kaudi ke Totke,
kaudi ki keemat, कौड़ी की क्या कीमत है
“दो कौड़ी का इंसान क्या कर लेगा”
“दो कौड़ी के होकर तुम मुझसे जबान लड़ाते हो”
जेब में मेरे फूटी कौड़ी नहीं है”
उनका परिवार कौड़ी के तीन हो गया “।
कौड़ी-कौड़ी को मोहताज हो जाना, कौड़ी के मोल बिकना, दो कोड़ी का होना, दूर की कौड़ी
कुछ ऐसी कहावतें आपने सुनी होंगी। इंसान के लिए कौड़ी की क्या कीमत है इस लेख में हम आपको बताएंगे की कौड़ी कितने प्रकार की होती है कहां मिलती है और कैसे इसके अनुभूत प्रयोग द्वारा आप लाभ ले सकते हैं यानी एक कौड़ी कैसे आपको करोड़पति तक बना सकती है। कौड़ियों का धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, चिकित्सा, अर्थ, तन्त्र, रीति-रिवाज व टोटके में विशेष उपयोगी है।
विष्णु पुराण के अनुसार जब देवता दरिद्र हो गए तो उन्होंने समुद्र मंथन करने का निर्णय किया। समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले तथा अनेकों उपरत्न भी निकले जिनका उपयोग आमजन अपनी जीवन स्तर को उठाने में करते हैं। जैसा कि आप लोग जानते होंगे कि दुनिया के सबसे अमीर शहर समुद्र के किनारे ही बसे हुए हैं अमेरिका का न्यूयार्क ले लीजिए, भारत के मुंबई को ही ले लीजिए जिसे भारत की इकोनॉमी सिटी कहा जाता है। दुनिया में समुद्र से ही अमीरी का रास्ता खुलता है। उसी समुद्र से जहां से संपन्नता निकली, मां लक्ष्मी जहां से आई वहीं से एक और चीज आती है जिसे हम कौड़ी के नाम से जानते हैं। मानव इतिहास में जब वस्तुओं का आदान प्रदान शुरू हुआ तो मूल्यवान वस्तुओं में कौड़ी भी हुआ करती थी। जिसे सिक्के या रुपए के अल्टरनेट के रूप में चलाया गया। भारत में 1930 से पूर्व मुद्रारूप में प्रचलन में थी। कौड़ी समुद्री कीड़े का अस्थिकोष है। इसे साइप्रिया या देवाधिदेव कहते हैं, इसकी आकृति शिव की जटाओं से मेल खाती है अतः इसे कपार्दिन भी कहते हैं।
विश्व में 185 प्रकार की कौड़ियां होती हैं, जिनमें प्रिंस या राजा कौड़ी सर्वश्रेष्ठ है। कौड़ी मूल्यहीन है, किन्तु अपने गुणों के कारण अमूल्य बन गई है। वैसे तो कौड़ी 5 प्रकार की होती है।
सुनहरे रंग की { सिद्धि}
धूमल रंग की {व्याघ्री}
पीठ पीली व सफेद पेट {मूंगी}
सफेद {हॅसी}
चितकबरी {विदांता}
कौड़ियों को प्रयोग में लाने के लिए पहले उन्हें सिद्ध करना जरूरी है। यहां पर हम आपको लाल कौड़ी तथा पीली कौड़ी जिसे राजा कौड़ी कहा जाता है उनके प्रयोग बताएंगे। सबसे पहले हम आपको पीली कौड़ी के बारे में बताएंगे और उसे सिद्ध करने का मंत्र भी बताएंगे।
कुबेर के निम्न मन्त्र से अभिमंत्रित सिद्ध कौड़ी बनाती है
सबसे पहले किसी शुभ मुहूर्त में पाँच या सात धनलक्ष्मी कौड़ी खरीद लाएं। फिर इनको गंगाजल में धो कर साफ़ बर्तन में पीला कपड़ा बिछाकर पूजाघर में रख दें। नित्य प्रातः स्नान आदि करके भगवान की पूजा के बाद कौड़ियों की भी पूजा करें तथा निम्न मन्त्र का १०८ बार यानि १ माला रुद्राक्ष की माला से जप करें :-
मंत्र: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
यह उपाय आपको तीन माह तक करना है। जब तीन माह हो जाएं तो यह उसी पीले कपड़े जो की अपने कौड़ियों के नीचे बिछाया था में बांध कर कौड़ियां अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं वहां रखें। इस उपाय से जीवनभर आपको पैसों की कमी नहीं होगी। उपाय शुक्ल पक्ष के किसी शुभ दिन से ही शुरू करें।
राजा कौड़ी (लक्ष्मी कौड़ी) की प्रयोग विधि:-
कौड़िओं के कुछ अनुभूत प्रयोग जिनसे आप अपने घर की समस्याओं का समाधान कर सकें।
1-मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके साथ 11 कौड़ियों की भी पूजा करें। इन कौड़ियों को पीले रंग के कपडे में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से मां
लक्ष्मी प्रसन्न होगी आपकी तिजोरी हमेशा पैसों से भरी रहेगी।
2-अपने घर में सुख समृद्धि लाने के लिए अपने घर के मुख्यद्वार पर 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांध कर लटका दें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि तो आती ही है साथ ही आपके घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है।
3-अगर आप बुरी नज़र से अपना बचाव करना चाहते है तो एक पीले रंग की कौड़ी को अपने गले में ताबीज की तरह पहनें। ऐसा करने से कोई भी बुरी नज़र आपको छू भी नहीं पाएगी।
4-अगर आप आगामी सावन महीने में अपने घर की उत्तर दिशा में 11 पीले रंग की कौड़ियों को हरे कपडे में बांध कर छुपा देंगे तो कुबेर प्रसन्न होकर आपको मालामाल कर देंगे।
नकारात्मक शक्तियाँ दूर करने के लिये: कौड़ी का यह उपाय आप नवरात्रि के दिन करे या फिर नवरात्रि को आप चूक जाए तो आप इस उपाय को दिवाली के दिन भी कर सकते हैं। लेकिन नवरात्रि में यह उपाय करना अत्यंत फलदायी होता हैं। इसलिए कोशिश करे कि यह उपाय आप नवरात्रि के समय ही करे। पाँच पीली कौड़ियाँ और पाँच हल्दी की गांठ ले, और इन्हें एक काले कपड़े में बांध कर घर, या व्यापारिक स्थल के मुख्य द्वार के ऊपर लटका दे।धन प्राप्ति के लिए: लाल कपड़े में बंधी 2 अलग अलग अभिमंत्रित पीली कौड़ियां एक तिजोरी में रखें व दूसरी पर्स में रखें।
सरकारी नौकरी पाने: व नौकरी में जल्द ही तरक्की हेतु शुक्रवार के दिन, शुभ महूर्त में, अभिमंत्रित 11 कौड़ी धागे में पिरोकर कलाई में पहने।सर्व कार्य सिद्धि हेतु: अक्षय तृतीया पर अभिमंत्रित 3 कौड़ियां मौली में बांधकर बाजू में धारण करें।
लाल कौड़ी के लाभ:-
जिस तरह पीली कौड़ी होती है उसी तरह लाल कौड़ी भी होती है। लाल कौड़ी के बारे में कहा जाता है कि यह यक्षराज कुबेर के सिंहासन में जड़ी हुई थी। लाल कोडी को पहले सिद्ध करना होता है उसी के बाद इसके प्रयोग किया जाता है। उससे पहले यह एक सामान्य कौड़ी ही है। इसको सिद्ध करने के लिए अमावस्या का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अमावस्या की रात्रि से प्रारम्भ कर अगली अमावस्या तक 108 श्री सूक्त के पाठ करने से यह सिद्ध हो जाती है। श्री सूक्त माँ लक्ष्मी का पाठ है। 11 कौड़िया सिद्ध करें और केसर का तिलक लगाएं तथा किसी लाल कपड़े की थैली में बांधकर उत्तर दिशा की दिवार पर लटका दें। उत्तरी दीवार कैरियर की दीवार कही जाती है। काम धंधे की दीवार कही जाती है तथा नौकरी पेशे की दीवार कही जाती है। यदि घर के उत्तरी कोने में किसी भी तरह का वास्तु दोष होगा तो आपके काम धंधे में रुकावट आएंगे और नौकरी में परेशानियां उत्पन्न होंगी। इसीलिए उत्तरी दीवार पर लटकाने से आपके घर में कभी भी काम धंधे की कमी नहीं रहेगी।
लाल कौड़ी को सोने की चैन में डालकर लॉकिट की तरह पहनने से आप में अनोखी सम्मोहन शक्ति आ जाती है तथा समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। सात लाल कौड़ी और सात गोमती चक्र व हरसिंगार की जड़ को एक साथ सिद्ध करके एक पोटली बनाकर घर की नींव में दबा दें तो घर में रहने वाले लोगों पर कभी गरीबी का साया नहीं होगा।