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grak kalesh se chutkara

दोस्तों आजकल के समय में देखा जा रहा है कि लोगों के धैर्य बहुत कम हो गया है और छोटी-छोटी बातों पर लोग गुस्सा करने लगे हैं ऐसा क्यों हो रहा है ? जितना भी बाहर का गुस्सा होता है वह लोगों का घर में ही निकलता है। क्योंकि दिमाग में हमेशा टेंशन भरी रहती है। जब ऐसी स्थिति होती है तो पति पत्नी के बीच भाई-बहन के बीच या पिता पुत्र के बीच में झगड़ा होना स्वभाविक बात है। आपको अपने घर में ही अच्छा नहीं लगता ऐसा क्यों हो रहा है अगर आप यह जानना चाहते हैं तो लेख को पूरा जरूर पढ़े। इस लेख में गृह कलेश से होने वाली लगभग 80% समस्याओं से बचने का उपाय बताया गया है।
आगे बढ़ने से पहले अपना एक अनुभव आपसे साझा करना चाहूंगा।

कहीं पर मैं वास्तु देखने के लिए गया था। वह मकान हाई राइज बिल्डिंग में सेकंड फ्लोर पर था। जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने देखा कि वास्तु के सारे नियमों का पालन है इतने नियमों का पालन तो मेरे घर में भी नहीं होता। हर चीज वास्तु के अनुसार उसी स्थान पर रखी हुई थी जैसा पुस्तके बताती हैं। लेकिन उन लोगों के बीच में मानसिक तनाव बना हुआ था। परिवार टूटने की कगार पर था और कलह की स्थिति बनी हुई थी। कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं था। हम लोगों ने औरा स्कैनर से उस पूरी जगह को स्कैन किया। हमें पता चला कि वहां जिओ पैथिक स्ट्रेस बहुत जयादा है। दोस्तों इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि धरती के अंदर दरार होते जहां से बहुत सारी ऊर्जा बाहर निकलती है क्योंकि ऊपर मिट्टी पड़ी हुई है पर अंदर दरार है ठीक उसी तरह से जैसे आपको कई बार चोट ठीक हो जाने के बाद भी चोट दर्द करती है उसी तरह धरती के अंदर जो पुरानी छोटे दरारें होती हैं उन पर समय बीतने के साथ मट्टी पड़ जाती हैं और लोग वहां अपने घर बना लेते हैं उस स्थान से जो उर्जा बाहर निकलती है इसे जिओ पैथिक स्ट्रेस कहा जाता है। जो वहां पर रहने वाले लोगों को परेशान करती है।
हमने पाया कि उस घर के अंदर इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक फील्ड भी बढ़ा हुआ था जिसका कारण उनके घर की सघन इलेक्ट्रिक वायरिंग था। घर में वायरिंग के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। जिस समय हम लोग वहां पहुंचे वहां एक छोटा बच्चा साइंस की किसी किताब में पढ़ाई कर रहा था और वह अंतरिक्ष के बारे में पढ़ रहा था उसने अंतरिक्ष से जुड़े हुए कुछ सवाल पूछे। मैं उनका जवाब देने लगा। अचानक से उसने एक प्रश्न किया कि क्या प्लेनेट भी इंसानों की तरह जिंदा होते हैं? और इसके इस प्रश्न में ही उस घर की समस्या का समाधान था। देखिए ईश्वर जब कोई समस्या का समाधान कराना चाहता है तो किसी ना किसी के माध्यम से जरूर करा देता है। उस की लीला अपरंपार है। अचानक मेरे दिमाग में आया “धरती की धड़कन” तक हमने एक नए सिरे से घर को स्कैन किया और हमने पाया कि उनके घर में इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक फील्ड को कम किया जा सकता है। समाधान बनाकर उनको दे दिया उन्हें एक म्यूजिक दिया गया जिसे रोज बजाने के लिए कहा गया हमने तो उन्हें 2 से 4 घंटे ही कहा था। लेकिन उन्होंने से ज्यादा बजाया और उन्हें इसका लाभ भी मिला मात्र 7 दिनों बाद ही उनका फोन आया और उन्होंने बताया कि घर में चमत्कार जैसा हो गया है। अब उन्हें छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा नहीं आता बच्चे अच्छा पढ़ रहे हैं और उनके माता-पिता को नींद नहीं आने की समस्या थी अब नींद अच्छी आ रही है। उनकी पत्नी और उनके संबंधों में मधुरता आ गई है।


इसके लिए हमें एक बार विज्ञान को समझना होगा। आपने कई बार नोट किया होगा कि लोग हमेशा छुट्टियों में पहाड़ों की तरफ जाना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोगों को जब भी मौका मिलता है वह प्रकृति की गोद में जाना पसंद करते हैं। बच्चे पार्क में खेलना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए नहीं कि वहां खुली जगह होती है इसलिए कि वहां पेड़ पौधे और घास होती है। वहां शांति का अनुभव होता है।

जब घर में झगड़े ज्यादा बढ़ जाते हैं तो महिलाएं कहती हैं कि हमारे घर को किसी की नजर लग गई है या किसी ने जादू टोना करा दिया है। दोस्तों यह चीज तो सेकेंडरी है इससे पहले जो कारन है आपने जान ली तो समझ गए कि आपका समृद्धि का रास्ता खुल गया।

जब कोई बच्चा अपनी मां के गर्भ में होता है तो वह सबसे सकून वाली जगह पर होता है। उसे किसी भी प्रकार के दुखि या तकलीफ नहीं हो रही होती है। उसे सांस लेने की भी जरूरत नहीं होती क्योंकि उसकी सारी व जरूरत है मां पूरी कर रही होती है। परंतु जैसे ही बच्चा अपनी मां के गर्भ से बाहर आता है। उसके जीवन में संघर्ष शुरू हो जाता है। वह रोने लगता है क्योंकि उसके शरीर में जगह जगह तकलीफ हो रही होती है। उसे सांस लेने के लिए ताकत लगानी पड़ रही होती है। और उसके बाद अनंत मुश्किलों का सफर शुरू होता है। जैसा बच्चा गर्भ में सुखी होता है वैसे ही जब हम इस धरती पर खुद को सुखी और सुरक्षित महसूस करते हैं।
दरअसल हमारी धरती एक बहुत बड़ी चुंबक है जिसमे से चुंबकीय तरंगे निकलती हैं जिसे हम वैज्ञानिक भाषा में इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक फील्ड कहते हैं। यह चुंबकीय तरंगे हमारी रक्षा करती हैं सूरत से आने वाली हानिकारक सोलर विंड से। इस इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक फील्ड की एक फिकवेंसी है जिसे विद्वान लोग धरती की धड़कन कहते हैं। जो ओम की ध्वनि भी कहलाती है। नासा इसे शूमन रिसोनांस कहता है।
सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद अंतरिक्ष में जाने की होड़ सी लग गई 1961 में पहला आदमी अंतरिक्ष में पहुंचा। यह मानव सभ्यता की लंबी छलांग थी। उसके बाद सभी देशों ने कई लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर वापस लौटते थे तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से काफी कमजोर हो जाते थे। शारीरिक रूप से इसलिए क्योंकि वहां ग्रेविटी की कमी थी। मानसिक रूप से इसलिए क्योंकि वह धरती की धड़कन से दूर हो गए थे यानी अपनी मां की गोद से दूर चले गए थे। लोग मानसिक रूप से चिड़चिड़े और कई लोग तो पागल भी हो गए। वैज्ञानिकों को यह बात बाद में समझ में आई और तब एक मशीन बनाई गई जिसे हम शुमैन रिजोनेटर के नाम से जानते हैं जो हर अंतरिक्ष यान में लगाई जाती है उस मशीन से इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक वेव्स निकलती है जो अंतरिक्ष में इंसान के दिमाग को धरती जैसा महसूस कराती हैं। जिसमें से 7.83 हर्ट की तरंगे निकलती हैं। आप जानते होंगे कि मंत्र एक तरह की तरंगे हैं जो आपके दिमाग में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं इसीलिए लोग अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्रों को सिद्ध किये जते हैं।

आपके घर में उपस्थित हर इलेक्ट्रिक उपकरण से इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक पल्स जनरेट यानी बनती है। जैसे आप का पंखा आपका बल्ब एसी फ्रीज टीवी सब EMP बनाते हैं और सबसे बड़ी न सुलझने वाली समस्या आपके घर के अंदर अंडरग्राउंड वायरिंग है। जिस तार के चारों ओर इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक पल्स घूमती है जब उन्हें करंट दौड़ता है। जिसके कारण यह तरंगे आसपास के वातावरण को प्रभावित करती हैं। जो धरती की नेचुरल धड़कन है उस धड़कन को धीमा या तेज कर देती है। जिसके कारण घर में रहने वाले लोगों को बेचैनी, उदासी, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से लड़ना पड़ता है। कई बार तो समझ में ही नहीं आता कि आप किस बात पर झगड़ा कर रहे हैं। बस एक अजीब सा चिड़चिड़ापन बना रहता है यह सब आपके घर के वास्तु दोषों के कारण हो सकता है परंतु उन वास्तु दूसरों में भी प्रमुख यह EMP दोष है। कोई भी वास्तु शास्त्री यह बात जानता है कि पृथ्वी पर के अंदर होने वाली ज्योपैथिक स्ट्रेस की वजह से आपके घर में आपके जीवन में परेशानी आ सकती है। यह वायरिंग आपके घर की ज्योपैथिक स्ट्रेस को बढ़ा सकती है। अगर आप वास्तु के नियमों को ध्यान से पढ़ें तो आपको पता चलेगा कि जब आप मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहते हैं तो बहुत सारे वास्तु दोष होते बच जाते हैं क्योंकि धरती से चलने वाली ऊर्जा आपको परेशान नहीं करती।पर फिर भी मल्टीस्टोरी में रहने वाले लोग परेशान रहते हैं और इसका मुख्य कारण आपके घर की वायरिंग है जो अनजाने में ही आपको धरती की धड़कन सुनने से रोक रही है।

अब उपचार की बात करते हैं आपको क्या करना है ? ……. स्पेस शटल में यंत्र लगाया जाता है उसे घर में लगा सकते हैं। सुमन रिजोनेटर इंटरनेट पर भी मिल जाएगा। चाइनीस लोग हर किसी को फालतू की चीजें सस्ते दामों में चेप देते हैं ऐसे ही आपको इंटरनेट पर बहुत सस्ते रिजोनेटर मिल जाएंगे लेकिन वह कहीं किसी काम के होते नहीं है वे इतने छोटे एरिया के अंदर काम करते हैं कि इतने में आपका शरीर भी नहीं आएगा। इस रिजोनेटर को चलाने के लिए भी आपको बिजली खर्च करनी पड़ती है।
इसको हमने म्यूजिक थेरेपी में एक ऑडियो में बनाया है इसके अंदर अर्थ फ्रिकवेंसी जिसे ॐ तरंगे भी कहते है मिलेगी साथी सब्लिमिनल रूप मंत्र मिलेगा और ऐसा म्यूजिक होगा जो प्रकृति सम्बंदित है। जिसके कारण आपका मन हमेशा शांत रहेगा और घर के अंदर प्यार बढ़ेगा। घर में रहने वाले बच्चों का मन पढ़ाई में और कामकाजी लोगों का मन काम में लगेगा। वह किसी भी प्रकार की स्ट्रेस आसानी से नहीं होगी। देखिए दोस्तों यह जीवन है कोई ना कोई प्रॉब्लम तो लगी ही रहेगी यह म्यूजिक आपके मन को शांत रहने में मदद करेगा।
अब आपको करना क्या है यह 3 घंटे का म्यूजिक है जिसे सुबह आप जागने के बाद किसी अपने मोबाइल को स्पीकर से जोड़कर आप इसे बजा दीजिए। सिर्फ 7 दिनों के अंदर आप खुद महसूस करेंगे कि कुछ बदल रहा है धन्यवाद दोस्तों हम इसी तरह की जानकारी लाते रहेंगे।

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