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Navgrah yantra ki sthapna, navgrah yantra ke fayde

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Navgrah yantra ki sthapna, navgrah yantra ke fayde, नवग्रह यंत्र,

दोस्तों गणित पूरे ब्रह्मांड की भाषा है। किसका प्रभाव हमारे जीवन पर सबसे ज्यादा पड़ता है क्योंकि हम छोटी-छोटी चीजों में इसका इस्तेमाल करते हैं। जाने अनजाने हमारा दिमाग हमेशा कैलकुलेशन करता रहता है।
हमारे मनीषियों ने इसे समझा और शक्तिशाली जेमितिय सिद्धांतों को यंत्रों में उतार दिया। जिनको देखने मात्र से हमारा भला हो जाता है। इसका एक उदाहरण श्रीयंत्र है। साथ ही अन्य बहुत से यंत्र है जिसमें नवग्रह यंत्र एक विशेष स्थान रखता है। इसमें नवग्रहों की शक्ति समाहित है।
कई बार लोग यह प्रश्न करते हैं की गणित ब्रह्मांड की भाषा कैसे हो सकती है पूरे विश्व में हम अलग लिखते हैं और एक अलग तरीके से लिखते हैं। लेकिन गोल सभी भाषाओं में गोल ही होगा उसको देखते ही लोग समझ जाएंगे कि यह गोल है। चौकोर तिकोने या अन्य ज्यामितिय रचनाएं सभी भाषाओं के व्यक्ति देखकर समझ सकते हैं। ब्रह्मांड के दूसरे छोर से यदि कोई अन्य प्रजाति भी आती है तो वह भी गोल और चौकोर भाषाओं को देखकर समझ जाएगी। इसीलिए प्राचीन भाषाओं में ज्यामिति का इस्तेमाल किया गया है।
यंत्रों पर लिखे नंबर ज्यामिति है ये संरचनाएं मिलकर एक विशेष प्रकर की तरंगे उत्पन्न करते हैं जिससे आसपास का वातावरण प्रभावित होता है। नवग्रह यंत्र जिस पर कुछ खास नंबर लिखे होते हैं आसपास की ऊर्जा को पूरी तरह से प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि इससे नवग्रह के दोषो से छुटकारा पाने में मदद मिलती है, तथा सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लोग जब हमारे घर में पूजा इत्यादि होती है तो आपने देखा होगा कि पंडित जी चावल से या किसी अन्य वस्तु से 9 छोटी छोटी पिंडी बनाते हैं, जिन्हें नवग्रह कहा गया है। यह भी एक तरह की ज्यामिति संरचना होती है। इसी तरह नवग्रह यंत्र की भी संरचना बनी हुई है। जिसमें सूर्य चंद्र मंगल राहु गुरु शुक्र शनि इत्यादि नवग्रहों को विशेष स्थान पर स्थापित किया गए होते है।

नवग्रह यंत्र के लाभ
नवग्रह यंत्र में सभी नौ ग्रहों की विशेष आकृति होती है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु इन नौ ग्रहों के यंत्र एक साथ अपनी-अपनी दिशाओं में स्थापित होते हैं। इस यंत्र में सूर्य मध्य में बुध, शुक्र व चंद्र ऊपर की ओर, शनि राहु केतु पाप गृह नीचे की और और मंगल व गुरु बीच में होते हैं।

नवग्रह यंत्र की स्थापना अपने घर, दुकान या प्रतिष्ठान में करने से ग्रहों के दोष समाप्त होते हैं। अच्छे ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ता है। भाग्य में कहीं रुकावट आ रही है तो वह बाधा दूर होती है। नवग्रह यंत्र की स्थापना सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करके व्यक्ति को निरोगी बनाता है।नवग्रह यंत्र से दांपत्य सुख को बढ़ता है। संतान सुख में वृद्धि में वृद्धि होती है। जब समझ न आये की समस्या क्या है तो नवग्रह यंत्र का बहुत उपयोगी होता है। नवग्रह यंत्र की नित्य पूजा करने पर ग्रहों से जुड़े रोगों से बचाव होता है।

इस बात का रखें ध्यान

नवग्रह यंत्र को स्थापित करते समय उसकी सही दिशा का विशेष ध्यान रखें। इसे हमेशा उत्तर, पूर्व या ईशान दिशा में स्थापित करें।
नवग्रह यंत्र को किसी भी माह के शुक्लपक्ष के रविवार को स्थापित करना चाहिए।
नवग्रह यंत्र दोषपूर्ण नहीं होना चाहिए। उसमें सभी ग्रह सही तरीके से उकेरे गये हों और वह कहीं से भी टूटा नहीं हो, इसे जरूर देख लेना चाहिए।
नवग्रह तमाम धातुओं का आता है, जिसमें अष्टधातु का नवग्रह यंत्र अत्यधिक शुभ होता है।

नवग्रह यंत्र कैसे स्थापित करें

नवग्रह यंत्र किसी योग्य पंडित के माध्यम से स्थापित कराना चाहिए। नवग्रह यंत्र की स्थापना के बाद आप दोनों हाथ जोड़कर सभी 9 ग्रहों से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन के सभी दुखों को दूर करके अपनी शुभता प्रदान करें। नवग्रह यंत्र को अपने पूजा स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें।

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