Shani jaynti par kiye jane wale upay, शनि जयंती में क्या उपाय करें।
नि ग्रह के के बारे में पुराणों में बहुत सी बातें लिखी हैं। शनिदेव को सूर्यदेव का सबसे बड़ा पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। ज्योतषि शनि को पितृ शत्रु भी, मारक, अशुभ फल दाता और दुख कारक मानते हैं। और पाश्चात्य ज्योतिषी में तो इन्हे सैतान कहा जाता है। लेकिन शनि देव उतने अशुभ नही है, जितना उसे माना जाता है। शनि देव का मानव जीवन पर असर बहुत ही गहरा होता है। शनि देव को कर्म फलों के न्याय के देवता माना जाता है और इसलिए वे अपने उपासकों को कठिनाइयों और परिश्रम के माध्यम से सीखते हुए सफलता देने में मदद करते हैं। शनि सच्चे गुरु की तरह आपको अनुभवों के माध्यम से सिखाते हैं। इसके अलावा, शनि देव शत्रु नही मित्र है। वे मोक्ष को देने वाले हैं। शनि देव प्रकृति में संतुलन पैदा करते हैं, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करते हैं।
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