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How to improve your Aura, रत्नो से अपना औरा कैसे मजबूत करें

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नमस्कार पायस एस्ट्रो में आपका स्वागत है। हमारे शरीर के चारों ओर पाया जाने वाला औरा क्या होता है। इसके कमजोर या मजबूत होने से हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसे ज्योतिष, कर्मकांड यानि पूजापाठ, मन्त्र, आयुर्वेद, रत्न या स्पर्श चिकित्सा द्वारा कैसे मजबूत किया जाए? इस विषय में यह लेख है।

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइबर राहुल प्रतीक जी ने यह सवाल हमसे पूछा कि औरा को मजबूत करने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं। हम धन्यवाद देना चाहेंगे राहुल जी का जिन्होंने इस लेख को लिखने के लिए हमें प्रेरित किया।

बहुत सारी फिल्मों में औरा के बारे में बताया गया है। जितनी भी स्प्रिचुअल यानी आध्यात्मिक फिल्मे हैं उनमे अक्सर औरा दिखाया जाता है। अभी कुछ साल पहले रोबोट 2.0 में भी इसके बारे में बताया गया है। आपने भगवानो की फोटो देखी होगी उनके मुख के चारों और तेज दिखाया गया है। हालांकि इसे औरा नहीं कहते, इसे हेलो यानि आलोक कहा जाता है। जब औरा बहुत बड़ा और प्रभावी यानि बहुत सकारात्मक हो जाता है तो इस प्रकार का तेज उत्पन्न होता है।

दुनिया में पाई जाने वाली हर चीज के चारों ओर औरा होता है। इसे हिंदी में आभा कहते हैं। सम्पूर्ण औरा के प्रभाव को आभा मण्डल कहा जाता है। मनुष्य के चारों यह परत के रूप में पाया जाता है जिसे हम उनका आभा मण्डल कहते हैं। वैज्ञानिक इसे इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक फील्ड कहते हैं। जिसे वो कुछ उपकरणों से नापते हैं।

वैज्ञानिको का मानना है कि दुनिया में पाई जाने वाली हर चीज़ ऊर्जा है। पहले माना जाता था कि संसार दो चीजों से मिलकर बना ऊर्जा और द्रव्य यानि एनर्जी और मेटर। फिर माना गया की संसार केवल ऊर्जा है। अब कुछ लोग जो स्टिंग थ्योरी को महत्त्व देते हैं उनका मानना है की संसार एक तरंग है। इस विषय में नोकोला टेस्ला कहते है की संसार एनर्जी, फिकवेंसी और वाइब्रेशन है। ये शोध का विषय है। जैसे जैसे हम बढ़ते रहेंगे नहीं बाते पता चलती रहेंगी।

वैज्ञानिक औरा को ह्यूमन एनर्जी फील्ड कहते हैं। आध्यात्मिक लोग इसे औरा या आभामंडल कहते हैं। यह आंखों से देखना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन हमारा सबकॉन्शियस माइंड यानी अवचेतन मन इसे देख लेता है। किर्लियन फोटोग्राफी से किसी का भी और देखा जा सकता है। आपने कई बार महसूस किया होगा कि किसी व्यक्ति को देखकर आपको बड़ा अच्छा महसूस होता है। आपका मन उसके पास बैठने को करता है या आप उससे बात करना कहते हो। कई बार किसी आदमी को देखकर बड़ा बुरा महसूस होता है। भले ही उसने आपका कुछ न बिगाड़ा हो। ये सब उसके और आपके आभा मण्डल के मिलने के कारण होता है। इसी से हमारी संगती का पता चलता है।

आपने यह सुना होगा कि शराबी को जंगल में भी छोड़ देंगे तो वह अपनी संगति ढूंढ ही लेगा। चोरों की संगति अक्सर चोरों के साथ होती है और संतों की संगति संतो के साथ। अगर आप आध्यात्मिक पुरुष या महिला हैं तो आप कही भी जाएँ आपको अक्सर आध्यात्मिक लोग ही मिलेंगे। आप की संगति ऐसे ही लोगों के साथ होगी क्योंकि आपका औरा और उनका औरा दोनों एक जैसे हैं। इसी लिए बच्चों को कहा जाता है की आप संगती का ध्यान रखें अच्छे लोगों से दोस्ती करें।

औरा हमारे मेंटल फिजिकल और इमोशनल कंडीशन को दर्शाता है। जिससे सामने वाला हमें देख कर भांप लेता है कि हमारी स्थिति कैसी है। आकर्षण का विज्ञान क्या कहता है आपकी औरा जितनी पावरफुल है और जिस रंग की है आप उसी तरह के औरा और उसी रंग के अनुकूल व्यक्ति की तरफ आकर्षित होंगे।

आप दुखी और निराश होते हैं तो आपका औरा घट जाता है और जब आप खुश व ऊर्जा से भरे होते हैं तो आपका औरा बड़ा हो जाता है। जब आपके अंदर आध्यात्मिक शक्तियां आती हैं तो आपका औरा उससे भी ज्यादा बड़ा हो जाता है और जब आप से लोग डरते हैं तब भी आपका और बड़ा होता है। यानी जब भी आप में सामाजिक आर्थिक या आध्यात्मिक शक्ति आएगी तो आपका औरा बड़ा होगा और आप लोगों को प्रभावित कर पाएंगे। हंसमुख लोगों का और काफी बड़ा होता है और पॉजिटिव होता है इसीलिए ज्यादातर लोग उनकी ओर आकर्षित होते हैं

वैसे आप लोग औरा के बारे में इससे ज्यादा जानते होंगे। मुद्दे की बात यह है कि हम कैसे अपने औरा को मजबूत कैसे बनाएं, उसे पॉजिटिव बनाएं क्योंकि मजबूत औरा और पॉजिटिव औरा यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
उदाहरण के लिए माना मैं एक डाकू हूं। लोग मेरा नाम सुनका डर जाते हैं। मेरा औरा तब भी प्रभावी है क्योंकि लोग मुझसे डरते हैं। मेरा सम्मान करते है पर नकारत्मक रूप में यानि दिखवे के लिए।
वहीं दूसरी तरफ मैं लोगों की मदद करने वाला हूँ तो लोगों के मन में मेरे प्रति सम्मान का भाव होगा। मेरे से वह लोग मिलना चाहेंगे, जब के डाकू के रूप मिलना नहीं चाहेंगे।
दोनों ही स्तिथियों में और मज़बूत है पर एक तरफ नकारत्मक और एक तरफ सकारात्मक है। आप कैसा औरा कहते हैं बिकुल स्पस्ट है “पॉजिटिव”।

ज्योतिष के अनुसार आपका जन्म आपका स्वभाव सोचने का तरीका और आपका स्वस्थ कैसा होगा यह निर्धारित करता है। वही आपके औरा को भी दर्शाता है। लाभ हानि, सुख दुःख, जय पराजय जीवन का हिस्सा है। सामान्य लोगों का औरा सुख के समय बढ़ जाता है और दुःख के समय घट जाता है। पर इस सुख दुःख में आपका औरा सम रहता है तो आप महापुरुष की श्रेणी में आते है।
जब आप बीमार पड़ते है तो सबसे पहले आपके और में टूट फुट होती है फिर आपका सरीर बीमार होता है। जब आपको फाइनेंसियल लॉस यानि आर्थिक नुकसान होने वाला होता है तो आपका और घाट जाता है। इन सबका कारक लग्न होता है। इसलिए यदि आप होने और को मजबूत करना चाहते हैं तो लग्नेश का रत्न धारण करें।

मेष लग्न का स्वामी ग्रह मंगल है और मंगल ग्रह का रत्न मूंगा है इसलिए मेष लग्न वालों को मूंगा रत्न धारण करना चाहिए। इससे उनका औरा तो मजबूत होगा ही साथ ही उन्हें शारीरिक-मानसिक बल, धन-वैभव, रिश्ते, दोस्त आदि कई सुख मिलते हैं।

वृषभ लग्न का स्वामी ग्रह शुक्र है और शुक्र राशि का रत्न हीरा है इसलिए वृषभ लग्न वालों को हीरा, ओपल, जरकन या शुक्र मणि रत्न धारण करना चाहिए। जिससे आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या भी दूर होती है।

मिथुन लग्न का स्वामी बुध है और बुध ग्रह का रंग हरा है इसलिए मिथुनलग्न वालों को हरे रंग का पन्ना या ओनेक्स रत्न पहनना चाहिए। इससे उन्हें अच्छी वाणी, बिज़नेस में मुनाफा, अच्छी सेहत, धन-धान्य तथा अन्य बहुत कुछ प्राप्त होता है।

कर्क लग्न का स्वामी ग्रह चंद्र है और ग्रह चंद्र का रत्न मोती है इसलिए कर्क लग्न के जातकों को मोती रत्न पहनना चाहिए। इससे उन्हें मानसिक शांति, अच्छा स्वास्थ्य, विभिन्न सुख-सुविधाएं और लंबी आयु प्राप्त होती है।

सिंह लग्न का स्वामी ग्रह सूर्य है और सूर्य का रंग लाल है इसलिए सिंह लग्न वाले लोगों को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। इससे उन्हें बिज़नेस में लाभ, अच्छा स्वास्थ्य, ऊंचा मुकाम और प्रसिद्धि मिलती है.

कन्या लग्न का स्वामी ग्रह बुध है और इसका रंग हरा है इसलिए कन्या लग्न वालों के लिए ग्रीन कलर का पन्ना या ओनेक्स धारण करना चाहिए। इससे इन्हें आत्मविश्‍वास, धन-वैभव और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।

तुला लग्न पर शुक्र ग्रह रूल करता है और शुक्र ग्रह का रत्न हीरा है इसलिए तुला लग्न के जातकों को हीरा या ओपल रत्न पहनना चाहिए।

वृश्‍चिक लग्न का स्वामी ग्रह मंगल है और मंगल ग्रह का रंग लाल है इसलिए वृश्‍चिक लग्न वालों को लाल रंग का मूंगा रत्न पहनना चाहिए। इससे उन्हें शारीरिक-मानसिक बल, धन-वैभव, रिश्ते, दोस्त आदि कई सुख मिलते हैं।

धनु लग्न का स्वामी ग्रह गुरु है और गुरु का रंग पीला है इसलिए धनु लग्न के जातकों को पीला पुखराज या सुनहला रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। इससे इनका मान-सम्मान बढ़ता है, धन-वैभव और विद्या में वृद्धि होती है, स्वास्थ्य और ऊर्जा हमेशा बनी रहती है।

मकर लग्न का स्वामी ग्रह शनि है और शनि का रंग काला है इसलिए मकर लग्न के जातकों को नीलम, नीली या लाजवर्त रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे उन्हें आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ, यश-कीर्ति और आत्मविश्‍वास मिलता है।

मकर लग्न की तरह ही कुंभ लग्न का स्वामी ग्रह भी शनि है और शनि का रंग काला है इसलिए कुंभ लग्न के जातकों को नीलम नीली या लाजवर्त रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे उन्हें आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ, यश-कीर्ति और आत्मविश्‍वास मिलता है।

मीन लग्न के स्वामी गुरु यानि बृहस्पति हैं। गुरु ग्रह का रत्न पीला पुखराज या सुनहला होता है। इसलिए मीन लग्न के जातकों को पीला पुखराज या सुनहला रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। इससे इनका मान-सम्मान बढ़ता है, धन-वैभव और विद्या में वृद्धि होती है, स्वास्थ्य और ऊर्जा हमेशा बनी रहती है।

आपके लिए कौन-सा रत्न सही है, ये आप अपने ज्योतिष से ज़रूर पूछें

इसके अलावा कुछ और रत्न भी हैं जिन्हे धारण करने से आपका औरा शक्तिशाली होता है।

सबसे पहले नो पर मोल्डावाइट स्टोन आता है। यदि आप आध्यात्मिक है और धर्म और परोपकार के मार्ग पर चलते हैं। लोगों की मदद करने के कारण आपके और में टूट फुट हो जाती है। तो ऐसी स्तिथि में आपके लिए मोल्डावाइट किसी वरदान से काम नहीं। स्पर्श चिकित्सा जैसे रेकी, प्राणिक हीलिंग या कॉस्मिक हीलिंग करने वाले लोग दुसरो की बीमारी तो ठीक कर देते हैं मगर वो खुद बीमार हो जाते हैं। मैंने कई लोगों को देखा है मेरे स्वयं का भी ये अनुभव है, कारन वही औरा की टूट फुट। उन लोगों के मोल्डावाइट सुरक्षा प्रदान करता है। यदि कोई समस्या होती है तो उसे बहुत जल्दी ठीक कर देता है।
इसी तरह जेड स्टोन भी बहुत कारगर होता है। इसी तरह हीलिंग क्रिस्टल भी होते है जिन्हे अपने आसपास रखने से औरा मजबूत होता है। जैसे
क्लियर क्वार्ट्ज़: आपको अपनी ऊर्जा में कमी महसूस होती है तो इसे अपने पैसा रखे औरा की ऊर्जा बनाये रखता है।
जैस्पर: टेंशन बहुत है जससे औरा प्रभवित हो रहा है तो जैस्पर धारण करें।
टाइगर स्टोन ये आपको डर पर काबू पाने में बहुत मदद करता है।
एक और पत्थर है जिसे मून स्टोन कहा जाता है यह मन को नियंत्रित करने में बहुत योगदान देता है आपका कंफिडेंस बढ़ता है।
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का और सूर्य आत्मा का कारक होता है। यदि आपका मन और आत्मा दोनों ही शक्तिशाली है तो आपका औरा भी बहुत शक्तिशाली होगा। दो रत्न जैस्पर सूर्य के लिए और मूनस्टोन चंद्र के लिए धारण किया जा सकता है।

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