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Venus transit in Pisces. शुक्र का मीन राशि में गोचर

Venus transit in Pisces,

दोस्तों चाहे धन वैभव हो विवाह हो, प्रणय संबंध या किसी भी तरह का भौतिक सुख हो बिना शुक्र कीअनुकूलता के आपको वह प्राप्त नहीं हो सकता। शुक्र 27 अप्रैल को अपनी उच्च राशि में यानी मीन राशि में प्रवेश कर रहा है। जिसका प्रभाव संसार पर और उसने रहने वाले जीव जंतु तथा मनुष्य पर अच्छा और बुरा प्रभाव होगा। हम मुख्यतः राशियों के आधार पर ही यह समझेंगे कि उन पर इस गोचर क्या प्रभाव होगा। यदि आपकी राशि पर इसका नकारात्मक प्रभाव है तो कैसे इसको ठीक किया जाए इसके क्या उपाय किए जाएं।

भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र लाभकरक ग्रह माना जाता है। यह वृषभ एवं तुला राशियों का स्वामी है। शुक्र मीन राशि में उच्च, और कन्या राशि में नीच भाव में रहता है। बुध और शनि शुक्र के मित्र ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्र शत्रु ग्रह हैं। बृहस्पति तटस्थ ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार शुक्र भौतिक व शारीरिक सुख का कारक, जीवन की गुणवत्ता, रोमांस, कामुकता, कलात्मक प्रतिभा, धन, विपरीत लिंग, खुशी और प्रजनन, संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला का प्रतीक है। जिनकी कुण्डली में शुक्र उच्च भाव में रहता है उन लोगों के लिए भौतिक व आध्यात्मिक सुख बहुत सरल होता है। हालांकि शुक्र का अत्यधिक प्रभाव उन्हें भोग विलास की तरफ भी धकेल सकता है। शुक्र तीन नक्षत्रों का स्वामी है: भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा।
शुक्र दूसरे तीसरे सातवें व् बारहवें स्थान में बहुत प्रभावी
छठे व आठवे स्थान में कमजोर व पहले चौथे पांचवे नवें दसवें तथा ग्यारवें भाव में माध्यम होता है।

शुक्र जीवनसंगी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक है। शुक्रा के संयोग से ही लोगों को इंद्रियों पर संयम मिलता है और नाम व ख्याति पाने के योग्य बनते हैं। शुक्र के दुष्प्रभाव से त्वचा पर नेत्र रोगों, यौन समस्याएं, अपच, कील-मुहासे, नपुंसकता, क्षुधा की हानि और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।

शुक्र हिन्दू कैलेण्डर के माह ज्येष्ठ का स्वामी भी माना गया है। यह कुबेर के खजाने का रक्षक माना गया है। शुक्र के प्रिय वस्तुओं में श्वेत वर्ण, धातुओं में रजत एवं रत्नों में हीरा है। इसकी प्रिय दशा दक्षिण-पूर्व है, ऋतुओं में वसंत ऋतु तथा तत्त्व जल है।

ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह का मनुष्य जीवन पर प्रभाव

शारीरिक रूपरेखा एवं स्वभाव – हिन्दू ज्योतिष में शुक्र ग्रह जिस व्यक्ति के लग्न भाव में होता है वह जातक रूप-रंग से सुंदर होता है। उसका व्यक्तित्व विपरीत लिंग के व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। शुक्र के प्रभाव से वह दीर्घायु होता है और स्वभाव से वह मृदुभाषी होता है। लग्न में शुक्र व्यक्ति को गायन, वादन, नृत्य, चित्र कला के प्रति रूचि पैदा कराता है। शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति काम-वासना, भोग विलास संबंधी चीज़ों को अधिक प्राथमिकता देता है। जिस जातक की कुंडली में शुक्र प्रथम भाव में स्थित होता है वह चित्रकार, गायक, नर्तक, कलाकार, अभिनेता आदि बनता है।

बली शुक्र – बली शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है। यह पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है। वहीं प्रेम करने वाले जातकों के जीवन में रोमांस में वृद्धि करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में होता है वह व्यक्ति जीवन में भौतिक सुखों का आनंद लेता है। बली शुक्र के कारण व्यक्ति साहित्य एवं कला में रुचि लेता है।

पीड़ित शुक्र – पीड़ित शुक्र के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आती हैं। पती-पत्नि के बीच मतभेद होते हैं। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है और वह भौतिक सुखों के अभाव में जीता है। यदि जन्म कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है तो जातक को कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। पीड़ित शुक्र के प्रभाव से बचने के लिए जातकों को शुक्र ग्रह के उपाय करने चाहिए।

रोग – कमज़ोर शुक्र के कारण जातक की कामुक शक्ति कमज़ोर होती है। इसके प्रभाव से व्यक्तियों को किडनी से संबंधित बीमारी होने का ख़तरा रहता है। व्यक्ति को आँखों से सबंधित वहीं स्त्री जातकों के लिए शुक्र गर्भपात का कारण बनता है।

कार्यक्षेत्र – ज्योतिष में शुक्र ग्रह कोरियोग्राफी, संगीतकार, पेंटर, फैशन, डिज़ाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कपड़ा संबंधी व्यवसाय, होटल, रेस्ट्रोरेंट, टूर एंड ट्रेवल, थिएटर, साहित्यकार, फिल्म इंडस्ट्री आदि कार्यक्षेत्र को दर्शाता है।

उत्पाद – ज्योतिष में शुक्र ग्रह सौन्दर्य उत्पाद, विद्युत उत्पाद, फैन्सी प्रोडक्ट्स, इत्र, कन्फेक्शनरी, फूल, चीनी, कार, शिप, हवाई जहाज़, पेट्रोल आदि वस्तुओं को दर्शाता है।

स्थान – शयन कक्ष, सिनेमा, बगीचा, बैंकेट हॉल, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, बंदरगाह, हवाई हड्डा, खादानें, देह व्यापार क्षेत्र आदि

जानवर व पक्षी – बकरी, बैल, बत्तक, चिड़िया, तेंदुआ आदि।

जड़ी – अरंड मूल।

रत्न – हीरा।

रुद्राक्ष – छः मुखी रुद्राक्ष।

रंग – गुलाबी।

यंत्र – शुक्र यंत्र।

शुक्र ग्रह के मंत्र –
शुक्र का वैदिक मंत्र
ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।

शुक्र का तांत्रिक मंत्र
ॐ शुं शुक्राय नमः

शुक्र का बीज मंत्र
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

27 अप्रैल 2022 को शुक्र मीन राशि में गोचर करने वाले हैं। यह आप पर क्या प्रभाव डालेंगे आइए इस पर संक्षिप्त में चर्चा कर लेते हैं।

गोचरकाल का समय Venus transit in Pisces,

शुक्र देव शनिदेव की राशि कुंभ से निकलकर गुरुदेव की राशि मीन में 27 अप्रैल 2022 को बुधवार के दिन प्रवेश करेंगे। यह प्रवेश शाम को 06:06 से प्रारंभ होगा मीन राशि में शुक्र को उच्च माना गया है। मीन राशि में होने वाला शुक्रदेव का ये गोचर जातकों में रचनात्मकता, प्रशंसा, विलासिता की वस्तुओं, जन्मजात प्रतिभा और व्यवसाय को सबसे अधिक प्रभावित करेगा।

ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च के होते हैं जिसके कारण अपने इस गोचर के दौरान वे जातकों को अनुकूल परिणाम देने का कार्य करेंगे। राशिचक्र की अंतिम व बारहवीं राशि मीन आध्यात्मिक यात्रा, विदेशी लाभ, संघ और व्यय को दर्शाती है। ऐसे में शुक्र का मीन राशि में गोचर आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर बढ़ाएगा और आपके ज्ञान में वृद्धि करेगा। इसके अलावा आप इस अवधि में अपनी आराम और विलासिता पर जमकर खर्च करते भी देखें जाएंगे। वहीं आपको ये गोचर अपने परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताने और अपने रोमांटिक जीवन का आनंद लेने में भी मदद करेगा। हालांकि इस समय आपका सही निर्णय लेने में सक्षम न होना कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सकता है और इससे आपको जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कुछ रुकावट से भी दो-चार होना पड़ेगा। इसलिए इस समय आपको पहले से अधिक खुद को केंद्रित और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रेरित रखने की सलाह दी जाती है।

मेष

मेष राशि के लिए शुक्र परिवार के दूसरे घर और वैवाहिक संबंधों, जीवनसाथी व व्यवसाय के सातवें घर को नियंत्रित करता है। शुक्र ग्रह के कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर के दौरान यह आपके विदेशी लाभ और व्यय के बारहवें भाव में स्थित रहने वाला है। ऐसे में इस दौरान आपको आर्थिक रूप से जीवन में कुछ समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि आप कई भौतिक चीजों पर अपना धन खर्च करेंगे। हालांकि इससे आपको खुशी तो मिलेगी। लेकिन बावजूद इसके आपको भविष्य की हर आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता भी होगी।

अब बात करें आपके कार्यक्षेत्र की तो व्यावसायिक रूप ये यह अवधि आपके लिए फलदायी होगी। क्योंकि इस दौरान नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति या वेतन बढ़ोतरी मिलने के योग बनेंगे। वहीं व्यापार से जुड़े जातकों को भी शुक्र देव अच्छा लाभ देंगे और उन्हें कुछ विदेश से जुड़ा कोई अच्छा अवसर भी मिल सकेगा।

प्रेम संबंधों के लिए ये गोचर इस राशि के जातकों के लिए आशाजनक साबित होगा। क्योंकि ये वो समय होगा जब आपके अपने साथी या पार्टनर के साथ संबंध मजबूत होंगे और आप दोनों प्रेम का आनंद लेते दिखाई देंगे। इसके अलावा आप अपने साथी को खुश रखते हुए उनके साथ अच्छे पल बिताएंगे। हालांकि स्वास्थ्य के लिहाज से कुछ तनाव और मानसिक चिंताएं आपको परेशान कर सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि जितना संभव हो केवल और केवल संतुलित आहार लें और खुद को फिट रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।

उपाय: शुक्र ग्रह के बीज मंत्र ‘ॐ शुं शुक्राय नम:’ का जाप करें।

वृषभ


वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके लग्न यानी पहले और छठे भाव के स्वामी होते है और अब वे अपने इस गोचर के दौरान उनकी आय, इच्छा और लाभ के एकादश भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में इस अवधि के दौरान आपकी कार्यक्षेत्र से जुड़ी इच्छाएं और महत्वाकांक्षाएं बहुत अधिक होंगी और आप एक लाभ-उन्मुख व्यक्ति होंगे। जहां तक ​​आपके करियर के लक्ष्यों की बात है तो आप इस समय अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होंगे और इससे आपको मानसिक शांति व संतुष्टि मिल सकेगी।

अब बात करें आपके आर्थिक जीवन की तो धन पक्ष के लिहाज़ से भी समय अनुकूल रहेगा। क्योंकि जहाँ इस समय नौकरीपेशा जातक वेतन वृद्धि, कार्यस्थल पर पदोन्नति और अच्छे निवेश की उम्मीद कर सकते हैं। तो वहीं कारोबारियों को भी इस दौरान अच्छा मुनाफा मिलने के योग बनेंगे। इसके अलावा निजी जीवन में ये समय प्रेमी जातकों के लिए रोमांस और अंतरंगता से भरा हुआ होगा और जिसके परिणामस्वरूप आप अपने साथी के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताएंगे।

वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो भी ये गोचर आपके लिए अनुकूलता लेकर आ रहा है। स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से वो जातक जो किसी लंबी बीमारी से पीड़ित हैं शुक्र देव की कृपा उनकी सेहत में सुधार लाने का कार्य करेगी।

उपाय: हर शुक्रवार के दिन विष्णु-लक्ष्मी के मंदिर में जाकर देवी-देवता का दर्शन करें।

मिथुन


मिथुन राशि के लिए शुक्र देव उनके पंचम और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपने इस गोचर के दौरान करियर, कार्यक्षेत्र, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में मीन राशि में शुक्र के गोचर की यह अवधि आपके करियर के लिए सबसे अधिक उत्तम रहेगी। क्योंकि इस दौरान आप विदेशी स्रोतों के माध्यम से अच्छा लाभ सुनिश्चित करेंगे। कई जातकों को ये गोचर नौकरी के अच्छे अवसर, पदोन्नति, पुरस्कार और सराहना भी देने वाला है। इसलिए आपको कार्यस्थल पर अपना और अधिक अच्छा प्रदर्शन देने के लिए अपनी विश्लेषण क्षमता और बुद्धिमानी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

अब बात करें आपके आर्थिक जीवन की तो ये समय आपको अच्छा धन लाभ होने के योग बनाएगा। साथ ही आप पूर्व में किये गए अपने किसी निवेश से भी अच्छा मुनाफा अर्जित करने में सफल रहेंगे। आपके निजी जीवन में भी इस गोचरकाल के समय सकारात्मकता, अनुकंपा और रोमांस की वृद्धि होगी और आप अपने साथी के साथ बिना किसी शर्त प्रेम भरा जीवन व्यतीत करेंगे।

कुछ जातक अपने साथी या पार्टनर के साथ किसी यात्रा पर जाने का प्लान भी कर सकते हैं। वहीं शादीशुदा जातकों के लिए यह समय उनकी संतान पक्ष की सफलता के लिए बेहद उत्तम सिद्ध होगा। हालांकि स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको कुछ मानसिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि किसी भी बात पर अधिक सोचने से बचें, अन्यथा इससे आपके रचनात्मक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

उपाय: लाल किताब के उपाय अनुसार आपके लिए प्रतिदिन दही से स्नान करना शुभ रहेगा।

कर्क


कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि के भाग्य, लंबी दूरी की यात्राओं और धर्म के नवम भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में ये गोचर आपको कार्यक्षेत्र पर अनुकूल परिणाम देगा। क्योंकि इस दौरान आपकी रचनात्मक क्षमता में वृद्धि होगी और आप अपने ज्ञान में सुधार करने के लिए काफी इच्छुक दिखाई देंगे। जिसके परिणामस्वरूप नौकरीपेशा जातक अपने वेतन या पदोन्नति में भी वृद्धि हासिल करेंगे।

आर्थिक रूप से देखें तो कई जातक अपने पैतृक स्थान से दूर कोई नई संपत्ति खरीदने का प्लान कर सकते हैं। वहीं व्यापार से जुड़े जातक भी गोचरकाल की इस अवधि में अच्छा लाभ अर्जित करेंगे। अब बात करें आपके निजी जीवन की तो शुक्र देव की कृपा से इस समय आपको कोई गुरु या प्रेरक मिल सकता है जो आपका सही मार्गदर्शन करेंगे।

साथ ही पारिवारिक जीवन में आपको अपने पिता के साथ अपने संबंध बेहतर करने में भी सफलता मिलेगी। यदि आप अपने परिवार के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा करने की योजना बना रहे थे यह अवधि उसके लिए बेहद अनुकूल रहने वाली है। प्रेम संबंधों में भी प्रेमी जातक अपने रिश्ते में अनुकूलता का आनंद लेंगे। क्योंकि ये वो समय होगा जब आपके और साथी/पार्टनर के बीच की आपसी समझ और संबंध सबसे बेहतर होंगे। साथ ही स्वास्थ्य जीवन में भी आप खुद को अधिक फिट और स्वस्थ महसूस करेंगे।

उपाय: शुक्र देव से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति हेतु सफेद और हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।

सिंह


सुख-सुविधा, विलासिता और रोमांस के कारक ग्रह शुक्र, सिंह राशि के जातकों के लिए उनके भाई-बहन, साहस, यात्रा के तीसरे भाव और करियर व पेशे के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में अब यही शुक्र देव आपकी राशि के परिवर्तन, बदलाव और अनिश्चितताओं के आठवें भाव में अपना गोचर करेंगे जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि इस समय अवधि में आपको कार्यक्षेत्र से जुड़ी कुछ चुनौतीपूर्ण अवधि का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि शुक्र देव आपको कार्यस्थल पर कुछ समस्या देने वाले हैं और जिसके परिणामस्वरूप आपको अपने करियर में सफलता हासिल करने में परेशानी होगी। इसलिए आपको शुरुआत से ही अधिक सतर्क और अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहने की सलाह दी जाती है।

ये गोचरकाल की अवधि आपका गुप्त विज्ञान की ओर झुकाव बढ़ाएगी। हालांकि आर्थिक रूप से इस समय आपके खर्चों में कुछ वृद्धि भी देखी जा सकती है जो आपके लिए परेशानी का कारण बनेगी। वहीं यदि आप शादीशुदा है तो यूँ तो निजी जीवन में आपके लिए समय सामान्य ही रहने वाला है। लेकिन ससुराल पक्ष से आपको लाभ अवश्य ही मिलने के योग बनेंगे।

इसके अलावा स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से आपको ये सलाह दी जाती है कि सेहत के प्रति विशेष सावधानी बरतें। खासतौर से आपको इस दौरान अपने पेट के आसपास के क्षेत्रों और आंखों के संबंधित कोई समस्या होने की आशंका अधिक रहेगी।

उपाय: अपने जीवनसाथी का सम्मान करें क्योंकि इससे आपकी राशि में शुक्र देव की स्थिति मजबूत होगी।

कन्या


कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके परिवार, वाणी और संचित धन के दूसरे भाव और भाग्य, किस्मत व समृद्धि के नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से भागीदारी, वैवाहिक संबंधों व व्यवसाय के सप्तम भाव में विराजमान होंगे। जिससे आपको सबसे अधिक अपने व्यवसाय में अच्छा लाभ अर्जित करने में मदद मिलेगी।

यदि आप पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं तो आप इस समय अपने व्यापारिक साझेदार के साथ अच्छे व मजबूत संबंध बनाने में भी सफल होंगे। आपके द्वारा इस समय की गई हर यात्रा सफल होगी। क्योंकि यात्रा पर जाने के लिए ये अवधि विशेष अनुकूल रहने वाली है। शुक्र देव की कृपा से आपको अपने जीवन में एक अलग पहचान और प्रसिद्धि भी मिलने के योग बनेंगे।

आर्थिक जीवन में इस अवधि के दौरान सबसे अधिक व्यवसाय से जुड़े जातक अपने धन का एक बड़ा भाग निवेश करने का प्लान कर सकते हैं और इसके अतिरिक्त अन्य जातकों को आपके जीवनसाथी या यात्रा पर अपना धन खर्च करना पड़ेगा।

हालांकि निजी जीवन में शादीशुदा जातक अपने दांपत्य जीवन में लंबे समय से चल रहे हर विवाद या गलतफहमी को दूर करते हुए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने में सफल होंगे। परंतु शुक्र देव आपके आकर्षण में गजब का तेज लेकर आएंगे जिसके परिणामस्वरूप अन्य लोग आपके चुंबकीय व्यक्तित्व के कारण आपकी ओर खुद को आकर्षित महसूस करेंगे। वहीं स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से भी ये समय आपके लिए उचित रहेगा और आप शारीरिक व मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ व तंदुरुस्त पाएंगे।

उपाय: नियमित रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा करके आप शुक्र देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

तुला


तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि के ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव से गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से इस गोचर के दौरान आपको सामान्य ही परिणाम प्राप्त होंगे। क्योंकि इस समय आपको इच्छानुसार फल हासिल करना आसान नहीं होगा। आपको उसके लिए बहुत धैर्य और ध्यान के साथ प्रयास करने की ज़रूरत होगी। ऐसे में आपको ये सलाह दी जाती है कि अपनी सभी कला व कौशल का इस्तेमाल करते हुए किसी भी परियोजना से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए एक सही योजना बनाए।

साथ ही इस समय आपको हर प्रकार के लड़ाई-झगडे से भी दूर ही रहने की ज़रूरत होगी, अन्यथा उससे आपके जीवन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। व्यापारी जातकों को भी ये गोचर आपको प्रचार में कुछ विलंब करा सकता है। इसलिए धैर्य रखें और तुरंत परिणामों की उम्मीद न करें। आर्थिक रूप से भी आपके ख़र्चों में वृद्धि संभव है और आशंका है कि इस समय आपको अपनी आय का एक बड़ा भाग, संपत्ति से संबंधित मुद्दों पर ख़र्च करना होगा।

हालांकि निजी जीवन में आपके अपने साथी या पार्टनर के साथ संबंध बिना किसी बाधा या समस्या के सहज रहने की संभावना है। वहीं स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से आपको अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखना होगा। क्योंकि आशंका है कि ये गोचर आपके तनाव में बहुत अधिक वृद्धि करें जिसका सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव आपके खानपान व दिनचर्या पर पड़ेगा और इससे आपको एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने में परेशानी भी हो सकती है।

उपाय: शुक्र से अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने व्यवहार व स्वभाव में सकारात्मक बदलाव लेकर आएं।

वृश्चिक


वृश्चिक राशि के लिए शुक्र उनके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि से शिक्षा, संतान और बुद्धि के पंचम भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि के दौरान आप अपने करियर में अच्छी वृद्धि देखेंगे जिससे आपको पदोन्नति व वेतन वृद्धि मिलने की संभावना बनेगी। जो छात्र किसी विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन करना चाहते हैं वे इस समय ऐसा कर सकते हैं। क्योंकि आपके लिए ये अवधि बेहद अनुकूल रहने वाली है।

हालांकि कार्यक्षेत्र पर आपको ये सलाह दी जाती है कि इस गोचरकाल के दौरान बिना किसी दुविधा के आप अपनी बुद्धि का प्रयोग कर सकते हैं। क्योंकि ये समय किसी अवसर से अपार सफलता और वृद्धि प्राप्त करने के लिए बेहद उत्तम रहने के योग दर्शा रहा है।

अब बात करें आर्थिक जीवन की तो धन पक्ष के लिहाज़ से ये अवधि सामान्य ही रहेगी। ऐसे में जुए, सट्टे आदि से जुड़े जातकों को इस समय खासतौर से किसी भी गैरकानूनी गतिविधि से बचकर रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा निजी जीवन में आपके और साथी के बीच के संबंध पहले से मजबूत होंगे और आप अपनी समझ से आपसी हर झगड़े और गलतफहमी को दूर करने में सफल होंगे।

वृश्चिक राशि के प्रेमी जातकों के जीवन में भी इस दौरान प्रेम और रोमांस की वृद्धि देखी जा सकती है। वहीं वो शादीशुदा जातक जो अपने दांपत्य जीवन में विस्तार का सोच रहे थे उन्हें ये गोचर संतान प्राप्ति को लेकर कोई शुभ समाचार देने वाला है। स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से भी यूँ तो इस समय आप शारीरिक और मानसिक रूप से सेहतमंद दिखाई देंगे। लेकिन फिर भी स्वस्थ खानपान लेते हुए आपको नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

उपाय: छोटी कन्याओं में या विधवा स्त्रियों को मिठाई भेट करें।

धनु


धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर माता, आराम और खुशी के चौथे भाव में होगा। शुक्र आपके छठे भाव जिसे प्रतियोगिताओं और लाभ के ग्यारहवें घर को नियंत्रित करता है। ऐसे में शुक्र के ये गोचर पेशेवर रूप से आपको अनुकूल परिणाम देने वाला है। इस दौरान आप अपने अच्छे करियर का आनंद उठाएगा और आपको कार्यस्थल पर अपना बेहतर प्रदर्शन देते हुए उससे अच्छे परिणाम हासिल करने में मदद मिलेगी। आर्थिक रूप से भी ये अवधि आपकी विलासिता और सुख-सुविधाओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी और कई जातक इस समय नया वाहन खरीदने का प्लान भी करेंगे।

धनु राशि के कुछ जातक अपने घर में नवीनीकरण भी करवा सकते हैं। वहीं आपके निजी जीवन की बात करें तो इस गोचरकाल के दौरान आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने के लिए अधिक इच्छुक होंगे जिसके परिणामस्वरूप आप उनके साथ कोई छोटी पार्टी का आयोजन भी कर सकते हैं।

वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो इस समय अपने जीवनसाथी के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे होंगे और आप उनके साथ भी कुछ अच्छे पलों का जमकर आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य जीवन के लिहाज से आप इस गोचर के दौरान खुद को पहले से अधिक तंदुरुस्त और स्वस्थ महसूस करेंगे।

उपाय: प्रत्येक शुक्रवार के दिन विधि-विधान अनुसार व्रत का पालन करें।

मकर


मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके बुद्धि के पांचवें भाव और कार्यक्षेत्र व करियर के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में इस प्रकार मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र एक “योगकारक” ग्रह है जो अब अपने इस गोचर के दौरान आपके तीसरे भाव में संचरण करेंगे। जो भाई-बहनों, संचार, छोटी यात्राओं और इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इस दौरान पेशेवर रूप से आपको अपने सहकर्मियों के साथ अपने अच्छे संबंध बनाए रखने की आवश्यकता होगी। क्योंकि तभी आप भविष्य में उनकी मदद से पदोन्नति प्राप्त कर सकेंगे।

आर्थिक जीवन में भी यूँ तो ये समय आपके खर्चों में वृद्धि लेकर आएगा। लेकिन साथ ही आपको इस दौरान भाग्य का साथ भी मिल सकेगा जिससे आप अपने जीवन से जुड़े हर निर्णय को सही से लेने में पूरी तरह सक्षम होंगे। अब बात करें आपके निजी जीवन की तो आप इस समय अपने प्रियजनों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेंगे।

कई दांपत्य जातकों को अपने बच्चों के माध्यम से भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप वे एक-साथ किसी छोटी यात्रा या छुट्टी पर कहीं घूमने जाने की योजना बनाते हुए अपने साथी के साथ अच्छा समय बिता सकेंगे। वहीं स्वास्थ्य जीवन की दृष्टि से आप इस गोचरकाल के दौरान स्वस्थ ही रहते हुए एक अच्छे समय का खुलकर आनंद ले सकेंगे।

उपाय: शुक्र ग्रह से सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए नियम अनुसार हीरा, ओपल, सफेद पुखराज, आदि रत्न धारण करें।

कुम्भ


कुम्भ राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह होने के कारण आपके सुख, आराम, विलासिता के चौथे भाव और भाग्य व किस्मत के नौवें भाव को नियंत्रित करता है। जो अब अपने गोचर के दौरान आपकी ही राशि से निकलकर आपके भाषण, संचित धन और परिवार के दूसरे भाव में विराजमान हो जाएगा। ऐसे में शुक्र की ये स्थिति इस बात की तरफ इशारा करता है कि पेशेवर जातकों के करियर के लिहाज़ से ये अवधि अनुकूल रहेगी और वे अपने करियर में अच्छी वृद्धि हासिल करेंगे।

इस समय शुक्र देव आपको भाग्य का साथ भी देंगे जिससे आप निरंतर अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते जाएंगे। हालांकि आर्थिक रूप से आपके ख़र्चे कुछ बढ़ सकते हैं और आप इस समय सबसे अधिक अपनी पारिवारिक ज़रूरतों पर खर्चा करते दिखाई देंगे। परंतु साथ ही आप लंबी अवधि के लाभ की प्राप्ति हेतु अपना कुछ धन भी निवेश कर सकते हैं। वहीं संभावना है कि ये समय आपके आराम और विलासिता में भी वृद्धि लेकर आने वाला है।

अब बात करें आपके निजी जीवन की तो इस समय अपने पिता के साथ आपके संबंध काफी मजबूत होंगे। यदि आप अविवाहित हैं और किसी के साथ प्रेम संबंध में हैं तो आपके रिश्ते में प्रेम और रोमांस दिखाई देगा और अपने प्रेम जीवन में आपको अपने घर की महिला सदस्यों का भरपूर सहयोग मिलने के योग बनेंगे। कई जातक अपने रिश्तेदारों के साथ मिलने की भी कोई योजना बना सकते हैं।

वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से आप यूँ तो स्वस्थ्य रहेंगे। परंतु फिर भी आपको खुद को हर प्रकार की छोटी-मोटी समस्या से बचाने के लिए सबसे अधिक अपने दांतों और आंखों की सही देखभाल करने की ज़रूरत होगी।

उपाय- किसी भी मंदिर में जाकर बिंदीदार वस्त्र, चांदी या चावल अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।

मीन


मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी ही राशि में गोचर करते हुए आपकी राशि के स्वयं, चरित्र और व्यक्तित्व के पहले भाव में विराजमान होंगे। कार्यक्षेत्र पर इस अवधि के दौरान सबसे अधिक व्यापार से जुड़े जातक चमत्कारी रूप से अपना प्रदर्शन देते हुए पर्याप्त लाभ और सफलता अर्जित करेंगे। साथ ही ये गोचर जातकों की रूचि अनुसंधान और गूढ़ विषयों की ओर बढ़ाएगा जिससे वे इन क्षेत्र से अच्छा लाभा हासिल करेंगे।

हालांकि ये वो समय होगा जब आपको अपने करियर की ओर पहले से अधिक सकारात्मक रहने की ज़रूरत होगी। क्योंकि तभी आप अपनी रचनात्मक और कलात्मक क्षमता के बल पर इस गोचर के दौरान किसी को भी प्रभावित कर सकेंगे। अब बात करें आपके आर्थिक जीवन की तो इस अवधि के दौरान आप खुद पर अधिक खर्च करेंगे और संभावना ये भी है कि इससे आपकी सेहत में सकारत्मक सुधार भी हो।

कुल मिलाकर इस समय परिस्थितियां आपके लिए स्थिर रहेगी और आप स्थिर रूप से ही धन लाभ करने में सफल होंगे। इसके अलावा आपकी राशि में उच्च का शुक्र आपके लग्न में होने के कारण निजी जीवन में आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप विपरीत लिंगी व्यक्तियों को कुछ ही समय में प्रभावित करने में पूरी तरह सक्षम होंगे। यह अवधि उन प्रेमी जातकों के लिए सबसे अधिक उत्तम रहेगी जो अपने रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं।

इसके अलावा शुक्र आपके प्रथम भाव में होते हुए आपके सप्तम भाव को दृष्टि भी करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप शादीशुदा जातकों का रिश्ता और अधिक मजबूत होने में मदद मिलेगी और वे पुनः अपनी पुरानी यादों को एक साथ संजोएंगे। हालांकि स्वास्थ्य की दृष्टि से आप इस समय कुछ छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए खुद को फिट रखने के लिए नियमित रूप से अच्छा खान पान लेने और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

उपाय- गायों को गेहूं का आटा और चीनी खिलाएं।

सबके लिए – उपाय (चाहे शुक्र कुण्डली में मित्र है, या शत्रु)

पत्नी का सम्मान करें और पराई स्त्री से दूर रहें।
स्वयं और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। नित्य नहाएं।
शरीर को जरा भी गंदा न रखें। सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
काले रंग की गाय की सेवा करें।
स्त्री तथा अपनी पत्नी का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए।

उपाय (अगर शुक्र शत्रु/बाधक हो)

शुक्र की दान देने वाली वस्तुओं में घी व चावन का दान किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, शुक्र क्योकि भोगविलास के कारक ग्रह है। इसलिये सुख- आराम की वस्तुओं का भी दान किया जा सकता है।
बनाव -श्रंगार की वस्तुओं का दान भी इसके अन्तर्गत किया जा सकता है ।
लक्ष्मी माता की उपासना, सेवा आराधना करें।
सफेद वस्त्र दान करें।
भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें।
शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं।

गरीब बच्चो व विद्यार्थिओं में अध्यन सामग्री का वितरण करे |
किसी मन्दिर में गाय का घी दान दें।
जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं।
शुक्रवार के नमक रहित व्रत रखें , साथ में “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” इस मन्त्र का 16000 की संख्या में जाप करें |
शुक्रवार को आटा, चावल दूध, दही, मिश्री, श्वेत चन्दन, इत्र, श्वेत रंग का
वस्त्र, चांदी इत्यादि का दान करें |

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