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दक्षिण दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए? । Dakshin disha


नमस्कार दोस्तों पायस एस्ट्रो में आपका स्वागत है वास्तु शास्त्र में लिखा है कि आपको दक्षिण की तरफ सिर करके या पूर्व की तरफ सिर करके सोना चाहिए। ऐसा क्यों लिखा है इसके वैज्ञानिक व आध्यात्मिक कारण क्या है? दोस्तों हम सभी जानते हैं कि दक्षिण की तरफ सिर करके सोना अच्छा होता है परंतु लोग यह भी कहते हैं कि जानवर किसी भी तरफ अपना पैर या सर करके सो जाते हैं इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि जानवर इंसानों के मुकाबले प्रकृति से ज्यादा जुड़े होते हैं। जैसे कि पक्षियों के अंदर उनके दिमाग में नेचुरल कंपास फिट होता है। जिससे वे रास्ता भटकते नहीं हैं। जबकि इंसान रस्ता भटक जाते हैं।
इसी तरह जब भूकंप आने वाला होता है तो जानवर की कभी भी भूकंप में दबकर मौत नहीं होती। भूकंप आने से पहले वे सुरक्षित जगह पर पहुंच जाते हैं। प्रयोग द्वारा यह सिद्ध किया जा चुका है। प्रकृति के साथ कनेक्ट होने के बाद भी जानवर क्यों नहीं दक्षिण की तरफ ही सर कर के सोते हैं। Dakshin disha


दोस्तों यह मान्यता है कि पश्चिम की दिशा में या उत्तर की दिशा में सर रखकर सोने से बुरे सपने आते हैं। बहुत से विद्वानों का मानना है कि उत्तर दिशा में देवताओं की दिशा होती है इसीलिए उस तरफ पैर करके सोना अच्छा नहीं होता।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है इस तरफ दुष्ट देवताओं का निवास होता है इसलिए दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए। पूर्व दिशा की तरफ पैर करके भी सोना अच्छा नहीं माना जाता। पूर्व दिशा में सर रखकर सोना चाहिए इससे ज्ञान की बढ़ोतरी होती है। प्रचलित विश्वास है कि उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से शांति सेहत समृद्धि धन और आयु की प्राप्ति होती है। पश्चिम की ओर पैर करके सोने से विद्या की प्राप्ति होती है।

सोते समय आपका से दक्षिण या पूर्व क्यों होना चाहिए सबसे अच्छा पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना माना गया है। सूर्य पूर्व से उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है। इस धारा के विपरीत प्रभाव में सोना अच्छा नहीं है अर्थात पूरब की ओर पैर करके सोना अच्छा नहीं माना जाता।

दरअसल, पृथ्वी के दोनों ध्रुवों उत्तरी (North pole) तथा दक्षिण ध्रुव (South pole) में चुम्बकीय प्रवाह (Magnetic flow) होता है। उत्तरी ध्रुव पर धनात्मक (+) प्रवाह तथा दक्षिणी ध्रुव पर ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। उसी तरह मानव शरीर में भी सिर में धनात्मक (+) प्रवाह तथा पैरों में ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। विज्ञान के अनुसार दो धनात्मक (+) ध्रुव या दो ऋणात्मक (-) ध्रुव एक दूसरे से दूर भागते हैं। अत: यदि आप दक्षिण में पैर करके सोते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक साबित होता है।

जब हम उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो उत्तर की धनात्मक तरंग तथा सिर की धनात्मक तरंग एक दूसरे से दूर भागती हैं। जिससे हमारे दिमाग में हलचल होती है और बेचैनी बढ़ जाती है। जिससे अच्छे से नींद नही आती है और सुबह सोकर उठने के बाद भी शरीर में थकान रहती है। जिससे ब्लड प्रेशर अंसतुलित हो जाता है जिसके चलते मानसिक बीमारियां या चिढ़चिढ़ापन हो जाता है।

लेकिन जब हम दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो दक्षिण की ऋणात्मक (-) तरंग तथा सिर की धनात्मक (+) तरंग आपस में मिल जाती हैं। जिससे चुम्बकीय प्रवाह आसानी से हो जाता है और दिमाग में कोई हलचल नहीं होती है और अच्छी नींद आती है। सुबह उठने पर तरोताजा महसूस करते हैं तथा मानसिक बीमारियों का खतरा नहीं होता है।

यहां जितनी भी बातें बताई गई हैं यह सारे प्रयोग उत्तरी गोलार्ध में रहने वाले लोगों पर किए गए हैं। क्योंकि दुनिया में ज्यादातर जनसंख्या उत्तरी गोलार्ध में रहती है। दक्षिणी गोलार्ध जहां पर ऑस्ट्रेलिया न्यूज़ीलैंड आदि देश आते हैं वहां पर इस तरह का कोई प्रयोग हमारे धर्म शास्त्रों में नहीं किया गया है और किया भी होगा तो उसकी हमें जानकारी नहीं है। जैसे कि वास्तु शास्त्र में कई बार ऐसा होता है कि दक्षिणी गोलार्ध में रहने वाले लोगों के लिए वास्तु के नियम कुछ अलग हो जाते हैं। ऐसे ही हो सकता है कि दक्षिणी गोलार्ध में रहने वाले लोग अपना सर यदि उत्तर की तरफ रखकर सोए तो वह अच्छा महसूस करते हो। फिर से ध्यान दीजिए मैंने कहा हो सकता है, यह प्रमाणित नहीं है। परंतु जहां हम रहते हैं यानी उत्तरी गोलार्ध में यह बात प्रमाणित हो चुकी है।

अब हम मुख्य बात करते हैं कि जानवर किसी भी तरह अपना सर और पैर करके सो जाते हैं। उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता तो फिर इंसानों को क्यों पड़ता है या इंसानों को क्यों? स्पष्ट बात है कि कुछ लोग तर्क के द्वारा यह सवाल जरूर पूछेंगे। तो इसका उत्तर यह है कि यह सारी बातें हमारे शरीर के रक्त संचार से संबंधित है हमारे शरीर का रक्त संचार जितना अच्छा होगा हमारे शरीर में इतनी अच्छी इस पूर्ति और स्वास्थ्य होगा खून की कमी से सैकड़ों बीमारियां होती हैं यह आप लोग भली-भांति जानते होंगे यदि शरीर का रक्त संचार अच्छा होता है तो हम किसी भी तरह की बीमारी से लड़ सकते हैं।

यदि आप दक्षिण की तरफ सिर करके सोते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर पर रहता है जिससे नींद अच्छी आती है और स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है तथा आप स्फूर्तिवान महसूस करते हैं। उसके मुकाबले उत्तर की तरफ सिर करके सोते हैं तो इससे आपका शरीर थोड़ा सा थका हुआ महसूस करता है। कहा जाता है कि छोटे बच्चे किसी भी तरफ अपना सर पैर कैसे भी करके सो जाएं उनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्यों क्योंकि बच्चे दिन भर भागदौड़ करते हैं और पर्याप्त फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। जिसके कारण उनके शरीर का रक्त संचार सही रहता है। इसी तरह से जानवर भी प्रॉपर फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। जब सोते हैं तो उसी समय सोते जिस समय नींद की आवश्यकता होती है। धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि सन्यासी को पूर्व की तरफ सिर करके सोना चाहिए और गृहस्थ को दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए। दरअसल सन्यासी आज की तरह मठाधीश नहीं होते थे वह हमेशा चलते रहते थे और शारीरिक श्रम करते रहते थे। आपने कहावत सुनी होगी रमता जोगी बहता पानी, यानी कि संत या सन्यासी एक स्थान पर नहीं रुकता बल्कि वह चलता रहता है। उनकी फिजिकल एक्टिविटी पर्याप्त जाती थी। ग्रहस्त लोगों के साथ क्या होता है कि उन्हें एक ही स्थान पर रहना होता है अगर वह किसान भी है तो कुछ खास दिनों में उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी और अन्य दिनों में अपनी सामान्य दिनचर्या करता था। और यदि बिजनेस क्लास का व्यक्ति है तो फिर उसे ज्यादातर समय अपने स्थान पर बैठे रहना पड़ता था।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे शरीर की धमनियां व नाड़ियाँ जिनमें रक्त संचार होता है वह कड़ी होती जाती जिसके कारण ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, किडनी की प्रॉब्लम इस तरह की समस्याएं आम होती हैं। शारीरिक श्रम कम होने के कारण इस तरह की समस्याएं शरीर में जगह बना लेती है। बचपन में किशोरावस्था और युवावस्था में हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होती। परंतु जैसे ही उम्र 35 के पार पहुंचती है इस तरह की समस्याएं शरीर में घर बनाने लगती क्योंकि आप शरीर पहले जैसा शक्तिशाली नहीं रहा जाता साथ ही अपने अनुभव के कारण उस तरह के शारीरिक श्रम भी नहीं कर पाते जो पहले किया करते थे। इसीलिए ज्यादातर लोगों के पेट निकल आते हैं। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ढेरों सारे नियम बनाए गए। जिसमें भोजन के नियम, दिनचर्या सम्बंधित नियम आदि शामिल है। दक्षिण की तरफ सिर करके सोने का नियम भी इसी शृंखिला में शामिल हैं। जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी पाए धन्यवाद दोस्तों हम इसी तरह काम की जानकारी लाते रहेंगे।

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