जो लोग बातों पर विश्वास रखते हैं और जानना चाहते हैं कि किस दिशा में कौन सी पेंटिंग लगाई जानी चाहिए या किस दिशा के लिए कौन सी पेंटिंग तक रहेगी मुझे वीडियो उन्हीं लोगों के लिए है मैं धन्यवाद देना चाहूंगा हमारे मित्र राकेश अग्रवाल जी को जिन्होंने इस विषय पर हमें वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया
जैसे किसी महिला की शोभा को उसके आभूषणों से बढ़ जाती है उसी तरह हमारे घर की शोभा चित्र अथवा पेंटिंग से बढ़ जाती है प्रिंटिंग घर की सुंदरता तो बढ़ाती है साथ में वास्तु दोषों का निवारण भी करती हैं आइए जानते हैं ज्यादातर लोग अपने करियर को लेकर चिंतित रहते हैं तो सबसे पहले करियर की दीवार यानी करियर की दिशा से शुरु करते हैं वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा करियर की दिशा होती है इसीलिए इस दिशा के देवता कुबेर कहे गए हैं यह जल तत्व की निशा है और इस दिशा का स्वामी ग्रह बुध है Painting and vastu
उत्तरी दीवार पर करियर में वृद्धि नए नए आइडियाज और तरक्की के लिए हरियाली का चित्र लगा सकते हैं खेलते हुए कमल की फोटो लगा सकते हैं जो पानी में हो तो दे का जोड़ा लगा सकते हैं इस तरह कि आप तस्वीर लगा सकते हैं यह आपके करियर की उन्नति के लिए सहायक होती है उत्तर पूर्व की दीवार जिससे ईशान दिशा कहा जाता है यह दो दीवारों के मिलने से एक कोण बनता है इसलिए इसे ईशान कोण कहते हैं यानी आराध्या के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं और इसके देवता रुद्र देवता है
गुरु जो सन्नता और दुख देने का आग्रह है सुख देने का आग्रह है इस दिशा का स्वामी होने के कारण आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए कि होने की साफ-सफाई हमेशा होती रहनी चाहिए या पर चढ़ने का फोटो लगा सकते हैं पर ध्यान रहे कि झरना ऊंचे पहाड़ से गिर रहा हो यहां पर आप बहते पानी की पेंटिंग भी लगा सकते हैं इस दिशा में दोष होने पर आपके काम की वृद्धि दैनिक गति धीमी हो जाती है या रुक जाती है जहां पर दो दिवारे हैं उत्तर की दीवार और पूर्व की दीवार आप यह चित्र दोनों दीवारों पर कहीं भी लगा सकते हैं परंतु ज्यादा उत्तम पूर्व की दीवार पर माना जाता है पूर्व दिशा
माना जाता है पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य होते हैं और देवता देवराज इंद्र है यह अग्नि तत्व की दिशाएं अगर आपके घर में पूर्व की तरफ द्वार नहीं है तो इस स्थिति में पूर्व दिशा में आप को सूर्य देवता की पेंटिंग जरूर लगानी चाहिए यह आपके लिए बहुत ही उत्तम और आपको ऊर्जावान बनाए रखने में सहायक होता है आग्नेय कोण की दीवार जिसका स्वामी शुक्र होता है अग्नि कोण में 2 दिशाएं होती हैं पूर्व और दक्षिण अफ्रीका का तत्व अग्नि तत्व माना जाता है यह दांपत्य व कैरियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताई गई है इस दिशा को किस नेता को उत्साह की दिशा कहा जाता है यदि इस दिशा में कोई वास्तु दोष है तो परिवार में सभी में उत्साह की कमी होगी पूर्व दिशा की दीवार पर आप नाचते हुए लोगों का मेहनत करते हुए लोगों का फोटो लगा सकते हैं और यदि
नाचते हुए लोगों का मेहनत करते हुए लोगों का फोटो लगा सकते हैं और यदि कोई फोटो दक्षिणी दीवार पर लगानी है तो आप यहां पर लक्ष्मी जी की कुबेर जी की या वर्तमान के धनकुबेर हो जैसे धीरूभाई अंबानी अवार्ड बफेट की फोटो इत्यादि लगा सकते हैं और यदि आप अपनी किसी विशेष लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं तो यहां पर आप किसी महापुरुष की फोटो भी लगा सकते हैं जो आपके आदर्शों दिखेगा Painting and vastu
एक पेंटिंग मात्र से ही आप में उत्साह की वृद्धि हो जाएगी और काम में मन लगने लगेगा दक्षिण दिशा दक्षिण दिशा पर मंगल का प्रभाव रहता है इसके देवता यम है वह पृथ्वी तत्व की दिशा है इसलिए इसे स्थिरता की दिशा कहा जाता है दक्षिण की दीवार को इसीलिए बहुत स्थल माना जाता है कई वास्तु व ज्योतिष के विद्वान इसे पितरों की दिशा भी कहते हैं कहा जाता है कि यदि घर के मुखिया की कुंडली में पित्र दोष है तो इस दीवार में रिपेयर कराने के बावजूद दीवार में कोई पितृदोष है तो इस दीवार में रिपेयर कराने के बावजूद बार-बार दरारे आ जाती हैं यदि इस दीवार में कोई कमी है तो आप कितना भी कहो बचत करना मुश्किल हो जाता है इसके निदान के लिए आपको दक्षिणी दीवार पर अपने पूर्वजों की तस्वीर लगानी चाहिए नृत्य
लगानी चाहिए नृत्य कोण और पश्चिम का कोना इस दिशा का स्वामी राहु सकता है पृथ्वी तत्व की राशि है और यह दिशा हमारे अच्छे बुरे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है यदि इस दिशा में दोष हो तो यह धन संचय संबंधित निर्णय सकारात्मक फल देती है मतलब ऐसा कोई निर्णय ले लेते हैं जिससे हमारा पैसा डूब जाता है इस दिशा में आपको पहाड़ों की फोटो लगानी चाहिए पश्चिम दिशा व दशा दोनों पर लगा सकते हैं ध्यान रहे और और ऊंचे पहाड़ होनी चाहिए पानी वाले पहाड़ नहीं होनी चाहिए पश्चिम की दीवार शनि ग्रह की दीवार कही जाती है यहां के देवता वरुण देव है यह वायु तत्व की दशा है यहां पर आप पहाड़ों की पेंटिंग लगा सकते हैं यह बहुत ही सकारात्मक प्रभाव देनी है हमें
हमें कौन का खास ध्यान रखना है जैसे कि अगले दिशा भाइयों कौन है यह 2 दिशाओं के मिलने से बनती है ध्यान रखिए कि जो दिशा पूर्ण होती है वहां पर दो दिशाएं मिलती है इसलिए दोनों दिशाओं का फल यह कौन देता है वायव्य कोण की दिशा का स्वामी चंद्र होता है यह वायु तत्व का कोड है और इसके देता स्वयं वायु देव होते हैं यह दिशा पब्लिक डीलिंग वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताई जाती है यदि आप की प्रसिद्धि की दिशा होती है किसी की दिशा होती है किस दिशा में दो दिवारे होती यदि आप पश्चिम के दीवार पर चित्र लगाना चाहते हैं तो सात घोड़ों का चित्र लगाएं जो भाग रहे हैं और यदि आप उत्तर की दीवार पर पेंटिंग लगाना चाहते हैं तो पानी पर भागते हुए घोड़ों की पेंटिंग लगाएं इससे आप की प्रसिद्धि में वृद्धि होती है और भागते हुए घोड़ों की फोटो यदि आप चाहें तो दक्षिण पश्चिम की दीवार पर भी लगा सकते हैं यह अति उत्तम होती है