kala dhaga, kalava bandhne ke labh, काला धागा या कलावा बांधने के लाभ।
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नमस्कार दोस्तों पायस एस्ट्रो में आपका स्वागत है। मान्यताओं के अनुसार, बुरी नजर या शनि दोष से बचने के लिए काला धागा बांधा जाता है। लाल किताब नाम के ज्योतिष ग्रन्थ में भी काले धागे का उपाय बताया जाता है। इस धागे को आप गले, बाजु, कमर, पैर या फिर कलाई में बांध सकते हैं। काला धागा किस काम आता है? और इसे क्यों बांधा जाता है? इस लेख में हम आपको यही जानकारी देने वाले हैं।
लोग इसे बुरी नज़र से व शनि दोष से बचने के लिए पहनते हैं। कुछ लोग स्वास्थ तथा आर्थिक लाभ के लिए भी इसे पहनते हैं। आइये पहले इसका इतिहास जान लेते हैं।
जब भारत में इस्लाम आया तो उन्होंने हिन्दुओं की बहुत सी मान्यता को इस्लाम ने स्वीकार कर लिया। ऐसे ही हिन्दुओं ने मुसलमानो के कई संस्कारों को ग्रहण कर लिया उसमे से एक काला धागा है। आप मस्जिदों में जाइये मौलवी जी आपके शुभ के लिए एक धागा बना कर देंगे। बच्चा की गर्भ में रक्षा के लिए मौलवियों द्वारा हमल की हिफाजत का नक्श या हमल की हिफाजत का तावीज या धागा दिया जाता है। वो दुआ पढ़ते हैं और गांठ लगा देते है। इसी तरह आपकी आर्थिक व सामाजिक उन्नति के लिए भी बिस्मिल्लाह के बाद वजीफा पढ़कर धागे के एक सिरे पर गांठ लगा कर उसपर दम करते हैं।
इसका ओरिजन यानि शरुआत रक्षा सूत्र है। हिन्दू लोग रक्षा बंधन वाले दिन एक दूसरे को राखी (रक्षा सूत्र) बांधते थे ताकि वो एक दूसरे की रक्षा कर सकें। ब्राम्हण अपने यजमान को रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनसे दक्षिणा स्वरुप इक्षित वस्तु मांगते थे। जैसा की राजा बलि से वामन अवतार द्वारा माँगा गया था। वास्तव में भाई बहन का त्यौहार रक्षा बंधन नहीं है बल्कि भाई दूज है पर फिल्मों ने इसे भाई बहन का त्यौहार बना दिया।
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जी रक्षा सूत्र आज कलावा कहा जाता है। उसका प्रभाव भी उतना ही होता है जितना काले धागे का होता है। हिन्दू धर्म में लाल रंग ऊर्जा का रंग कहा जाता है और पीला रंग शुभता का है। इसलिए कलावा लाल -पीले रंग का होता है। विद्वान लोग इसे अभिमंत्रित करके पहना देते थे जिससे स्वास्थ, धन, सामाजिक व रिस्तो से सम्बंधित समस्याएँ दूर हो जाती थी। आज भी कई लोग लाल डोरे वाले बाबा या कलावे वाले पंडित जी के नाम से प्रसिद्ध हैं।
मैंने भी कई बार लोगों को गायत्री मन्त्र पढ़ के कलावा बना कर दिया है और 90% लोगों को इसका लाभ भी हुआ है। आप लोग भी इस प्रयोग को करके देखें। निश्चित लाभ होगा।
जब भारत में इस्लाम सूफी के रूप में आया तो उन्होंने दरगाहों में हिन्दुओं को बुलाना शरू कर दिया और जैसे हम मंदिर में सामग्री अर्पित करते थे वैसे ही उन्होंने चढ़ावा चढाने को कहा। जैसे हमारे पंडित जी या साधु जन कलावा बांध कर आशीर्वाद देते हैं वैसे ही काले धागे को उन्होने अपनाया क्योकि इस्लाम में काला रंग शैतान का प्रतिक है। शैतान से बचने के लिए काला धागा बांधना शरू किया। मनोवैज्ञानिक रूप से यह काम भी करता है।
जैसा मैंने राहुकाल के लेख में बताया है की जिन्होंने सप्ताह बनाये उन्हें ही नहीं पता की सोमवार बाद मंगलवार क्यों आता है पर भारतियों ने इसका भी लॉजिक बना दिया। वैसे ही काले धागे को शनि राहु के साथ जोड़ दिया गया। इसे शनि का प्रतीक बना दिया गया वैष्णो देवी के पास भैरव बाबा का मंदिर है वहां पर काला धागा चढाने की परंपरा है। ये अन्धविश्वास नहीं है ये काम करता है।
दोस्तों वास्तव में अंधविश्वासी वो लोग नहीं जो मंदिर दरगाओं, गुरद्वारों या धार्मिक स्थल पर जाते हैं। बल्कि वो लोग है जिन्हे इस बात का विश्वास है की ये सब बकवास है वो अंधविश्वासी है। क्योकि उनका विश्वास अँधा चुका है मतलब अपने सिवा किसी दूसरे की मानने को तैयार ही नहीं है।
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शरीर में काला धागा बांधने के फायदे
माना जाता है कि काले धागे में व्यक्ति को बुरी नजर से बचाने की असीम क्षमता होती है। यह उसे काली शक्तियों से बचाता है।
यह शनि ग्रह से सम्बंधित होता है। जैसे लोहे का छाला पहनने से शनि से सम्बंधित समस्याओं से छुटकारा मुलता है वैसे ही काला धागा पहनने से व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह मजबूत होता है। इससे शनिदोष से भी मुक्ति मिलती है।
शनि के साथ-साथ राहु और केतु को मजबूत बनाने में भी काला धागा काफी असरदार माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में ये दोनों ग्रह कमजोर अवस्था में हों तो पैर में काला धागा बांधने से आपको निश्चित ही लाभ होगा। ज्योतिष में इन दोनों को ही छाया ग्रह माना गया है। आपकी कुंडली में किसी दुश्मन ग्रह के साथ मिलकर राहु और केतु आपको काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में काला धागा पहनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
आर्थिक लाभ के लिए इस दिन बांधे काला धागा Arthik labh ke liye kaala dhaga
मंगलवार या शनिवार के दिन शरीर में काला धागा बांधना बेहद फायदेमंद होता है। खासकर इस दिन दाहिने पैर में काला धागा बांधना शुभ होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति का आर्थिक जीवन सुखी होता है। घर में धन-समृद्धि का आगमन होता है।
सेहत के लिए कारगर होता काला धागा sehat ke liye kaala dhaga
सेहत के लिहाज से भी काला धागा बांधना फायदेमंद होता है। पेट दर्द से पीड़ित व्यक्ति अगर अपने पैरों के अंगूठे में इस धागे को बांध ले तो उसका पेट दर्द कम हो जाता है। पैर में काला बांधने से पैर की चोटें ठीक हो जाती हैं। जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उसे काला धागा पहनाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
घर को बुरी नजर से बचाने के लिए बांधें काला धागा
घर को बुरी नज़र से बचाने के लिए काले धागे का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए काले धागे में नींबू-मिर्ची बांधकर घर के मुख्य दरवाजे पर लटका सकते हैं। ऐसा आपने कई घरों के मुख्य द्वार या व्यापारिक अनुष्ठानों पर जरूर देखा होगा।
काला धागा पहनने से पहले बरतें ये सावधानियां
शनिवार के दिन काला धागा बांधना शुभ होता है।
काले धागे को अभिमंत्रित करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए।
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कुछ लोग रुद्र गायत्री मंत्र का जाप करके काला धागा बांधने के लिए देते हैं। मन्त्र इस प्रकार से है। मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
शरीर के जिस हिस्से में काला धागा बांध रहे हैं वहां किसी अन्य रंग का धागा न बांधें।