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Santan Gopal Mantra, संतान गोपाल मंत्र

Gopal santan mantra, piousastro

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Santan Gopal Mantra, संतान गोपाल मंत्र

जब भी मनुष्य को कोई दैहिक, भौतिक या दैविक समस्या होती है तो, हिन्दू धर्म शास्त्रों में उपचार स्वरुप कर्म को प्रथम रखा है, फिर संसाधन व औषधि और अंत में अनुष्ठान, हवन, जप, तपस्या आदि को रखा है। मतलब आप कर्म तो करो परन्तु देवता का पूजन भी करो ताकि भाग्य का भी साथ मिल सके। मनचाहा फल प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान, यज्ञ, जप तप अदि का प्रावधान है। जिसमे मंत्रो का जप शामिल है। जिसका प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ता है। इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि जातक को उसकी भक्ति और मंत्र उच्चारण के दौरान उसके मन में कितनी श्रद्धा है।

जो माता-पिता निसंतान है या किसी कारण संतान उत्पति में विलम्ब हो रहा, या किसी कारणवश वे इस सुख से वंचित हैं, ऐसे लोगों के लिए भी संतानप्राप्ति के कई मंत्र मौजूद हैं।
इनमें सबसे प्रभावशाली मंत्र संतान गोपाल मंत्र है। यह शक्तिशाली मंत्र गर्भवती महिलाओं के लिए भी कारगर है।

गर्भवती महिलाओं की हमेशा ख्वाहिश होती है कि उसकी होने वाली संतान सुंदर, संस्कारवान, स्वस्थ और किस्मत वाली हो। उसको जीवन में खूब तरक्की मिले। हर मां बाप जन्म से पहले बच्चे को लेकर ऐसी ही तमाम इच्छाएं रखते हैं। गुणवान व उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र श्रेश्ठकर है।

Om kleem krishnay namha ॐ क्लीं कृष्णाय नमः

इस मंत्र की महिमा कई शास्त्रों में बताई गई है। माना जाता है कि इस मंत्र का विधिवत तरीके से जाप किया जाए, तो मनुष्य को हर काम में सफलता के साथ-साथ उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही संतान के जीवन में आने वाली हर एक समस्या से छुटकारा मिल जाता है। यह भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है। इस मंत्र का जप करते समय जातक के मन में पूर्ण भक्ति होनी चाहिए। संतान गोपाल मंत्र का जाप करते समय भी व्यक्ति को सात्विक रहना चाहिए।

संतान गोपाल मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं।

संतान गोपाल मंत्र के देवता भगवान कृष्ण हैं, मथुरा के महल की कालकोठरी में जन्मे भगवान कृष्ण की जन्म कथा सभी जानते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म के दौरान माता देवकी और पिता वासुदेव को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मामा कंस से बचाने के लिए वासुदेव ने अपने नवजात पुत्र को नंद देव को सौंपना पड़ा। यह सब एक भविष्यवाणी के कारण हुआ, जिसमें कहा गया कि कंस की बहन की संतान ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगी। यह कथा सदियों से सुनी जा रही है।

संतान गोपाल मंत्र: वे कैसे मदद करते हैं।

अब आप कहेंगे कि इसका इस कहानी से क्या लेना देना है। यह मन्त्र देवऋषि नारद जी द्वारा दिया गया है। इसमें भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की स्तुति की है। इसमें कृष्ण जी को देवकी व वासुदेव के पुत्र के रूप में पूजा गया है। और उनके सामने समर्पण किया गया है की मुझे यानि याचक को पुत्र की प्राप्ति करायें।

संतान गोपाल मंत्र के समग्र लाभ (benefits of chanting santan gopal mantra)

भगवान कृष्ण की कई रूपों में पूजा की जाती है। उनका एक रूप, बाल्य अवस्था है।
कृष्ण भक्ति और संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से संतान के संदर्भ में सौभाग्य प्राप्त होगा। भावी माता-पिता को सुंदर और बुद्धिमान संतान प्राप्ति के आशीर्वाद के लिए संतान गोपाल मंत्र का पाठ करके अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
यदि कोई जातक भगवान कृष्ण, जैसी तीव्र बुद्धि वाली संतान की कामना करते हैं तो उन्हें संतान गोपाल मंत्र के जाप को अपने दैनिक जिंदगी का हिस्सा बनाना होगा।

यदि किसी बीमारी के कारण महिला के गर्भधारण में बाधा बन रही है, तो इस मंत्र का जाप करने से उनके स्वास्थ्य में सुधार नजर आने लगेगा। अकारण गर्भपात का सामना कर रहे हैं, उन्हें भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

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इस मंत्र का जाप करने से गर्भवती महिला के आसपास बुरी ऊर्जाएं नष्ट होंगी, जिससे भावी मां के इर्द-गिर्द स्वस्थ वातावरण बनेगा। कुछ लोगों का यह भी कहना है की जो महिला गर्भवस्था के समय इस मंत्र का नियमित जप करती है उसे प्रसव पीड़ा काम होती है। और बालक स्वस्थ होता है।

संतान गोपाल मंत्र का जाप कैसे करें (how to chant santan gopal mantra)

संतान गोपाल मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के सामने बैठ जाएं। जप करते समय जातक को तुलसी की माला का प्रयोग करना चाहिए। कृष्ण पूजा के लिए श्वेत या पीत पुष्पों का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसा करने से आपको सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होंगे।

सबसे पहले विनयोग करना है

अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:, अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, मम पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:।

फिर इस मन्त्र से ध्यान करें

विजयेन युतो रथस्थित: प्रसभानीय समुद्र मध्यत:।

प्रददत्त नयान् द्विजन्मने स्मरणीयो वसुदेव नंदन:।।

या इसकी जगह पर
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वम् मम देवदेवं।।

इस मंत्र से भी भगवान श्री कृष्ण का ध्यान कर सकते हैं

फिर संतान गोपाल मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना है। इसे सवा लाख बार जपने पर पूर्ण फल मिलता है। आप अपने समय के अनुसार इसे जप सकते हैं।

ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।

देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

इसका अर्थ है- देवकी पुत्र! गोविन्द! वासुदेव! जगन्नाथः श्री कृष्ण! मुझे पुत्र दीजिये। मैं आपकी शरण में आया हूं|

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, संतान गोपाल मंत्र का जाप एक से सवा लाख बार करना फायदेमंद बताया गया है। कहा जाता है एक लाख बार इस मंत्र को जपने से सिद्धि प्राप्त होती है। जीवापोता, स्फटिक या तुलसी की माला के साथ इस मंत्र का जाप करें। जब इन मंत्रों का जाप पूर्ण हो जाए तब दशांश करें। हवन करने के बाद ब्राह्मणों को दान, दक्षिणा दें एवं भोजन करवाएं। इसके साथ उनका आशीर्वाद लें।

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