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Naukari pane ke achuk upay नौकरी पाने के अचूक उपाय

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दोस्तों इस लेख में हम नौकरी के बारे में चर्चा करेंगे कि किन कारणों से नौकरी में परेशानी आती है। और अच्छी नौकरी पाने के लिए क्या उपाय करें?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौकरी दिलवाने में शनि की अहम भूमिका होती है। ज्योतिष में गुरु को जीव और शनि को कर्म कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कर्म का कारक शनि है। साथ ही कुंडली में नौकरी का मुख्य कारक शनि को मान जाता है। कुंडली में दशम भाव कर्म का भव होता है। एकादश यानि ग्यारहवा भाव लाभ का होता है। छठा भाव नौकरी का भाव होता है। कुंडली में दशम भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में हो तथा छठे भाव की स्तिथि भी अच्छी हो साथ ही शनि जो कि कर्म और नौकरी का कारक है वह भी सबल हो तो ऐसे में नौकरी के योग प्रबल होते हैं।

सूर्य और चंद्र में से किसी की दशा या अंतरदशा में सरकारी नौकरी लगने की सम्भावना अच्छी होती है। यदि मंगल की दशा हो तो वर्दी वाली जॉब मिलती है। बुध कम्युनिकेसन वाणिज्य व हिसाब किताब में नौकरी लगाता है। गुरु की दशा हो तो कॉर्पोरेट में या MNC में जॉब लगने की सम्भावना ज्यादा होती है। शनि की दशा में कारखाने में नौकरी मिलने की सम्भावना ज्यादा रहती है।

मनुष्य की कुछ आदतें ऐसी होती हैं जिसके कारण जातक को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। लाल किताब के मुताबिक पिता का निरादर करने से नौकरी नहीं मिलती। वबड़े भाई को पिता समान माना गया है इसलिए इनका निरादर करने से भी नौकरी नहीं मिलती।
लघु पाराशरी, जैमिनी या भृगु सहित के अनुसार ऐसे ग्रह हैं जो यदि कुंडली में खराब हो तो नौकरी से वंचित रह जाता है। जब कुंडली में सूर्य-राहु का ग्रहण दोष हो तो नौकरी नहीं मिल सकती है। साथ ही अगर कुंडली में चंद्रमा और केतु का ग्रहण दोष बनता हो तो ऐसे में भी नौकरी दूर की कौड़ी होती है। इसके अलावा कुंडली का दशम भाव, छ्ठा भाव या एकादश भाव का स्वामी अच्छे हालात में न हो तो व्यक्ति नौकरी के लिए सपने में भी नहीं सोच सकता है।

वास्तु के अनुसार घर की पूर्व दिशा को साफ न रखने के कारण नौकरी नहीं मिलती। उत्तर दिशा ख़राब हो तो करियर में तरक्की के मौके नहीं मिलते। दक्षिण दिशा में समस्या हो तो नौकरी स्थिर नहीं रहती। साथ ही आलस्य बहुत ज्यादा होने के कारण जातक को नौकरी नहीं मिलती है। सही समय पर न सोना और न जागना भी नौकरी में बाधा उत्पन्न करता है।

नौकरी प्राप्ति के लिए एक और बात ध्यान रखने वाली है। वह है की दशा किस ग्रह की जल रही है? जिस भी ग्रह की महादशा चल रही होगी, यदि वह ग्रह कुंडली में अनुकूल स्थिति में है तो आपको नौकरी आसानी से मिल जाएगी। और यदि वह ग्रह अनुकूल स्थिति में नहीं है तो नौकरी के लिए आपको संघर्ष करना पड़ेगा। इसलिए उपाय स्वरूप आपको उस ग्रह का उपाय करना होगा जिस की महादशा चल रही है। क्योंकि जिस की महादशा चल रही होती है वही वास्तव में उस समय का राजा होता है।

नौकरी पाने के लिए सबसे जरूरी हैआपकी जान पहचान है। अच्छी जान पहचान आपके व्यवहार से बनती है या आपके परिवार द्वारा बनाई जाती है। आपने अक्सर देखा होगा डॉक्टर के घर में डॉक्टर होते हैं। इंजीनियर के घर में इंजीनियर आईएस के घर में ही आईएस मिलेंगे। जजों का तो क्या कहना सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे तो पीढ़ी के नाम गिना देंगे के जी हमारे परिवार में कितने जज है।
इसके लिए कुंडली का दूसरा भाव मजबूत होना चाहिए। इसे परिवार का धन का व संचित धन का भाव कहते हैं। यदि दूसरा भाग कमजोर है तो व्यक्ति नौकरी करते समय अपने परिवार के लिए धन संचित नहीं कर पाएगा।

एक और बात हमारा आकर, कद काठी, रंग रूप कैसा होगा ये हमारे डी एन ए से यह निर्धारित होता है। हमारी आंखों का रंग क्या होगा हमारा स्वभाव कैसा होगा यह भी वही निर्धारित करता है। ठीक उसी तरह हमारी किस्मत भी डी एन ए द्वारा निर्धारित होती है। अमीर परिवार में जन्मा बच्चा कितना भी बुरा समय देखे, पर उसकी जिंदगी हमसे अच्छी ही होती है। इसीलिए विद्वान लोग कहते हैं की बच्चे का भविष्य माँ के गर्भ में ही निर्धारित हो जाता है।

अच्छी नौकरी पाने के उपाय। ways to get a good job। acchi naukari pane ke upay

दसवाँ भाव कर्म का भाव होता है। पर वह तब काम करेगा जब नौकरी लगेगी। कुंडली में 10th हॉउस मजबूत होने पर व्यक्ति के पास काम हमेशा रहता है। पर नौकरी के लिए 6th हाउस का मजबूत होना जरुरी है। लेकिन यह त्रिक भाव है यह रोग और शत्रुओं का करक भी है। इसलिए इसका स्टोन पहना नहीं जा सकता।

छठे भाव का जो लॉर्ड यानि स्वामी हो उसकी स्थिति सबसे पहले पता करनी चाहिए और उसका जप करना चाहिए नौकरी के अवसर प्रदान होने लगेंगे। नौकरी का मालिक शनि ग्रह है लेकिन शनि की युति अगर छठे भाव के मालिक से है और दोनों मिलकर छठे भाव से अपना संबंध स्थापित किए हैं तो नौकरी के लिए फ़लदायी योग होगा। अगर किसी प्रकार से छठे भाव का मालिक अगर क्रूर ग्रह से युति किये है, अथवा राहु केतु या अन्य प्रकार से खराब जगह पर स्थापित हैं, तो नौकरी के लिए फ़लदायी समय नहीं होगा।

अगर किसी को कुंडली देखनी नहीं आती तो उसे शनि देव को प्रसन्न करना चाहिए।
शनिदेव को ज्योतिषशास्त्र में न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मो के आधार पर फल या दण्ड देते हैं। अगर आपके पंथ सम्प्रदय या धर्म में कोई आचरण निषेध है और उसे आप करते हैं तो उन्हें शनि के कोप भोगना पड़ता है। और धर्म के मार्ग पर चलते हैं शनिदेव उनको मान सम्मान, पैसा और उनकी हर इच्छा की पूर्ति करते हैं। ऐसे में जो लोग अगर नौकरी में आगे बढ़ना चाहते हैं और बिजनेस में तरक्की की इच्छा रखते हैं तो शनिदेव से संबंधित कुछ उपाय करना चाहिए।

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय। Remedies to please Shani Dev। Shanidev ko prasnn karne ke upay

शमी के वृक्ष की जड़ के साथ रोजाना ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें। 41 days

सप्ताह में एक दिन मंगलवार या शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।

शनिवार के दिन महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें। शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनिदेव का ध्यान करें। फिर एक दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं।
शनिदेव की पूजा में सावधानियां
शनिवार के दिन लोहे से बनी चीजों को दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिदेव की पूजा में काले तिल को बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन शनिवार के दिन काले तिल को घर पर खरीदकर नहीं लाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की पूजा करते समय कभी भी उनकी आंखों में आंख डालकर नहीं देखना चाहिए, बल्कि चरण की तरफ देखते हुए तेल अर्पण करना चाहिए।
इसके अलावा गरीबों को कभी भी नहीं सताना चाहिए।

यहाँ पर हम कुछ अनुभूत टोटके बता रहे हैं।
लगभग ढाई सौ ग्राम काले उड़द का आटा लेकर, उसको गूँथ लें। उसकी गोलियां बना लें रोज 101 छोटी-छोटी गोलियां मछलियों को 40 दिन तक खिलाएं। ऐसा करने से नौकरी लगने की सम्भावना बढ़ जाती है।

शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक में थोड़ी सी काली तिल भी डाल लें।

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