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आपने अक्सर देखा होगा कि पुरुष लोग अपने हाथ में कड़ा पहनते है। सिख समुदाय में कड़ा पहनना उनको धार्मिक रूप से अनिवार्य होता है। परन्तु उनके अलावा क्या बाकी लोग केवल फैशन की वजह से ही कड़ा पहनते हैं। क्या हाथ में कड़ा पहनने का कोई वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस लेख में यही चर्चा करेंगे की किस धातु का कड़ा आपको पहनना चाहिए। अपनी राशि के अनुसार कौन सी धातु का कड़ा पहने।
कड़ा पहनने के शारीरिक व मनोवैज्ञानिक लाभ
प्रयोगों में देखा गया की जो इंसान हाथ में कड़ा पहनता है उसमे हिम्मत बढ़ जाती है। कड़ा पहनने वाले बहादुर और हिम्मत वाले इंसान होते है। वैज्ञानिको का मानना है कि कड़ा पहनने वाले मर्दों का एटीट्यूड और स्टाइल बाकी पुरुषों के मामले में थोड़ा अलग होता है। उनमे रिस्क लेने की क्षमता बढ़ जाती है। कई बार देखा गया है की ये लोग दंबगई पर उतर आते हैं। क्योंकि कड़े की वजह से इनके शरीर के अंदर एक अनोखी ऊर्जा का संचार होता है। कुछ लोग तांबे का कड़ा भी पहनते हैं। इस वजह से टेंशन दुर रहती है।
सोने से बना कड़ा पहनने के फायदे
सोना शुद्ध धातु है जो आपके भाग्य के व स्वस्थ के लिए उत्तम माना जाता है। यह मणिपुर चक्र को एक्टिव करता है। इसे पहनने वाले की यह धातु पूरी तरह सहायता करता है। सोने में रक्षात्मक गुण पाए जाते हैं। यह आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है।
तर्जनी में सोना पहनने से, ज्ञान एवं जागरूकता को आकर्षित किया जा सकता है। यही प्रभाव सोने का कड़ा पहनने पर भी होता है। सोने में सकारात्मक ऊर्जा होती है इसलिए, यह बाधाओं से निपटने में सहायता करता है।
ज्योतिष के अनुसार सूर्य, मंगल और बृहस्पति गृह पर सोने का अधिकार होता है। आपकी कुंडली में इन तीनो की स्थिति ठीक है तो आप सोने का कड़ा पहन सकते हैं। साथ ही यदि आपकी राशि मेष, सिंह व धनु हो तो यह आपके लिए अच्छा है। वैसे तो सोने का कड़ा पहनने के और कई ज्योतिषीय लाभ हैं, किन्तु फिर कुछ लोगों को सोने का कड़ा पहनने से पहले ज्योतिषियों से परामर्श करना चाहिए।
कोशिश करें कि अपने बाएं हाथ पर सोना पहनें। पायल के रूप में सोने से दूर रहें। कोशिश करें कि आपके पेट के आस-पास सोना न पहने। युवा लाल रंग की डोरी में स्वर्ण पहने ।सोने में जीवन शक्ति और गर्मी को आत्मसात करने की क्षमता होती है। इसी यह, यह विष को भी कम करने की क्षमता रखता है।
चांदी की कड़ा पहनने के ज्योतिषीय लाभ
पुराने समय से, चांदी का प्रयोग घाव भरने में, संक्रमण के नाश के लिए, आंतरिक अंगों को रहत देने के लिए, आत्मा को शांत करने के लिए, मानसिक रोग में रोगी को लाभ पहुंचने के लिए करते आ रहे हैं। चांदी में जल को चार्ज करने की प्रबल क्षमता होती है। चांदी त्वचा के अल्सर जैसी बिमारियों और अधिकांश रोगाणुओं सम्बंधित समस्या को खत्म करती है। इसके अलावा, यह किसी व्यक्ति के शरीर की शक्ति बढ़ाने में और शरीर में गर्मी को बाहर करने में मदद करता है। चांदी के बारे में कहा जाता है की इसे पहनने से जीवन शक्ति के स्तर और स्वभाव में सुधार आता है।
Silver Ring on thumb । अंगूठे में चांदी का छल्ला
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। यह मन को चंचल रखता है और चांदी को चंद्रमा की धातु माना जाता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांदी का कड़ा कलाई में पहनने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही चंद्रमा ग्रह से जुड़े हुए जितने भी दोष हैं उन्हें यह कड़ा धारण करने पर समाप्त करता है और एकाग्रता लाकर मन को चंचल होने से बचाता है। कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने हाथों में चांदी का कड़ा पहनते हैं उनपर लक्ष्मी माता की बहुत कृपा होती है। उन्हें धन की कभी भी कमी नहीं होती है।
ज्योतिष के अनुसार चंद्र और शुक्र पर सोने का अधिकार होता है। आपकी कुंडली में इन दोनों की स्थिति ठीक है तो आप सोने का कड़ा पहन सकते हैं। साथ ही यदि आपकी राशि कर्क, बृष, तुला या मीन है तो यह आपके लिए अच्छा है। वैसे तो चांदी का कड़ा पहनने के और कई ज्योतिषीय लाभ हैं, किन्तु फिर कुछ लोगों को इसे पहनने से पहले ज्योतिषियों से परामर्श करना चाहिए। चांदी की बिना जोड़ वाली अंगूठी पहनने से भी यही लाभ होता है।
ताम्बे का कड़ा पहनने से लाभ
ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार सोना और तांबा शुद्ध धातु माने गए हैं। तांबा एक ऐसी धातु है जिसे ज्योतिष और विज्ञान दोनों में मान्यता है। ऐसे में माना जाता है कि तांबा धारण करने से या इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा रहता है।
जानकारों के अनुसार तांबा एक ऐसी धातु है जो पानी से लेकर हर चीज में मौजूद कीटाणुओं को खत्म कर देता है।
तांबे को सूर्य व मंगल दोनों से जुड़ा माना जाता है। ऐसे में इसका कड़ा कई लिहाज से लाभदायक मानी जाती है। जानकारों के अनुसार नाखून और त्वचा से जुड़ी बीमारियों को ठीक और स्वस्थ्य करने में तांबा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
तांबे की अंगूठी से समाज में प्रभाव बढ़ता है। जिसमें ज्योतिष मानते हैं कि इससे घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है। इसके अलावा तांबे का प्रभाव आपके मंगल पर भी पड़ता है।
ये है खास फायदे…
यह खून की सफाई करता है। इससे खून से प्रदूषित तत्व भी दूर होते हैं जिससे हृदय रोगों की संभावना कम हो जाती है।
तांबे का कड़ा पहनने से मानसिक और शारीरिक तनाव में कमी आती है। इससे गुस्से को नियंत्रण में रखने में भी सहायता मिलती है।
यह भी कहा जाता है कि तांबे के गहने जैसे कड़ा, अंगूठी, छल्ले या नथुनी आदि पहनने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत बनी रहती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के मजबूत होने से एलर्जी आदि समस्याओं के सुरक्षा हो जाती है।
तांबे का कड़ा पहनने से शरीर में कॉपर की समस्या दूर हो जाती है। तांबे की अंगूठी या फिर तांबे या कड़ा पहनने से इसके गुण त्वचा के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है औऱ शरीर में कॉपर की कमी आसानी से पूरी हो जाती है।
जानकारों की माने तोकॉपर का कड़ा या ब्रेसलेट पहनने से शरीर के जोड़ों और गठिया से जुड़े हर तरह के दर्द से आराम मिलता है।
तांबे के कड़े का ज्योतिषीय महत्व
तांबे का कड़ा पहनना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस उंगली में तांबा धारण करने से सूर्य से जुड़े हुए सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही किसी व्यक्ति की पर यदि मंगल की क्रूर दशा हो, तो उसके लिए तांबा लाभकारी है इससे मंगल के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
यदि जातक की कुंडली में सूर्य दोष हो तो व्यक्ति कठिन मेहनत के बाद भी उसका पर्याप्त लाभ नहीं पाता है। हर काम में उसे बेवजह की अड़चनों का सामना करना पड़ता है और बार-बार सामजिक सम्मान में कमी के हालात पैदा होते हैं। तांबे का कड़ा पहने से व्यक्ति के सूर्य दोष दूर होते हैं।
तांबे को कमर में भी पहन सकते हैं, इससे नाभि और हार्मोन्स की समस्या में सुधार होता है। तांबे का सिक्का गले में धारण करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
मेष, सिंह और धनु राशि के लिए तांबे हमेशा शुभ माना जाता है।
वृष, कन्या और मकर राशि के लिए तांबे बहुत अनुकूल नहीं माना जाता।
जबकि बाकी राशियों के लिए तांबे साधारण माना जाता है।
पीतल, लोहे का कड़ा
लोहे का कड़ा, स्टील का कड़ा या जर्मन का कड़ा पहना है तो यह शनि का कड़ा माना जाएगा। इसे शरीर में आयरन की कमी दूर होती है साथ ही यह शनि के दोष प्रभाव से भी बचता है। इसे मकर, कुम्भ व तुला राशि वाले पहन सकते हैं।
इसी तरह पीतल का कड़ा मंगल व गुरु का प्रतिनिधित्व करता है । अत: किसी ज्योतिष से पूछकर ही पीतल का कड़ा पहने। इसे धनु राधी के जातक ही पहन सकते हैं।
पंच धातु कड़ा पहने के लाभ –
पंचधातु 1 सोना, 2 तांबा, 3 चांदी, 4 पीतल और 5 सीसा या जिप्सम का मिश्रण होता है।
पंचधातु में सोना आपको चिकित्सिक गुण प्रदान करता है तो चांदी आपको ठण्ड और गर्मी सहन करने की शक्ति प्रदान करता है | लोहा मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और सीसा स्वयं जहरीला होता है परन्तु पंचधातु में मिलकर बाकी सारे धातुओं के गुणों को बढ़ाता है |जब पंचधातु से बना कड़ा पहनते हैं तो ये पांचों धातु मिलकर असाधारण तरीके से विश्वास,स्वास्थय,सौभाग्य और संवृद्धि में बढ़ोतरी कराते हैं
पंचधातु कड़ा पहनने से हमारे आस-पास जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा फैली हुई है उस सबका नाश करता है | पांचधातु कड़ा पहनने से जातक के मन में सकारात्मक विचार आते हैं और जातक के प्राणशक्ति को बढ़ाता है | यदि जीवन में आपका कोई लक्ष्य नहीं है या अभी तक आपने कोई लक्ष्य निर्धारण नहीं किया है तो आपको निश्चित ही पंचधातु की कड़ा पहननी चाहिए | पंचधातु कड़ा पहनने से महालक्ष्मी की कृपा होने लगती है |
अस्टधातु का कड़ा
अष्टधातु का मनुष्य के स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। यह हृदय को भी बल देती है एवं मनुष्य की अनेक प्रकार की बीमारियों को निवारण करती है।
अष्टधातु की अंगूठी या कड़ा धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शांति लाता है।
यह वात, पित्त, कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता है कि बीमारियां कम होती हैं एवं स्वास्थ्य पर अच्छा असर रहता है।
अष्टधातु मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालती है। अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है।
व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी धारण करें।
सभी नौ ग्रहों से होने वाली पीड़ा को शांत करता है।
ज्योतिष के अनुसार अष्टधातु का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर धातु में ऊर्जा निहित होती है, धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण की जाए तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा धातुएं विपरीत प्रभाव भी देती हैं। अष्टधातु का प्रयोग रत्न को धारण करने के लिए भी होता था। यदि कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो विशेष कष्टदायक होता है। उसमें भी राहु की महादशा और अंतर्दशा अत्यंत ही कष्टकारक दुष्प्रभाव दे सकती है। ऐसी स्थिति में दाहिने हाथ में अष्टधातु का कड़ा धारण करने से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है। इसके साथ ही किसी योग्य ज्योतिष के परामर्श से राहु का जप और दान भी कर सकते हैं। यह उपाय अवश्य ही राहत प्रदान करता है।