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Shukra Gochar :1 साल बाद शुक्र करेंगे तुला राशि में गोचर, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, जानें 12 राशियों पर क्या होगा असर?

Shukra Gochar :1 साल बाद शुक्र करेंगे तुला राशि में गोचर, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, जानें 12 राशियों पर क्या होगा असर?

ब्रह्मांड में ग्रह हमेशा चलते रहते हैं। एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन होता रहता है। यह सामान्य खगोलीय घटना है जो निरंतर घटित होती रहती है। परंतु धरती पर रहने वाले लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है जिसे हम गोचर से पड़ने वाला प्रभाव कहते हैं। अभी तुला राशि में शुक्र गोचर कर रहे हैं। 30 नवंबर 2023 को कन्या राशि से तुला राशि के चित्रा नक्षत्र में गोचर करेगा, यह गोचर एक बजे के बाद गुरुवार की रात होगा। इस दौरान 05 दिसंबर को स्वाति नक्षत्र और 16 दिसंबर को विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

ये गोचर किसे प्रभवित करेगा

वैसे तो ये सभी राशियों को प्रभावित करेंगे पर सबसे पहले तुला व वृष राशि वालों को, भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामी शुक्र हैं तो ये भी अधिक प्रभवित होंगे।

कुछ उपाय कॉमन यानि सब कर सकते हैं कुछ उपाय राशि के अनुसार हैं। आइये सबसे पहले गोचर को समझते है। फिर उपाय भी जानते हैं।
कुंडली में शुक्र मजबूत होने से जातक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं शुक्र कमजोर होने से जातक को जीवन में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शुक्र ग्रह को प्रेम, विवाह, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में शुक्र देव के मज़बूत होने पर महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि, शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में सुंदरता, रचनात्मकता और भौतिकता आदि का प्रतिनिधित्व करता है।
तुला राशि शुक्र की खुद की राशि है। इस राशि में वे मालव्य योग जैसा उत्तम पंचमहापुरुष योग बनाते हैं। मालव्य योग गोचर में बनने से लोगों का झुकाव फिल्म, कला, साहित्य, घूमने फिरने तथा लक्जरी की ओर बढ़ता है। तुला राशि को काल पुरुष की कुंडली में सातवें घर पर अधिकार मिला हुआ है। आपकी कुंडली में जहां पर भी सात नंबर लिखा है समझिए वह तुला राशि है। तुला राशि प्रेम, विवाह, व्यापार, साझेदारी इत्यादि का प्रतीक मानी जाती है। कुंडली में शुक्र योग कारक है तो इस गोचर में आपको ज्यादा अच्छे परिणाम मिलेंगे और आपको उपाय करने की जरूरत होगी। अभी गोचर के अनुसार विद्वानों का अभी मानना है कि इस समय बृहस्पति शुक्र को सातवीं दृष्टि से देख रहे हैं, जो एक अच्छा योग होता है जिस कारण जिनकी कुंडली में बृहस्पति अथवा शुक्र की स्थिति अच्छी होगी उन लोगों के लिए यह समय बहुत अच्छा है। आपको संतान सम्बन्धी या पढ़ने वाले बच्चों को पढाई से जुडी कोई प्रॉब्लम आये तो यह गुरु का उपाय करें।

शुक्र के उपाय

शुक्र को मजबूत करने के लिए भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने भोज्य पदार्थ खाना चाहिए। किसी से कोई सेहत वाली समस्या हो तो परहेज करें।

महिलाओं का सम्मान करने, साफ-सफाई रखने और इत्र आदि का प्रयोग करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है।

मंत्र
ऊँ द्रां द्रीं द्रों स: शुक्राय नम:

माता लक्ष्मी की पूजा करें

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। जो आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में यह भाव विवाह, जीवनसाथी और व्यापार में साझेदारी को दर्शाता है। ऐसे में, शुक्र का तुला राशि में गोचर मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल रहेगा और इस दौरान आपके रिश्ते में प्रेम एवं मधुरता में बढ़ोतरी होगी।

अगर अभी तक सिंगल हैं और वह शादी के बंधन में बंधने के लिए योग्य जीवनसाथी की तलाश कर सकते हैं। वहीं, जो जातक पहले से रिश्ते में हैं और अपने रिश्ते को विवाह में बदलना चाहते हैं, वह शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में शादी कर सकते हैं या फिर अपने विवाह की तारीख तय कर सकते हैं। हालांकि, सातवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का आपके सातवें भाव में गोचर आपको घर-परिवार का समर्थन दिलवा सकता है और वह आपके शादी के समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते नज़र आ सकते हैं। शुक्र गोचर यह भी दर्शा रहा है कि यह जातक अपनी शादी में दिल खोलकर ख़र्चा करेंगे।

शुक्र का तुला राशि में गोचर उन लोगों के लिए भी अनुकूल रहेगा जो बिजनेस पार्टनरशिप में आना चाहते हैं और इसके लिए, आप अपनी बचत का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। बात करें शुक्र की दृष्टि की तो, सातवें भाव में बैठे शुक्र महाराज की दृष्टि आपके लग्न भाव पर पड़ रही होगी और इसके परिणामस्वरूप, लग्न भाव पर शुक्र की दृष्टि के प्रभाव के चलते आप ख़ुश और प्रेम से पूर्ण रहेंगे। इस दौरान आप अपने लुक्स पर ध्यान देंगे और अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाएंगे।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र देव आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में छठा भाव शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता, मामा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, सामान्यतौर पर आपके लग्न भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन आपके मामले में शुक्र अपनी ही राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में, आपको ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, फिर भी आपको सेहत के प्रति जागरूक रहें क्योंकि स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करना आपको स्वास्थ्य समस्याएं दे सकता है।

वृषभ राशि वालों को थोड़ा मन कंट्रोल में रखना पड़ेगा क्योंकि अनैतिक गतिविधियों जैसे अफेयर्स या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में पड़ना आप पर भरी पड़ सकता है। साथ ही, समाज में आपकी छवि भी ख़राब हो सकती है। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, वृषभ राशि वालों को अपने मामा का समर्थन मिलेगा। हालांकि, जिन जातकों का संबंध ब्यूटी और लक्ज़री सर्विस से है उनका व्यापार शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में फलता-फूलता दिखाई देगा।

अगर बात करें शुक्र की दृष्टि की तो, छठे भाव में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके बारहवें भाव पर होगी। ऐसे में, इन जातकों को अपने खर्चों पर नज़र बनाए रखनी होगी और सोच-समझकर धन खर्च करना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि लक्ज़री या बेकार की वस्तुओं पर आप काफ़ी धन ख़र्च करें।

उपाय: शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के कपड़े पहनें।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके बारहवें और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान आदि का भाव है। इसके परिणामस्वरूप, मिथुन राशि के जातकों को शुक्र का तुला राशि में गोचर मिले-जुले परिणाम दे सकता है। जो छात्र डिजाइनिंग, आर्ट्स, रचनात्मकता, कविता आदि के क्षेत्र से जुड़ें हैं, शुक्र गोचर के दौरान वह रचनात्मकता से भरे रहेंगे। आपको विदेश सम्बंधित मामलों में लाभ मिल सकता है।

शुक्र ग्रह के पांचवें भाव में मौजूदगी के चलते मिथुन राशि के जातक अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक लम्हों का आनंद लेंगे। लेकिन, शुक्र के बारहवें भाव के स्वामी होने के कारण आपको जीवनसाथी के साथ कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के सिंगल जातक विदेश में रहने वालों से बाचीत में जायदा समय बितान पास सकता है। इस राशि के माता-पिता अपने बच्चों के साथ यादगार और सुखद समय बिताएंगे, परंतु इस अवधि में आपको बच्चों की सेहत को लेकर अस्पतालों के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं।

हालांकि, कुंडली में पांचवां भाव सट्टेबाजी का भाव भी है और इसके फलस्वरूप, पांचवें भाव में स्थित शुक्र की दृष्टि आपके लाभ भाव यानी कि ग्यारहवें भाव पर पड़ रही होगी। ऐसे में, शुक्र का तुला राशि में गोचर होने से आप सट्टेबाजी और शेयर बाजार के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन, आपको जोख़िम बहुत सोच-समझने के बाद ही लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि शुक्र देव आपके बारहवें भाव के स्वामी भी हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: विधवा महिला को वस्त्र दान करें

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन, संपत्ति आदि का भाव होता है। इसके परिणामस्वरूप, कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर इस साल का सबसे शानदार गोचर साबित हो सकता है।

शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। साथ ही, आपका रिश्ता माता के साथ प्यार भरा रहेगा। अपने सपनों का घर खरीदने के लिए या प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए भी इस समय को अनुकूल कहा जाएगा। इस दौरान आप अपने घर के रिनोवेशन या सज-सज्जा पर काफ़ी धन खर्च कर सकते हैं। ग्यारहवें भाव का स्वामी आपके चौथे भाव में गोचर कर रहा है और इसके परिणामस्वरूप, पिता पक्ष की तरफ से कुछ रिश्तेदार आपसे मिलने आ सकते हैं।

यदि आपके बड़े भाई/बहन आपसे दूर रहते हैं, तो ऐसी संभावना है कि वह आपसे मिलने आएं।साथ ही, यह जातक अपने दोस्तों के लिए घर पर पार्टी दे सकते हैं। कर्क राशि वाले अपनी माता के लिए धन निवेश कर सकते हैं या घर के लिए कोई नया फर्नीचर खरीद सकते हैं। बात करें शुक्र की दृष्टि की तो, चौथे भाव में स्थित शुक्र की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी। इसके फलस्वरूप, शुक्र का तुला राशि में गोचर उन लोगों के लिए फलदायी रहेगा जो विलासिता से जुड़ा कोई व्यापार या फिर वर्क फ्रॉम होम करते हैं।

उपाय: शुक्रवार को शिव मंदिर में सफ़ेद फूल चढएं।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह आपके दसवें भाव और तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे जो कि बड़े भाई-बहन, रुचि, छोटी दूरी की यात्रा और संवाद का भाव है। सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर रोमांचक रहने वाला है क्योंकि इस दौरान आपका संचार बहुत ही मधुर रहेगा। साथ ही, छोटे भाई-बहनों के साथ आपका रिश्ता भी अच्छा बना रहेगा। यह जातक अपनी रुचियों और शौक को पूरा करने के लिए काफ़ी ज्यादा धन ख़र्च करेंगे।

सिंह राशि के जो जातक कलाकार, स्टेज परफ़ॉर्मर, पत्रकार, एक्टर आदि हैं या फिर एंटरटेनमेंट से जुड़े व्यापार से संबंध रखते हैं, तो पेशेवर जीवन में अपनी रचनात्मकता के चलते उनका प्रदर्शन शानदार रहेगा। लेकिन, जैसे कि इस अवधि में सबकी निगाहें आप पर होंगी और ऐसे में, आपके प्रतिद्वंदियों और शत्रुओं का ध्यान भी आप पर होगा जो कि आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। साथ ही, वह आपके रास्ते में समस्याएं पैदा करने के साथ-साथ समाज में आपकी छवि भी ख़राब करने की कोशिश कर सकते हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि इन जातकों को अपने छोटे भाई-बहनों की वजह से करियर में कोई बेहतरीन अवसर की प्राप्ति हो या फिर उनके कारण सामाजिक रूप से आपकी छवि उभर सकती है।

हालांकि, तीसरे भाव में मौजूद शुक्र की दृष्टि आपके नौवें भाव पर पड़ रही होगी और इसके प्रभाव से आपके भीतर धर्म के प्रति लगाव देखने को मिलेगा। ऐसे में, आप धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ किसी तीर्थस्थल की यात्रा पर भी काफ़ी खर्च करते हुए नज़र आ सकते हैं। इस अवधि में पिता और गुरु के साथ आपका रिश्ता मधुर बना रहेगा।

अपने प्रियजन को परफ्यूम, भेंट करें।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके नौवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं जो आपके परिवार, बचत और वाणी के भाव यानी कि दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, कन्या राशि वालों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर अनुकूल कहा जा सकता है। इस अवधि में आपकी वाणी मिठास से भरी रहेगी और आप जो बोलेंगे अच्छा बोलेंगे।

परिवार के सदस्यों के साथ आपका रिश्ता प्रेमपूर्ण रहेगा। साथ ही, आपके बैंक-बैलेंस और बचत में भी वृद्धि होगी। इन जातकों को पिता, गुरु या फिर पिता तुल्य व्यक्ति के माध्यम से लाभ की प्राप्ति हो सकती है। अगर आप नौकरी में बदलाव करते हुए अपने परिवार के पास वापस जाने का मन बना रहे हैं, तो आप ऐसा शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान कर सकते हैं। शुक्र गोचर की अवधि में आप परिवार के साथ किसी धार्मिक समारोह में हिस्सा ले सकते हैं या फिर तीर्थस्थल पर जा सकते हैं।

बात करें शुक्र की दृष्टि की तो, दूसरे भाव में बैठे शुक्र की दृष्टि आपके आठवें भाव पर पड़ रही होगी और इसके फलस्वरूप, पार्टनर के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में वृद्धि होगी। साथ ही, इस दौरान आपके ससुराल वाले आप पर प्रेम की बरसात करते हुए दिखाई देंगे। यदि आप गूढ़ विज्ञान जैसे ज्योतिष या टैरो रीडिंग सीखना चाहते हैं, तो यह समय ऐसा करने के लिए शानदार कहा जाएगा।

उपाय: प्रतिदिन 108 बार “ऊँ द्रां द्रीं द्रों स: शुक्राय नम:” का जाप करें।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि व्यक्तित्व का भाव है। शुक्र का तुला राशि में गोचर होने के कारण लग्न भाव के स्वामी शुक्र आपके व्यक्तित्व को बेहद आकर्षक बनाने का काम करेंगे।

इस अवधि में लोग आपके व्यक्तित्व से आकर्षित होंगे। शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान आप विलासिता से पूर्ण एक आरामदायक जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे। लेकिन, जैसे कि शुक्र आपके आठवें भाव के स्वामी भी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में, शुक्र आपके जीवन में अनिश्चितता लाने का काम कर सकते हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अचानक से होने वाली घटनाओं का सामना करना करना पड़ सकता है। हालांकि, आठवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का लग्न भाव में गोचर उन लोगों के लिए फलदायी रहेगा जिनका संबंध गूढ़ विज्ञान या रिसर्च आदि से है।

शुक्र की दृष्टि की बात करें तो, लग्न भाव में मौजूद शुक्र की दृष्टि आपके सातवें भाव पर पड़ रही होगी जो कि विवाह और बिज़नेस पार्टनरशिप का भाव है। ऐसे में, तुला राशि वालों के वैवाहिक जीवन के लिए समय बहुत ही शानदार होगा और इस दौरान आप दोनों का रिश्ता प्यार से भरा रहेगा। शुक्र गोचर की अवधि में इन जातकों को पार्टनर के साथ यादगार समय बिताने के कई अवसर मिलेंगे जिससे आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा। तुला राशि वाले यदि साथी के साथ किसी समस्या या विवाद का सामना कर रहे थे, तो इन समस्याओं को सुलझाने के लिए यह समय सही रहेगा। जो जातकों व्यापार करना चाहते हैं, तो बिज़नेस की शुरुआत करने के लिए समय श्रेष्ठ साबित होगा।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र महाराज आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके विदेश, खर्चों और हानि के भाव यानी कि बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, वृश्चिक राशि वालों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, शुक्र ग्रह से मिलने वाले यह परिणाम कुंडली में शुक्र की स्थिति और दशा पर निर्भर करते हैं। बारहवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का अपनी राशि में गोचर उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगा जो कि एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का काम करते हैं या फिर एमएनसी में नौकरी करते हैं।

बारहवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का बारहवें भाव में गोचर ध्यान और आध्यात्मिक प्रगति के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि, इस अवधि में लक्ज़री और मनोरंजन पर आप हद से ज्यादा धन खर्च करते हुए दिखाई दे सकते हैं। वहीं, सातवें भाव के स्वामी के रूप में शुक्र का बारहवां भाव में गोचर पार्टनर की सेहत के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है। साथ ही, इन जातकों को बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं और विवादों का सामना करना पड़ सकता है। अगर सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, यदि कुंडली में दशा अनुकूल रही तो आप पार्टनर के साथ विदेश जाने की योजना बना सकते हैं।

वहीं, शुक्र ग्रह की दृष्टि की बात करें तो, बारहवें भाव में उपस्थित शुक्र की दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपको किसी महिला के कारण कोई विवाद या नुकसान झेलना पड़ सकता है।

उपाय: प्रतिदिन परफ्यूम लगाएं ।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके छठे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने वाले हैं। कुंडली में ग्यारहवां भाव धन लाभ, इच्छाओं, बड़े भाई-बहन, चाचा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। धनु राशि के जातकों को बता दें कि शुक्र देव आपके लग्न भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ शत्रुता का भाव रखते हैं और इसके परिणामस्वरूप,, शुक्र का तुला राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है।

ग्यारहवें भाव में शुक्र महाराज की मौजूदगी आपके जीवन में लक्ज़री और सुख-सुविधाओं को बढ़ाने का काम करेगी। इन जातकों की सभी तरह की भौतिक इच्छाएं पूरी होंगी। ग्यारहवें भाव के स्वामी की ग्यारहवें भाव में उपस्थिति आपको अपने बड़े भाई-बहनों और चाचा का सहयोग दिलाएगी। शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान आपका समय सामाजिक मेलजोल बढ़ाने में बीतेगा। हालांकि, शुक्र का गोचर शत्रुओं के साथ चल रही समस्याओं को सुलझाने के लिए उत्तम रहेगा और आप उन्हें अपने पक्ष में करने में भी सक्षम होंगे।

लेकिन, आपके छठे भाव के स्वामी का ग्यारहवें भाव में गोचर किसी भी तरह के आर्थिक जोखिम को उठाने या धन उधार लेने के लिए अनुकूल नहीं कहा जाएगा। इसके विपरीत, ग्यारहवें घर में विराजमान शुक्र की दृष्टि आपके पांचवें भाव पर पड़ रही होगी और ऐसे में, शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में धनु राशि के जातक पांचवें भाव से जुड़े ज्यादातर क्षेत्रों में ख़ुश नज़र आ सकते हैं। इस दौरान आपका प्रेम जीवन सुखद रहेगा और जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। हालांकि, धनु राशि के माता-पिता का अपने बच्चों के साथ रिश्ता अच्छा रहेगा, लेकिन आपको उनकी सेहत के प्रति सतर्क रहना होगा।

उपाय: शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करें या प्रतिदिन 108 बार “ऊँ द्रां द्रीं द्रों स: शुक्राय नम:” का जाप करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र को योगकारक ग्रह माना गया है और यह आपकी कुंडली में दसवें और पांचवें भाव के स्वामी हैं। यह आपके दसवें भाव में गोचर करने वाले हैं जो कि पेशे, कार्यस्थल और सामाजिक छवि का भाव है। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का दसवें भाव में गोचर पेशेवर जीवन में आपको रचनात्मक बनाने का काम करेगा। इस दौरान आप ऑफिस में कुछ बदलाव करवाने या फिर कार्यस्थल की साज-सज्जा पर धन ख़र्च करते हुए दिखाई देंगे। हालांकि, पांचवें भाव के स्वामी का दसवें भाव में गोचर काफ़ी शुभ माना गया है और ऐसे में, यह मकर राशि के उन जातकों के करियर की शुरुआत के लिए अच्छा रहेगा।

शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में पारिवारिक बिज़नेस से जुड़े बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों से व्यापार में शामिल होने की उम्मीद कर सकते हैं। इसके विपरीत, मकर राशि के जो जातक नौकरी करते हैं, उन्हें अपने करियर में अचानक से कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वहीं, दसवें भाव में बैठे शुक्र की दृष्टि आपके चौथे भाव पर पड़ रही होगी और ऐसे में, इस अवधि को नया घर, नया वाहन या फिर लक्जरी आइटम खरीदने के लिए अच्छा कहा जाएगा। साथ ही, यह जातक घर के रिनोवेशन या साज-सज्जा पर भी धन ख़र्च करते हुए देखे जा सकते हैं।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके लिए योगकारक ग्रह हैं और यह आपके नौवें भाव (त्रिकोण भाव) और चौथे भाव (केंद्र भाव) के स्वामी भी हैं। यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे जो कि ड्रामा, पितृत्व, लंबी दूरी की यात्रा, भाग्य और तीर्थ स्थल आदि का भाव है।

सामान्यतौर पर शुक्र का तुला राशि में गोचर कुंभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। इस दौरान भाग्य आपका साथ देगा। साथ ही, इन लोगों को अपने पिता और गुरु का पूरा सहयोग मिलेगा। हालांकि, शुक्र गोचर की अवधि में माता-पिता के साथ आप किसी तीर्थस्थल की यात्रा पर जाने या फिर घर-परिवार की भलाई के लिए कोई धार्मिक कार्यक्रम जैसे पूजा-पाठ आदि करवाने की योजना बना सकते हैं। इस दौरान आपके परिवार का माहौल सुखद और प्रेमपूर्ण बना रहेगा।

हालांकि, नौवें भाव में मौजूद शुक्र की दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ रही होगी। कुंडली में तीसरा भाव छोटे भाई-बहनों, रुचि और छोटी यात्राओं आदि को दर्शाता है। इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान कुंभ राशि के जातक अपने शौक को पूरा करने के लिए धन ख़र्च करते हुए नज़र आएंगे। वहीं, छोटे भाई-बहनों के साथ आपका रिश्ता प्यार से भरा रहेगा और ऐसे में, आप उनके साथ किसी छोटी दूरी की यात्रा या तीर्थ स्थल पर जाने की योजना बनाते हुए देखे जा सकते हैं। हालांकि, कुंभ राशि के जिन जातकों का संबंध एंटरटेनमेंट मीडिया या एंटरटेनमेंट बिज़नेस से हैं, वह इस अवधि में रचनात्मकता से भरे होंगे।

उपाय: शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की आराधना करें।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में आठवां भाव अचानक से होने वाली घटनाओं, रहस्य और गूढ़ विद्या का भाव है।

सामान्य तौर पर, आठवें भाव में शुक्र की स्थिति को अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन, आपके मामले में शुक्र महाराज अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं, तो ऐसे में, यह आपके लिए ज्यादा समस्याएं पैदा नहीं करेंगे। साथ ही, शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान पार्टनर के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में बढ़ोतरी होगी और ससुराल पक्ष के साथ आपका रिश्ता भी प्रेमपूर्ण बना रहेगा।

शुक्र गोचर का समय उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा जिनकी रुचि गूढ़ विज्ञान में है। यह अवधि कुछ नया सीखने या फिर किसी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उत्तम रहेगी। इसके विपरीत तीसरे भाव के स्वामी के आठवें भाव में गोचर के चलते आपको छोटे भाई-बहनों के साथ अचानक से विवादों या मतभेदों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, शुक्र का तुला राशि में गोचर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं जैसे यूरिन इन्फेक्शन या फिर इसी तरह की बीमारियां आपको दे सकता है।

मीन राशि के जातकों को अपनी सेहत का ख्याल रखने और शारीरिक साफ़-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आपको नशीले पदार्थ और चिकनी वस्तुओं के सेवन से बचना होगा। वहीं, आठवें भाव में बैठे शुक्र की दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही होगी जो कि बचत, वाणी और परिवार आदि का भाव है। ऐसे में, निश्चित रूप से आपकी बचत में वृद्धि होगी और आपके घर-परिवार का वातावरण सुख-शांति से पूर्ण बना रहेगा। साथ ही, इस दौरान आपकी वाणी मधुर रहेगी।

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