water manifestation जल सिद्ध कैसे करें।
water manifestation, jal sidhha kaise karen, panai ka mantra, law of attraction water technique in hindi, water manifestation technique in hindi,
नमस्कार दोस्तों पायास एस्ट्रो में आपका स्वागत है । दोस्तो आप सुना होगा कि लोग पानी अभिमंत्रित करके दे देते हैं और लोग ठीक हो जाते हैं। आपको कोई प्रॉब्लम है और आपने सुना की एक जल वाले बाबा हैं जो लोगों को पानी पढ़ कर दे देते हैं और लोग ठीक हो जाते हैं या उनकी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। मस्जिदों में मौलवी कलमा पढ़ कर दे देते हैं और उस पानी को पीने के बाद लोग ठीक हो जाते हैं या वह पानी घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर देता है।
आज हम जानेंगे कि वह कौन सा मंत्र है जिसे पढ़कर देने से हर समस्या समाप्त हो जाती है। कैसे आप भी बिना किसी सिद्धि के मंत्र पढ़कर जल सिद्ध कर सकते हैं। अपनी ससमस्य का समाधान स्वाम कर सकते हैं।
सबसे पहले हम यह जान देते हैं कि इसके पीछे की साइंस क्या है किस आधार पर हम जल सिद्ध कर सकते हैं और कैसे कर सकते हैं?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पृथ्वी का लगभग 76.5 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है और मनुष्य के शरीर में 65% से ज्यादा पानी होता है। अभी की स्तिथि यह है की बिना पानी के हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।
पृथ्वी पर जीव जंतु तथा पेड़ पौधों के लिए ऐसा माहौल इसीलिए बना हुआ है क्योंकि यहां पानी है और यदि हम किसी दूसरे ग्रह पर भी जाएंगे तो वहां पर सबसे पहले हम पानी की खोज करेंगे।
जैसा कि आप जानते हैं कि सभी जीवो में याददाश्त होती है जिसके कारण हम चीजों व घटनाओं को याद रख पाते हैं। यह याददाश्त हमें कहां से मिलती है? यह हमें पानी से प्राप्त होती है क्योंकि पानी की अपनी याददाश्त होती है।
भारत में हजारों सालों से जल को अभिमंत्रित किया जा रहा है। आपने टीवी सीरियल्स में देखा होगा कि एक साधु ने अपने कमंडल से जल निकाला और कुछ कह कर दूसरे पर फेंक दिया। उस जल के प्रभाव से उस साधु द्वारा कही बात सही हो गई। वह जल की शक्ति को पहचानते थे। भारत पर मुस्लिम आक्रमण और उसके बाद अंग्रेजों के आक्रमण से ज्यादातर इस तरह की बहुत सारी जानकारियां गायब हो गई। अब वही ज्ञान हमारे पास विदेश से घूम कर आता है तो हम उसे अपने सर आँखों पर जगह देते है। जबतक हमारे पास था तबतक इसकी कोई वेल्यू नहीं थी। उदाहरण के लिए योग को ले लीजिये योगा बनकर वापस हमारे पास वापस आया और भारत पर छा गया। लेकिन ऐसा नहीं है कि पानी का महत्व केवल हिंदू धर्म ही है बल्कि अन्य धर्मों में भी इसका उतना ही प्रभाव है जैसे मक्का के पानी को आबे जमजम कहा जाता है जो गंगाजल और सिख लोग के अमृत और ईसाईयों के होलीवॉटर की तरह ही महत्वपूर्ण है।
पानी की याददाश्त होती है इस बात को पहली बार एक फ्रेंच डॉक्टर जेकेस बेन्विस्ते ने 1988 में बताया था। बाद में जापान के डॉ. इमोतो ने इसपर बहुत काम किया और अद्भुत जानकरी हमें दी। जो मैं आपसे साझा करने जा रहा हूँ।
डॉ बेन्विस्ते ने कहा कि जब भी पानी किसी भी वास्तु के स्पर्श में आता है तो पानी उस वस्तु से सम्बंधित जानकारी अपने में समेट लेता है और उसे संगृहीत यानि स्टोर भी कर लेता है। हैरानी की बात यह है कि पानी न सिर्फ आस पास की चीजों को याद रखता है बल्कि ये विचारों को भी समझता है और फिर अपने आप में सामने वाले के इरादों के अनुसार खुद को बदल भी सकता है। इस अध्ययन को डॉक्टर इमोटो ने आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय विचारों से अथवा आसपास के वातावरण से पानी पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन में ही व्यतीत किए।
वह लोगों को कहते थे कि सब चीज वाइब्रेशन यानि तरंग है। केवल म्यूजिक और हमारे शब्द ही वाइब्रेशन नहीं है बल्कि यह ब्रह्मांड भी वाइब्रेशन से बना है। स्टिंग थ्योरी इसका जीता जगता उदाहरण है। प्रकाश भी वाइब्रेशन है। आप जानते होंगे कि जितने भी मंत्र होते हैं सभी मंत्रों की अपनी पर्टिकुलर फ्रीक्वेंसी यानी वाइब्रेशन मतलब आवृत्ति होती है। जिसके आधार पर वह काम करते हैं।
उन्होंने एक प्रयोग किया इस प्रयोग के आधार पर उन्होंने 50 नदियों का जल इकट्ठा किया और उस जल के अलग-अलग सैंपल बना लिए। हर सैंपल को अलग-अलग तरह के संदेश दिए गए। कुछ को शुद्ध भावनाएं दी, कुछ को प्रार्थनाएं सुनाई, तो कुछ सैम्पल को म्यूजिक सुनाए गए। पानी के कुछ सैम्पल को कोसा भी गया और गालियां दी गई।
इन सैंपल स्कोर -4 डिग्री पर जमा दिया गया और उसके बाद जो रिजल्ट आया वह सचमुच अद्भुत थे जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं। उन्होंने जिन नदियों के स्रोत के सैंपल को इकट्ठा किया था उनके भी अपने अलग अलग पैटर्न थे जैसे की झरनों का पैटर्न कुछ अलग था। नदियों का पैटर्न कुछ अलग, और डिस्टिल वाटर का पैटर्न कुछ अलग था जिसे आप नीचे देख सकते हैं।
जब पानी को नफरत और प्रेम के संदेश दिए गए तो उनके पैटर्न पूरी तरह बदल गए
इसी तरह पानी को जब संदेश दिए गए तुम बेवकूफ हो और तुम्हारा धन्यवाद तो दोनों ही पैटर्न बिल्कुल भिन्न थे।
सुंदरता, खुद से प्यार करना, तुमने बहुत अच्छा काम किया और खुशियां इस तरह का पैटर्न आपको नीचे देखने को मिल जाएगा
यह तो था एक ऐसा एक्सपेरिमेंट जिसको वैज्ञानिक रूप से किया गया, जिसे माइक्रोस्कोपिक लेवल पर चेक भी किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस विधि का इस्तेमाल दुनिया की सारी सभ्यताएं करती हैं। जिसमें अलग-अलग मंत्र का अलग-अलग प्रभाव होता है जब आप उन मंत्रों को या उन भावनाओं को उस पानी यानी जल तक पहुंचाते हैं तो उनके पेटर्न्स बदलने लगते हैं आपके द्वारा भेजी गई ऊर्जा तरंग पर यह निर्भर करता है कि वह कितनी स्ट्रांग है। वह जितनी स्ट्रांग होगी आपके भेजी गई प्रार्थना जितनी मजबूत शक्तिशाली होगी वह उतनी ही जल्दी पानी को क्रिस्टलाइज भी कर देगा अर्थात इतनी जल्दी है पानी सिद्ध हो जाएगा। इसको पीने वाले पर प्रभाव पड़ेगा यदि हम लोग भारतीय लोग हैं हमारे पास इस तरह के एक्सपेरिमेंट करने के लिए न हीं तो संसाधन होते और इतनी फालतू की चीज के लिए कोई पैसा देता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस तरह के प्रयोग भारत में नहीं किए गए बल्कि इस तरह के प्रयोग हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले कर लिया था। जिसको आप भली-भांति जानते हैं बात करते हैं कि मंत्रों के प्रभाव से हम कैसे जल को संदेश पहुंचाएं जिससे उससे हमें अधिक से अधिक लाभ हो सके। सबसे पहले स्वास्थ्य के बारे में बात करें तो महामृत्युंजय मंत्र स्वास्थ्य के मामले में सबसे उत्तम माना गया है। क्योंकि इस मंत्र की आवृत्ति मस्तिष्क और शरीर को शांत करती हैं जिससे मॉलिक्यूलर लेवल पर हमारा शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो जाता है। इसी तरह गायत्री मंत्र का प्रभाव भी होता है यदि आप मुसीबत में हैं और उससे निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा ऐसी स्थिति में आप को सबसे ज्यादा आत्म बल की आवश्यकता होती है यह आत्म बल गायत्री मंत्र द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। एक बात हमेशा कही जाती है कि आप पैसा ऊपर नहीं ले जा सकते। लेकिन यह भी सत्य है कि जब तक आपके पास पैसा है आप इस दुनिया में ऊपर बने रहोगे अर्थात पैसा सब कुछ नहीं है। लेकिन पैसे के बिना भी कुछ नहीं है धन प्राप्ति के लिए लोग कनकधारा स्त्रोत, लक्ष्मी मंत्र या श्रीम ब्राज़ी का जाप करते हैं। प्रेम पाने के लिए आप ग्रीन तारा मंत्र या ओम क्लीम कृष्णाय नमः का जाप कर सकते हैं।
पानी नैनो टेक्नोलॉजी की तरह काम करता है पानी के बहुत छोटे कण जो परमाणु के बराबर होते हैं उनमें भी अपनी एक याददाश्त होती है। जो हर बात की रिकॉड करते हैं। शब्दों के साथ छोड़ी गई भावनाएं वह समझते है इसलिए आप किसी भी भाषा में पानी से अपनी बात कहे वह सुनता है और आपकी बात समझ कर उसके अनुरूप काम करता है। एक घटना से समझते हैं भगवान श्री कृष्ण जब छोटे थे तो एक बार उन्होंने यमुना में स्नान करती गोपियों के वस्त्र चुरा लिए थे। यह घटना सभी जानते हैं और जब उन्होंने पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया तो श्री कृष्ण ने उत्तर दिया था कि जल देवता हैं, आपके पूर्वज भी जल के पास रहते हैं। हमें जो दिखाई देता है वह वही जगत है जिसे हमारी आँखें देख पाती हैं। भौतिक अंगो से भौतिक वस्तुएं ही दिखाई देती हैं। इसलिए हमारी आँखें हमारे आसपास के सूक्ष्म जगत को नहीं दख पाती। हम अकेले दीखते हैं परन्तु होते नहीं हैं। जैसा कि आप लोग जानते हैं कि गंगाजल कभी खराब नहीं होता क्योंकि इसी तरह हजारों लोगों की भावनाये उसके साथ जुडी है। ये भी एक फैक्ट है की गंगाजल में मिनिरल और हर्ब्स का अनोखा मेल होता है। पर हिमालय से आने वाली लगभग सभी नदियों में खनिज और औषधियां होती है। पर सभी गंगा नहीं होती। हरिद्वार से ही लोगों की भावनाएं गंगाजल के साथ जुड़ जाती है और यह बंगाल की खाड़ी तक चलता है इसीलिए यह पानी अमृत तुल्य माना गया है।
पानी से अपनी बात कैसे कहें कि वह हमारी मनोकामना पूर्ण कर दें? water manifestation technique
दोस्तों लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन आपकी सभी मनोकामना पूरी करता है। पर वाटर मानिफस्टेशन उसका भी बाप है। आपको अपनी इक्षा पानी को बतानी है और वह पूरी करेगा। चलिए जानते हैं की मंत्र से जल कैसे सिद्ध करे और बिना मंत्र के ज्ञान के कैसे अपनी मनोकामना पानी से पूरी करवाएं ?
जब भी आप किसी जप मंत्र का जप करने बैठे हैं तो सामने कांच के गिलास में, लकड़ी के गिलास में या ऐसे किसी पात्र में जो ऊष्मा का कुचालक हो। मतलब धरती से जिसमें से विद्युत पास ना हो। ऐसे किसी पात्र में जल रख लें और उसके बाद मंत्र का जाप अपने अनुसार करते रहें। यह जल आपकी काइनेटिक एनर्जी को उसी तरह स्टोर लेगा जिस तरह इंफॉर्मेशन को मेमोरी कार्ड मैं सेव हो जाती है। बाद में आप इस जल को स्वयं पी लें या जरूरतमंद व्यक्ति को पिला दें इसका उसे बहुत लाभ मिलेगा।
यह प्रयोग किसि भी इक्षित मंत्र के साथ कर सकते हैं। रिजल्ट जरूर मिलेगा।
यदि आप किसी भी तरह का मंत्र नहीं जानते और जल को सिद्ध कर अपनी और दूसरों की समस्याओं को दूर करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में कांच के गिलास में साफ पानी ले लें और उससे अपनी इच्छा 21 बार कहें और उसके बाद यह जल ग्रहण कर ले। या परेशान व्यक्ति को दें।
एक बात का ध्यान रखें जैसे कुछ लोग थोड़े जप करते हैं और उनका मंत्र सिद्ध हो जाता और कुछ लोग बहुत समय तक जब करते रहते हैं पर मनोकामना पूर्ण नहीं होती। इसी तरह कुछ लोगों को एक बार बोलने पर भी जल सिद्ध हो जाता और कुछ लोगों के कई बार बोलने पर जल सिद्ध होता है। यह आपके समय और आपकी इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। और आसान तरीके की बात करें तो आप पानी के आगे गायत्री मंत्र पढ़ कर अपनी इक्षा बताएं और सम्बंधित व्यक्ति को दे दे वह असर करेगा।
Pingback: Sarvarist Nivaran Strotr । सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र - Piousastro
Wow bhut hi ache se samjhaya hai aapne
Maine iska pryog kiya h apne papa pe 40 din tk 21 br nhi mai 11 bar bolti thi or wo pani unko pila deti thi or bhut hi ashchryajanak tarike se kaam kiya jo koi dwa v nhi kr pata
Mere papa sarab pina chor diye or ldai jhgra v bnd ho gya or aaj hamare ghar me bhut shanti h
Ye water affermation bahut Kaam krta h bs puri trh vishwah hona chahiye