Scientific Basis of Yantra Mantra Tantra यंत्र मंत्र तंत्र का वैज्ञानिक आधार
Yantra mantra tantra, tantra meaning, yantra mantra tantra book, yantra mantra tantra, mantra yantra and tantra, secrets of yantra mantra and tantra, yantra and mantra, mantra and yantra, यंत्र मंत्र तंत्र का वैज्ञानिक आधार
Yantra mantra tantra,
प्राचीन भारत में यंत्र मंत्र तंत्र तीनों पर जोर दिया जाता था और कहा जाता था कि इनसे किसी भी तरह का कार्य सिद्ध किया जा सकता है। आज के टाइम में इन सब चीजों को जादू टोना और अंधविश्वास के रूप में देखा जाता है। जिस समय अंग्रेज भारत आए और उन्होंने यह सब चीजें देखी क्योंकि उन्हें इसका प्रोसेस पता नहीं था । उनका धर्म यह सब करने की इजाजत नहीं रहता था इसलिए उन्होंने इसे बंद करना उचित समझा और लोगों का इनका प्रयोग करने पर उन्हें जेल में बंद कर देना या मृत्यु दंड देना शुरू कर दिया। उन्होंने स्कूली पुस्तकों में पढ़ाना शुरू किया कि यह अंधविश्वास है
Sunahla, सुनहला रत्न के फायदे, पहचान व धारण करने की विधि,
जब अंग्रेज भारत से चले गए तो हमारे इतिहासकार ज्यादातर वह लोग थे जिन्होंने अंग्रेजी शिक्षा से पढ़ाई की थी या साम्यवादी विचारधारा के थे जिनके लिए अंग्रेजों की तरह ही यह सब उनके धर्म या विचारधारा के खिलाफ था। इसलिए आज भी यंत्र मंत्र तंत्र को गलत नजरों से देखा जाता है। Yantra mantra tantra
यह एक पूरी तरह से वैज्ञानिक पद्धति है दरअसल कोई भी चीज इसके बिना कंप्लीट नहीं होती है आइए इसे विस्तार से समझते हैं। एक छोटा उदाहरण से समझते हैं आपको नौकरी के लिए अपना रिज्यूम बनाना है तो आप पहले कंप्यूटर के पास जाएंगे कंप्यूटर को इंग्लिश में मशीन कहते हैं संस्कृत में उसे यंत्र कहा जाता है। उसके बाद आप अपने रिज्यूम का फॉर्मेट तैयार करेंगे या किसी का बना बनाया फॉर्मेट उठाएंगे जिसमें रिज्यूम एक सिस्टम में बना होगा जैसे पहले आपका नाम उसके बाद आपकी एक्सपीरियंस और फेस शैक्षिक योग्यता लिखी होगी वह बाद में आप अपनी पर्सनल डिटेल्स डालते हैं। इसे रिज्यूम का सिस्टम कहते हैं सिस्टम को हिंदी का संस्कृत में तंत्र कहा जाता है। अब आपको वह वर्ड लिखने होंगे जो आप से बिलॉन्ग करते हैं मतलब आपका नाम आपकी क्वालिफिकेशन आपने कहां से पढ़ाई की है इत्यादि। इंग्लिश में सही इंफॉर्मेशन कहते हैं और वह भी सही वर्ड्स में। संस्कृत में ऐसे मंत्र कहा जाता है।
एक और उदाहरण से समझते हैं एक चमचमाती गाड़ी आपके घर के बाहर है। वह गाड़ी मशीन है मतलब यंत्र है। उस गाड़ी को चलाने के लिए गियर हैंडल क्लच एक्सीलेटर और ब्रेक आदि चीजों का जानकारी होना आवश्यक है। इसे सिस्टम कहेंगे जिससे गाड़ी चलाई जा सकती है संस्कृत में उसे तंत्र कहते हैं। जो व्यक्ति इसे चलाएगा या अगर यह ऑटोमेटिक भी है तो जो कंप्यूटर से चलाएगा वह इस पर कमांड देगा जिसे संस्कृत में मंत्र कहते हैं। यह तो जानते ही हैं ना के मंत्र को इंग्लिश में कमांड भी बोलते हैं।
Mole on Body । शरीर पर पाए जाने वाले तिल का ज्योतिषीय विश्लेषण
इतना बताने के बाद आपको यह समझते देर न लगी होगी कि इन तीनों की जरूरत हमारे दैनिक जीवन में भी होती है। जो चीजें हमें दिखाई देती है । हम उन्हीं पर विश्वास करते हैं पर इसका मतलब यह नहीं कि जो चीजें हमें दिखाई नहीं दे रही वह होती ही नहीं या उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। उसका एक बहुत बेस्ट एग्जांपल है आपको हवा फील होती है पर दिखाई नहीं देती माइक्रोस्कोप पर जाने पर आपको हवा में बहते धूल कण दिखाई देंगे पर हवा दिखाई नहीं देगी। उसी तरह सैकड़ों अदृश्य शक्तियां हैं जो आपको दिखाई नहीं देती परंतु आपके जीवन में बहुत प्रभाव डालती है
सभी धर्मों की धार्मिक पूजा में जिन्हें आप रिचुअल्स भी कह सकते हैं इन तीनों चीजों का उपयोग होता है। जैसे अपनी समस्या लेकर जब मौलवी साहब से कोई मिलता है तो वह उसे कहते हैं कि मैं आपको एक काला धागा या आयात या ताबीज बना कर दे दूंगा। उसको लेने के बाद या उसे पहनने के बाद आपकी प्रॉब्लम बहुत हद तक ठीक हो जाती है । पहले बताई हुई बात को अपने दिमाग में घुमा कर देखेंगे तो आपको स्पष्ट हो जाएगा कि यहां पर भी यंत्र तंत्र वह मंत्र का प्रयोग किया गया है बस वह उसे कहते कुछ और है।
इसीलिए आपने देखा होगा कि जब भी कोई प्रयोग या मंत्र आप को सिद्ध करने के लिए बताया जाता है तो उसके साथ कुछ सामग्री यानी यंत्र कुछ मुहूर्त या तरीका यानी तंत्र और फिर कुछ शब्द बताए जाते हैं मतलब मंत्र।
इसमें सबसे ज्यादा जरूरी होता है मंत्र और उसी की सबसे ज्यादा व्याख्या भी होती है क्योंकि आप अपनी जरूरत के अनुसार तंत्र और यंत्र को बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए समझते हैं पहले आपको जब रिज्यूम बनाना था तो आपने कंप्यूटर से बनाया लेकिन अगर आपके पास कंप्यूटर नहीं है तो आप हाथ से लिख कर भी दे सकते हैं जिसमें आपको यंत्र और तंत्र दोनों ही अलग उपयोग करने होंगे यहां आप कागज और पेन से लिखेंगे। और यदि आपके पास कागज भी नहीं है तो आप इसे एक खास फॉर्मेट में याद कर सकते हैं जिसे जरूरत के समय पर उसी फॉर्मेट में सामने वाले को सुनाया जा सके। जिस तरह से प्राचीन काल में ऋषि मुनि वेदों को सुनकर याद रख पाए और उसी फॉर्मेट में आज तक चले आ रहे हैं।
मंत्रों की उपयोगिता हमारे जीवन में बहुत ज्यादा है अगले अध्याय में हम आपको मंत्रों के बारे में पूरी जानकारी देंगे धन्यवाद
Pingback: Can chanting mantras without a guru cause harm? । । क्या बिना गुरु के मंत्र जपने से हानी हो सकती है ? - Piousastro