससे हमारी श्वास नली में भोजन के कण फंसने का डर रहता है।
खाना खाने से पहले हाथ और पैर अवश्य धोएं। इससे हानिकारक बैक्टिरिया भोजन के जरिए हमारे पेट में नहीं पहुंच पाते। भोजन जल्दी-जल्दी ना चबााएं। भोजन के तुरंत बाद पानी ना पिएं। खाना खाने के 40 मिनट बाद पानी पी सकते हैं। भोजन हमेशा बैठकर ही करें।
भोजन कररने के बाद कुछ लोग थाली में ही अपने हाथ धो देते हैं। इससे अन्नपूर्णा का अपमान होता है। चंद्र और शुक्र अप्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे घर से बरकत चली जाती है।
थाली में जूठन छोड़ना अन्न का अपमान होता है। इससे मां अन्नपूर्णा का शाप लगता है।
भोजन करते समय हमारा मुंह पूर्व या उत्तर में होना चाहिए।
भोजन करने से पहले या भोजन करने के बाद लघु शंका करनी चाहिए।
वैज्ञानि कारण
साथ ही बिस्तर पर खाने -पीने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि जब हमें कोई बीमारी होती है या हम अस्वस्थ्य होते है तब भी उसी बिस्तर पर आराम करते हैं साथ ही धुल व अन्य कई तरह की गंदगी रहती है। जिसके कारण बिस्तर में कई तरह के छोटे छोटे सुक्ष्मजीव रहते हैं। और जब हम बिस्तर पर बैठकर भोजन करते हैं तो ये सुक्ष्मजीव हमारे शरीर में भोजन के माध्यम से प्रवेश कर जाते हैं।जिसके कारण बिस्तर पर खाना खाने पर हमे एसिडिटी और पेट की कई बीमारियां पैदा होती हैं।
कीटाणुओं के संपर्क में आने का खतरा
नींद पर नकारात्मक असर पड़ना
बिस्तर से बदबू आना
बिस्तर का जल्द गंदा होना
कीटाणुओं के संपर्क में आने का खतरा
शायद आप इस बात से वाकिफ न हों, लेकिन बिस्तर पर भोजन करने से कीटाणुओं का खतरा बढ़ जाता है।
दरअसल, जब आप बिस्तर पर खाना खाते हैं तो इससे बिस्तर पर छोटे-छोटे कीटाणु पनप जाते हैं और इसके चलते कई बार खुजली या शरीर पर दाग भी हो जाते हैं।
कभी-कभी आपकी यह आदत आपको काफी नुकसान भी पहुंचा सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप बिस्तर पर बैठकर खाना न खाएं।
नींद पर नकारात्मक असर पड़ना
बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से नींद भी प्रभावित हो सकती है। अगर आप बिस्तर पर बैठकर खाना खाते हैं तो आप तरोताजा महसूस नहीं करते और ऐसा करने पर आपका दिमाग सोचने लगता है कि बिस्तर सोने की जगह नहीं है।
इसके अलावा बिस्तर पर खाना खाने के बाद इसी पर सोने पर शरीर अच्छा महसूस नहीं करता और नींद आने में दिक्कत होती है।
इसलिए बेहतर होगा कि आप बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से बचें।
बिस्तर से बदबू आना
बिस्तर पर ही भोजन करने से बिस्तर से बदबू भी आने लगती है। दरअसल, कई बार भोजन के अंश बिस्तर पर चिपक जाते हैं और इससे बिस्तर पर कीटाणु पनपने और बदबू होने का डर बना रहता है।
इसलिए अगर आपकी बिस्तर पर बैठकर खाना खाने की आदत है तो इस आदत को जल्द से जल्द सुधारने की कोशिश करें, वर्ना आपको ऐसी ही बदबू का सामना करना पड़ सकता है।
बिस्तर का जल्द गंदा होना
बिस्तर पर बैठकर खाना खाने का एक नुकसान यह भी है कि बिस्तर बहुत जल्दी गंदा हो जाता है। कभी-कभी बिस्तर पर खाने का दाग भी लग जाता है जिसे साफ करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
अगर आप भी इन परेशानियों से दूर रहना चाहते हैं तो आपको कभी भी बिस्तर पर खाना नहीं खाना चाहिए। ये आदत आपको बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इससे जल्द छुटकारा पाएं।