जन्म का वार और जाने एक राज की बात
दोस्तों कई बार आपस में बातें करते समय लोग यह कहते हैं कि यह व्यक्ति मंगलवार के दिन पैदा हुआ है इसलिए बड़ा गुस्सैल होगा। या यह व्यक्ति शनिवार के दिन पैदा हुआ है एक नंबर का शनिचर है। इस तरह की बातें अक्सर हम घरों में करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर में अक्सर आपने देखा होगा कि राशियों के महीने बने होते हैं यानी 14 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक पैदा हुए बच्चों की राशि मुख्यता कुंभ होती है। जिससे उनका स्वभाव बताया जाता है इसी तरह से हमारी जिंदगी में जिस दिन हम पैदा हुआ होते हैं उस दिन का भी एक विशेष महत्व होता है। तो आइए हम आज यह जानते हैं कि हम जिस दिन पैदा हुए हैं उस दिन के अनुसार हमारा स्वभाव कैसा होगा।
जन्म का वार
दोस्तों यह बात जाने से पहले हम यह जान लेते हैं कि सोमवार के बाद मंगलवार ही क्यों आता है? कोई और दिन क्यों नहीं और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है? ज्योतिष के दो हिस्से होते हैं फलित और गणित फलित के अंदर जहां पर लोग कुंडली देख कर भाग्य बताते हैं या फिर आपके द्वारा किए हुए कार्यों की सफलता की संभावनाएं बताते हैं जबकि गणित के अंदर ग्रह नक्षत्रों की चाल के अनुसार दिनमान की गणना की जाती है। (जन्म का वार)
दुनिया में सभी सभ्यताओं के अनुसार 7 दिन ही होते हैं परंतु थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है जैसे कि हिंदू सभ्यता के अनुसार रविवार के दिन पहला दिन होता है यानी सूर्य का दिवस पहला दिन माना जाता है क्योंकि उनका मानना यह है कि चैत्र प्रतिपदा जिस दिन सृष्टि का आरंभ हुआ उस दिन रविवार था। क्रिश्चियन लोगों का मानना है कि गॉड ने 6 दिन में सृष्टि बनाई जिसमें छठे दिन उसने एडम और ईव को बनाया तथा सातवें दिन यानी रविवार वाले दिन आराम किया। इसलिए वो लोग रविवार की छुट्टी रखते हैं। जबकि मुस्लिम लोगों का मानना है कि अल्लाह ने शुक्रवार वाले दिन आदम को बनाया इसीलिए वह शुक्रवार के दिन विशेष रूप से नमाज अदा करते हैं। उनके लिए जुम्मे की नमाज का खास महत्व होता है। इस तरह के डिफरेंस होने के बावजूद भी एक बात बिल्कुल सटीक है और वह यह कि दिन सात ही होते हैं। हम कैसे निर्धारित करते हैं कि रविवार के बाद सोमवार ही आएगा और सोमवार के बाद फिर मंगलवार ही आएगा तो उसके लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने होरा शास्त्र का निर्माण किया। जिसे हम सरल शब्दों में समझते हैं
जन्म का वार
भारतीय काल गणना के अनुसार दिन सुबह सूर्योदय के समय शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय के समय तक चलता है। आप लोग जानते हैं कि 1 दिन में 24 घंटे होते हैं इस घंटे को हिंदी में होरा कहते हैं। हर एक होरा का कोई न कोई स्वामी गृह होता है। यानी हर घंटे का कोई ना कोई स्वामी होगा उस ग्रह को होरा स्वामी कहा जाता है। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि चैत्र प्रतिपदा के दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था। उस दिन रविवार था। प्रत्येक वार की प्रथम होरा उस ग्रह की होती है जिसका वार होता है जैसे यदि रविवार है तो पहली होरा सूर्य की ही होगी। होरा के निर्धारण का एक निश्चित पैटर्न है इसमें हर ग्रह को उसके आकार के अनुसार और उसके स्वभाव के अनुसार रखा गया है। जिसमे दो ग्रुप बना दिए गए पहले में सूर्य चंद्र मंगल और गुरु को रक्खा गया जबकि दूसरे ग्रुप में शुक्र बुध और शनि है। होरा का क्रम विपरीत ग्रह के अनुसार निर्धारित हो जाता है। जैसे सूर्य के बाद शुक्र, शुक्र के बाद बुध उसके बाद चंद्र उसके बाद शनि उसके बाद गुरु उसके बाद मंगल और फिर से सूर्य इस तरह से एक क्रम बनाया गया जिस क्रम के अनुसार हर बार आगे चलने पर जो भी 25 वा ग्रह होगा उसका ही अगला दिन होगा। सूर्योदय के समय जिस ग्रह की होरा होती है वही ग्रह उस दिन का दिनेश होता है। अर्थात उस दिन का स्वामी होता है तो इसीलिए जो बच्चे उस दिन पैदा होते हैं उन पर उस ग्रह का विशेष प्रभाव होता है तो आइए दोस्तों अब यह जानते हैं कि जिस दिन आप पैदा हुए है उससे आपका स्वाभाव कैसा होगा।
रविवार के दिन जन्मे लोगों में होते हैं ये गुण
सप्ताह के प्रथम दिन की गणना रविवार से कि जाती हैं। रविवार में जन्मे जातक नेत्तृत्व गुणो से समपन्न, सर्वदा आगे चलने वालें, कर्मठ, साहसी, बलवान, क्रोध से युक्त, किसी के दवाब में ना रहने वालें, न्याय प्रिय होते हैं। ऐसे जातक बल पूर्वक न्याय हासिल करना चाहतें हैं रोकर या गिडगिडा कर नहीं।
आत्मसम्मान हेतु बड़े से बडा बलिदान करने में तत्पर होते हैं। दृढ व्यक्तित्व वाले, सर्जन शक्ति युक्त, अत्याधिक महत्वाकांक्षी तथा दृढ मनोबल, संकल्प बल और इच्छा शक्ति की मदद से अपने उद्देश्यों कि पूर्ति करते हैं। ये अच्छे व्यवस्थापक व अनुशासन युक्त होते हैं। ऐसे जातको के घर में कठोर नियम कानून होतें हैं। हृदय से शुद्ध होते हुवे भी वाणी के कारण परेशान होते हैं।
इस दिन उत्पन्न जातक अपनी बातों के पक्के होते हैं। बहुत जल्दी दूसरों की बातों में आकर धोखे भी खाते हैं। ऐसे जातको का भरा पूरा परिवार होता हैं, विवाह के बाद जीवन में अत्यधिक बदलाव आते हैं। समाज में इनकी प्रतिष्ठा काफी अच्छी रहती हैं।
प्रेम सम्बन्ध व वैवाहिक जीवन
ऐसे जातको के कई मित्र बनते हैं, लेकिन टिकते नही। लोग इनका मान सम्मान करते हैं। इनका प्रेम सम्बंध अत्यधिक घनिष्ट होता हैं। ये अपने प्रेम सम्बंध को अंतिम प्रयास तक बनाये रखने की कोशिश करते हैं।
रोग व कष्ट
ऐसे जातको को हृदय रोग, बुखार, हड्डी से जुडे रोग, उच्च रक्तचाप, खून से सम्बंधित रोग, बालेओं का झडना या गंजापन, थकान का अधिक लगना, पीठ दर्द व गर्मी द्वारा उत्पन्न रोग होते हैं।
कार्य व रोजगार
ये जातक सरकारी क्षेत्र या प्रसाशन से जुड्कर कार्य करते है । इसके अतिरिक्त ऐसे जातक डाक्टर, उर्जा से जुड़ें क्षेत्र, राजनीतिज्ञ, निर्माण कार्य, सरकारी- अर्धसरकारी ठेके, साफ्टेयर इंजीनियर, पुलिस, ज्वेलर्स, निरीक्षक, संचालक, मैंनेजर, नाटक या चलचित्र के डायरेक्टर, और निर्माता, संशोधन कार्य, अध्यापक के रुप में अपनी जीविका यापन करते हैं ।
इस दिन जन्में जातक बाहरी रूप से बडे मजबूत होते हैं, लेकिन समस्याओं के आते ही अधीर हो उठते हैं। घमंड व आंख मूंद कर विश्वास करना इन पर भारी पडता है। इनका सबसे बडा दोष अस्थिरता का होना हैं।
सोमवार को हुआ है जन्म तो ये अवश्य पढे…
सोमवार में जन्मे जातक पर चंद्र का प्रभाव होता है। ऐसे जातक सौम्य प्रवृति के सब क़े साथ घुल मिल कर रहने वाले, संवदेनशील, कल्पनाशील, प्रेमी, परिस्थिति के अनुसार ढलने वालें, वाद-विवाद, लडाई झगडे से दुर रहने वालें,शांति- समाधान के इच्छुक, तथा सेवा करने वाले होते हैं। ऐसे जातक सुंदर व आकर्षक होते हैं। सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं। माता का इनके प्रति अत्यधिक स्नेह रहता है।
सोमवार के दिन जन्म लेने वाले जातक अत्यधिक नाजुक व कमजोर दिल के होते हैं। ऐसे जातक धन सम्पदा से युक्त होते हैं। ये मेहनती होने के साथ ही अपने काम को किसी भी हालत में ये पूरा करते हैं। ये अपने कार्य साधन के लिये साम, दाम, दंड या भेद हर प्रक्रिया का प्रयोग करते हैं। ऐसे जातक धन का अपव्यय नही करते। कंजूस भी होते हैं। इनके मन के विचार बार बार परिवर्तित होते हैं।
रोग और व्याधी- ऐसे जातकों को मुख्यत: सर दर्द, फोबिया, सर्दी-खाँसी, जुखाम,संक्रमण, गले व छाती से जुडे रोग, हिस्टीरिया, मानसिक रोग, मृगी आदि के दौरे, चेचक या सफेद चकते बनना तथा आंखो से सम्बंधित रोग होते हैं ।
कार्य क्षेत्र- ऐसे जातक उचित सलाहकार, समाजसेवक, साफ्ट्वेयर आदि के कार्य करने वाले, नर्स, कथाकार, होटल, दुध द्वारा उत्पादित पदार्थ, कागज, तेल, समुद्र तथा समुद्र से उत्पन्न सामग़्री, सौंदर्य सम्बंधी, लेखक, कवि, मनोवैज्ञानिक, एकाउन्ट व आकंडो से सम्बंधित, कार्य करते हैं।
प्रेम सम्बंध व वैवाहिक जीवन- इस दिन उत्पन्न जातकों का प्रेम सम्बंध मधुर रहता हैं, वस्तुत: इनके प्रेम सम्बन्ध तो मधुर रहते हैं परंतु वैवाहिक जीवन में थोडी निराशा होती हैं। इसका कारण इनका स्वतंत्र प्रवृति का होना हैं। जो एकजगह बंध कर नही रह सकता।
कमियां व सुझाव- इनका मन ही इनका प्रबल शत्रु होता हैं। ये भावुक होते हैं। ये अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नही कर पाते जिसकी वजह से इनहे कई बार पछताना भी पडता हैं। जीवन में बार बार निर्णय बदलते हैं।
स्पेशल होते है मंगलवार के दिन जन्म लेने वाले
मंगल वार के दिन उत्पन्न जातक उत्साह युक्त होता है। इनके अंदर नेतृत्व के गुण जन्मजात होते हैं। ये हमेशा आगे रहने वाले साहसी होते हैं। इनके जीवन में रोमांचित करने वाली घटना होती रहती हैं। मंगल वार के दिन उत्पन्न जातकों के अंदर कई गुण विदधमान होते है। ऐसे जातक दूसरों को तुरन्त प्रभावित करने की क्षमता रखते है। ये दूसरों से अपना काम निकलवाने में चतुर होते है। इनके अंदर तेज विधमान होता है। चेहरे या मुहं पर दाने या किसी प्रकार का निशान होता है।
इस दिन जन्में जातकों के पास अपना वाहन व मकान होता है। विवाद या झग़डों के कारण भाइयों से विरोध होता है। जीवन में कई उतार चढाव होते रहते है। ये निर्णय तो ले लेते है परन्तु उस पर लम्बे समय तक अम्ल करना मुश्किल होता है। ये किसी के अधिकार में रहना पसन्द नही करते तथा बडी जल्दी परिणाम प्राप्ती के इच्छुक होते है।
रोग और व्याधियां- मंगलवार के दिन जन्में जातक अधिकतर स्वस्थ रहते है रोग प्राय: कम होते है। रक्त सम्बंधी दिक्कते, संक्रमण, गुप्तांगो में समस्या होती है। इसके अतिरिक्त इनहे चोट या दुर्घटना लगने की ज्यादा सम्भावना रहती है।
कार्य क्षेत्र- मंगल वार के दिन जन्मे जातक तकनीकी कार्यो में, बल पूर्ण कार्यो में या मशिनों से सम्बधित कार्यो में विशेष सफलता प्राप्त करते है। पुलिस सेना, मेकेनिक, इंजीनियर, मार्केटिंग, तकनीकी कार्य, मेनेजर और मशीन नियंत्रक होते है।
प्रेम सम्बन्ध और वैवाहिक जीवन- मंगलवार के दिन उत्पन्न जातकों के वैवाहिक जीवन में उतार चढाव चलते रहते है। इनका जीवन साथी इनकी मनमानी के कारण परेशान हो जाता है। दाम्पत्य जीवन और प्रेम सम्बन्धों में रुठने मनाने की प्रक्रिया चलती रहती है।
उपाय एवम सुझाव- इस दिन जन्मे जातक हनुमान जी और देवी के उपासक होते है। इन्हे अपनी जल्दबाजी से बचना चाहिये। इनके पास आगे बढने के कई मौके आते है। ये अपनी जिद और क्रोध को सही दिशा में प्रयोग करके अत्यधिक सफलता प्राप्त कर सकते है।
बुधवार को जन्मे हैं तो ऐसा होगा आपका चरित्र
बुधवार को जन्मा जातक बुद्धिमान होता है। इस दिन जन्म होने पर व्यक्ति का बौधिक विकास बडी जल्दी होता है। ऐसे जातक मधुर स्वाभाव के होते हैं। ये हमेशा दूसरों को प्रसन्न रखते हैं। ये प्राय: रुपये का अपव्यय नही करते जिस कारण इन्हे धन सम्बधी दिक्कत नही होती। वाणी का प्रयोग ये अधिक करते है। ये काफी ज्यादा बोलते है। घर परिवार में शान्ति रहती है। ऐसे जातक गणित व आंकडों में कुशल होते है। प्राय: इन के अंदर व्यापारी के गुण विधमान होते है।
ये अपनी कला के द्वारा दूसरों को आकर्षित करते है कभी हास्य व्यंग्य द्वारा तो कभी गायन या अन्य कलाओं के द्वारा। ये उच्च शिक्षा प्राप्त करते है। इन के अंदर अनेक गुण विधमान होते है। इनकी खेलकूद में अधिक रुची होती है। बुधवार के दिन जन्मे जातक थोडे भय युक्त व डरपोक प्रवृति के भी होते है। ऐसे जातक प्रेम खुलकर करते है लेकिन दुश्मनी छुप कर करते है। ये किसी भी परिस्थिति के अनुसार अपने को ढाल लेते है और यही गुण इनका सबसे बडा औजार होता है।
रोग व कष्ट – बुधवार को जन्मे जातकों को मुख्यत: पेट सम्बंधी दिक्कते परेशान करती है। खुजली, फोडे-फुंसी, विषभय मौसमी रोग, खांसी जुखाम, और कई बार बुद्धि और वाणी जिनपर इनका सबसे ज्यादा अधिकार होता है वही विकृत होती है।
कार्य व रोजगार – ऐसे जातक कला, खेल कूद, गणित आंकडे से सम्बंधित, क्लर्क, बैंक अधिकारी, शिक्षक, गायन, नृत्य, लेखक, बिचौलिया या कमीशन के कार्य करने वाले, कम्प्यूटर ऑपरेटर, एचआर डिपार्टमेंट से सम्बंधित तथा इंश्योरेंस से जुडे काम करते है।
प्रेम सम्बन्ध व वैवाहिक जीवन- ऐसे जातक के कई प्रेम सम्बन्ध होते है। इनका दाम्पत्य जीवन उतम रहता है। मित्र मंडली काफी विस्तारित होती है। इनके जीवन में कई धोखे होते है।
उपाय एवम सलाह- बुधवार के दिन जन्मे जातक शिव तथा गणेश के अराधक होते है। इनहे अपने अंदर आत्म विश्वास बनाये रखना चाहिये।
गुरूवार के दिन जन्में हैं तो आपमें भी हो सकते हैं ये गुण
गुरुवार के दिन
गुरुवार के दिन जन्मे जातक अत्यधिक ज्ञानवान होते है। ऐसे जातक अपने जीवन में विशेष सम्मान प्राप्त करते है। ये अपने जीवन में मान सम्मान को सर्वाधिक महत्व देते है। इनकी दयालु प्रवृति होती है तथा ये विश्वसनीय होते हैं। ये सर्वप्रथम अपना तथा अपने परिवार का ध्यान देते है। ये प्राय: व्यसन मुक्त होते हैं। इनका स्वास्थ्य उत्तम तथा काया तंदुरुस्त होती है। ये मीठा खाने के विशेष शौकिन होते है। इनके जीवन मे अनेक विषम स्थितियां भी देखने को मिलती है परन्तु सकारात्मक सोच व सन्तुष्ठ होने के कारण ये रोते चिल्लाते नही दिखते।
शिक्षा
शिक्षा के प्रति इनका विशेष झुकाव रहता है। ये मार्गदर्शक के रूप एक अच्छे मित्र बनते है। समाज सुधारक व उत्तम विचारक होते है। धार्मिक प्रवृति इनको गलत मार्गों में जाने से रोकती है। धन इनके पास स्थिर रहता है ये कंजूस जैसे दिखते है लेकिन होते नही वैसे ये मितव्ययी होते है।
स्वास्थ्य एवं रोग
गुरुवार के दिन जन्में जातक अधिकतर स्वस्थ्य होते है। इन्हे रोग कम ही होते है। मोटापा, शुगर, वसा, उदर वायु, कफ, सूजन, फेफडों के रोग मुख्यत: परेशान करते है।
करियर और रोजगार
न्यायाधीश, वकील, मजिस्ट्रेट, ज्योतिषी, ब्राम्हण, बृहस्पति, धर्मगुरू, शिक्षक, सन्यासी, सुनार, वकालत, शेयर बाजार, शिक्षा, शिक्षा से संबंधित किताबों का व्यवसाय, धार्मिक किताबों और चित्रों का व्यवसाय, वकालत मेंनेजर, समाजिक संगठनों, धन कोश की देखरेख करने वाले, कैशियर आदि से सम्बंधित काम करते है।
प्रेम और विवाह सम्बंध
गुरु वार के दिन जन्मे जातक विश्वसनीय होते है। इनके प्रेम सम्बंध स्थिर होते है। इनका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है। किन्ही परिस्थितियों में संतान में बाधा होती है। पुरुषों की पत्नियां अधिक उम्र की हो सकती है।
उपाय एवं सुझाव
ये धार्मिक प्रवृति के इंसान होते है। विष्णु भगवान के अवतारों के पूजक होते है। ऐसे जातकों के अंदर अहम की भावना अधिक होती है। जिसे नियंत्रण करना अनिवार्य होता है। इनके चरित्र में दाग लगने का कारण इनका काम भावना को नियंत्रण न कर पाना होता है।
अगर आपका जन्म शुक्रवार को हुआ है तो आप जी सकते हैं राजाओं की तरह जिन्दगी
शुक्रवार को जन्में जातक चुम्बकीय पर्सनलिटी के मालिक होते है। ये बडी जल्दी दूसरों को आकर्षित कर देते है। इनके अंदर व्यवाहारिक ज्ञान बहुत होता है। ये कभी अपने ज्ञान के कारण तो कभी अपनी सुंदरता के द्वारा दूसरो का ध्यान अपनी और आकर्षित करते रहते है। ये रंगमिजाजी व्यक्तित्व के धनी होते है। ये ऐश्वर्य युक्त वस्तुओं का संग्रह करने वाले होते है। इनके अंदर अनेक कलायें होती है। नाच गाना, सजना-संवरना, चित्र, पेंटिंग, लेखन आदि में इनकी अत्यधिक रूचि होती है। ये जातक दयालु होते है व बहुत जल्दी दूसरों पर विश्वास कर लेते है।
शुक्र जातक चतुर और बडी जल्दी सीखने वाले होते है। ये प्रतिभा के धनी होते है साथ ही ये भाग्यशाली भी होते है। इन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। इस दिन जन्में जातक जीवन में अत्यधिक सफलता प्राप्त करते है। कई बार यह भी देखने में आता है की गलत मार्गो पर चलकर या गलत संगती के कारण ऐसे जातक
अपने जीवन को बर्बाद कर देते है।
रोग और व्याधि- ऐसे जातको को शुगर, दृष्टी से सम्बंधित, पीलिया, सफेद कुष्ट, मूत्र सम्बन्धित रोग, गले के रोग, वीर्य सम्बन्धी रोग, तपेदिक बुखार आदि रोगो के कारण परेशानी होती है।
कार्य क्षेत्र- शुक्र वार के दिन जन्मे जातक अनेक प्रतिभा के मालिक होते है। ऐसे जातक जो भी कार्य करते है उसमे सफाई व सुंदरता की झलक होती है। ऐसे व्यक्ति कागज, कपडे, रंग सम्बंधी काम, सॉफ्टवेयर से जुडे हुये काम, डिजाइन, फैसन, कला, साहित्य, फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में काम करते है।
प्रेम प्रसंग और दाम्पत्य जीवन- इस दिन पैदा हुये जातक के प्रेम सम्बंध अधिकतर बनते है। इनकी चंचलता के कारण इनके प्रेम सम्बंध स्थिर नही रह पाते। इनका दाम्पत्य जीवन अच्छा होता है। इनके जीवन साथी इनको पाकर खुश रहते है।
उपाय एवम सलाह- ये जातक माता के भक्त होते है। इन्हे कन्याओं को मीठा भोजन निस्वार्थ भावना से करवाना चाहिये। ये किसी संस्था से जुडकर सेवा कर्म करें तो निश्चित पूर्वक अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते है। अत्यधिक कामुकता इनकी सबसे बडी कमी होती है।
अलग प्रतिभा के मालिक होते है शनिवार को जन्मे जातक
जिन जातकों का शनिवार के दिन जन्म होता है वे जातक अंतर्मुखी प्रतिभा के धनी होते है। ये शांत होते है इनको क्रोध देर से आता है और देर से क्रोध शांत होता है। शनि वार के दिन जन्मे जातक योग्य होते हुये भी मान सम्मान कम पाते है। गरीब या दूसरे धर्म के लोगों की सेवा करने वाले होते है। ये बुरे नही होते परंतु परिस्थितियां इन्हे बुरा बनने में मजबूर करती है। ये कर्मठ होते है परंतु इन्हे सफलता देर से प्राप्त होती है।
इस दिन जन्मे जातक दिखावे से दूर भागते है। एकांतप्रिय, प्रकृतिप्रेमी, मृत या खराब वस्तुओं में भी प्राण ढूंढने वाले होते है। ये जातक समाज सुधारक दूसरों के लिये अवाज उठाने वाले और अनेक दुखों का सामना करने वाले होते है। जीवन के प्रारब्ध में अनेक कष्ट प्राप्त करते है। लेकिन वृद्ध अवस्था इनकी सुखमय होती है। इन जातकों की शिक्षा में अनेक बाधायें आती है।
रोग व व्याधियां- इस दिन जन्म लेने वाले जातकों को अनेक प्रकार के रोग दोष होते है। नशों से सम्बंधित रोग, हड्डी रोग, गठिया, पथरी, जोडों का दर्द, शारीरिक कमजोरी, सूखा रोग, आंखों के धब्बे व गड्ढे से सम्बंधित, कर्ण रोग, कमर या पीठ दर्द तथा पांव से सम्बंधित रोग होते है।
कार्य क्षेत्र- शनिवार के दिन जन्म लेने वाले जातकों के अंदर यह क्षमता होती है की उन्हे जिस क्षेत्र में कार्य करने का अवसर प्राप्त होता है उसी में ये दक्ष हो जाते है। वैसे इनके कार्य के मुख्य क्षेत्र विज्ञान, टेक्निकल, कृषि, वाहन सम्बन्धी, भूगोलविद, पुरातत्व के जानकार, जज, आईटी फील्ड, जासूस या गुप्त विभाग, पत्थर लकडी से सम्बंधित काम करता है।
प्रेम सम्बंध व वैवाहिक जीवन- शनिवार के दिन जन्में जातक धोखेबाज नही होते परंतु ये प्रेम प्रदर्शन नही करते इनके प्रेम प्रसंग कम ही होते है। दाम्पत्य जीवन लम्बा और कलह क्लेश युक्त होता है। इनका जीवन साथी ऊचें घर से सम्बंध रखता है।
उपाय एवम सलाह- इस दिन जन्म लेने वाले जातक भोले नाथ के उपासक होते है। इन्हे महालक्ष्मी का पूजन हमेशा करना चाहिये। इन्हे अपने घर में बडे दर्पण रखने चाहिये। इनहे अपने को हमेशा फैशन से जोडकर रखना चाहियें।