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Bajrang ban kaise chalayen, बजरंग बाण कैसे चलायें

Bajrang ban kaise chalayen, बजरंग बाण कैसे चलायें

जय श्री राम दोस्तों इस वीडियो में बजरंग बाण के बारे में चर्चा करेंगे। और जानेंगे की उसे किसने लिखा और क्यों लिखा व इसके क्या फायदे हैं। और इसे कैसे करना चाहिए?

बजरंग बाण बहुत ही शक्तिशाली पाठ है इसे हल्के में लेना नहीं चाहिए। इसमें नियम का विशेष महत्व है। इस पाठ को हनुमान जी की पूजा के लिए किया जाता है जो भक्तों के सभी दुखों को हर कर उन्हें सभी प्रकार के भय और डर से मुक्त करते हैं। भय से मुक्ति पाने के लोग लिए हनुमान चालीसा का पाठ तो करते ही हैं साथ ही साथ यदि बजरंग बाद का पाठ करें तो इससे भी आपको अचूक लाभ मिल सकता है।
अगर आप सच्चे मन से बजरंग बाण का नियमित पाठ करते हैं तो ऐसे में सिर्फ आपके संकट दूर होते हैं अपितु आप इससे कितना भी ताकतवर शत्रु हो उसे पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। यह इतना शक्तिशाली पाठ से आप अपने जीवन में जो भी पाना चाहते हैं वो सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं।

तो चलिए इस शक्तिशाली बजरंगबली से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को जानते हैं। दोस्तों आपसे अनुरोध है इस वीडियो को अंत तक जरूर देखिएगा क्योंकि अधूरी जानकारी हानिकारक होता है जिससे बुरे परिणाम मिलते हैं मित्रों आगे बढ़ाने से पहले कमेंट बॉक्स में जय श्री राम लिखना ना भूले।

बजरंग बाण की रचना किसने की ?

सबसे पहले जानते हैं की बजरंग बाण की रचना किसने की थी गोस्वामी तुलसीदास जी ने सबसे पहले हनुमान चालीसा लिखी थी। इसपर हमने पहले ही एक वीडियो वन्य है आपके पास समय हो तो इस वीडियो के बाद उसे भी देख सकते हैं। इसके बाद उन्होंने हनुमान जी की सहायता से श्री रामचरितमानस की रचना की थी। बजरंग बाण मंत्र को भी तुलसीदास जी ने ही लिखा था। बजरंग बाण की शक्ति को स्वयं तुलसी दास जी ने भी जागृत किया था।
गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन की एक घटना है। उनपर काशी में किसी तांत्रिक ने मारण मंत्र का प्रयोग किया था। तब तुलसीदास जी के पूरे शरीर पर फोड़े निकल आए थे। इसके बाद तुलसीदास जी ने बजरंग बाण का पाठ पढ़कर हनुमान जी से मदद की गुहार लगाई थी। बजरंग बाण के पाठ से उनके सारे फोड़े ठीक हो गए थे। तभी से लोगों को ऐसा विश्वास है कि यह पाठ शत्रुओं पर अचूक वार करता है।

इसे बजरंग बाण क्यों कहते हैं।

यह पाठ शत्रुओं पर अचूक प्रहार करता है। आपने राम बाण सुना होगा रामचरित मानस में तुलसीदास जी एक विशेष बात कहते हैं
‘जिमि अमाघ रघुपति कर बाना।
एही भाँति चलेउ हनुमाना।।’
अर्थात
जैसे राम जी का तीर अपने लक्ष्य को भेद कर ही आता है वैसे ही हनुमान जी अपने लक्ष्य की ओर प्रस्थान कर गए।
श्रीराम जी के बाण की एक विशेषता थी कि प्रभु के बाण को जिस भी लक्ष्य का भेदन करने के लिए छोड़ दिया जाता, वह बाण अपना लक्ष्य भेदन करके ही दम लेता। अगर उसे टेढ़ा मेढ़ा भी चलना पड़ता, तो राम बाण अपनी दिशा भी बदल लेता था। श्रीराम जी के बाण की दूसरी विशेषता यह कि अन्य साधारण बाण तो एक बार अपने लक्ष्य पर पहुँच जायें, तो वहीं धँसकर रह जाते हैं। लेकित श्रीराम जी के बाण के साथ नहीं था। श्रीराम जी के बाण ने जब अपना लक्ष्य भेद लिया, तो वह बाण पुनः वापिस श्रीराम जी के तुनीर में आकर प्रभु की पीठ पर सज जाता। ऐसा कहते हैं की वह मन्त्र शक्ति द्वारा अभी अभिमंत्रित था।
वैसे ही बजरंग बाण है। बजरंगबली की स्तुति रूपी बाण जो हर कठिन से कठिन लक्ष्य को भेद देता है। इस पाठ में पहले हनुमान जी की स्तुति की गई है जैसे वैदिक मन्त्रों में होती है फिर डामर मन्त्रों की तरह उच्च स्वर में एक ही शब्द की बार बार आवर्ती की है। उसके बाद बीज मन्त्रों का इस्तमाल किया है। और अंत में शाबर मन्त्रों की तरह शपथ या कसम दी गई है। कुल मिलकर आप कह सकते हैं कि हनुमान जी को किसी भी तरह से अपनी मदद के लिए मानना है। शायद इसी लिए ये इतना असरकारी है।
इसे शत्रु पर छोड़ा जाता है ताकि उसकी बुरी शक्तियों का नाश हो सके।

इसके लाभ क्या हैं

बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को नाराज कर देते हैं इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके करण उनके भी गुप्त शत्रु बन जाते हैं। आप हर तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्यंत्र रचते है। ऐसे में यदि आप सच्चे हो तो बजरंग बाद का पाठ आपको शत्रुओं से बचता है।

बजरंग बाद का पाठ करने के अनेको फायदे होते हैं
जैसे इस पाठ को करने से मन और शरीर में ऊर्जा का संचार होने लगता है जिससे भक्ति बढ़ती है।
इसके अलावा इस मंत्र का जब करने वाले व्यक्ति को संतुष्टि और आनंद की अनुभूति होती है
जब हम इस पाठ को पढ़ते या सुनते हैं तो इससे हमें खुद पर विश्वास करने और अपने कार्यों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
यदि आपके विवाहित जीवन में कोई समस्या चल रही है तो केले के पेड़ के नीचे बैठकर बजरंग बाण का पाठ करने से आपको जरूर लाभ मिल सकता है इससे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन सुखमय बीतेगा।
यदि आपकी कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष मौजूद है तो आपको नियमित रूप से सूर्योदय से पूर्व उठकर बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए इस दौरान आंटे से बना दीपक जालना ना भूले, ऐसा करके आप कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों दोषों को दूर कर सकते हैं।
किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी जैसे की अल्सर कैंसर लिवर में दिक्कत आदि बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए राहुकाल में हनुमान जी को 21 पान के पत्तों की माला चढ़ते हुए बजरंग बाण का पाठ करें। इस दौरान घी के लिए जालना ना भूले।
यदि आप कार्यक्षेत्र में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको मंगलवार के दिन खासतौर से व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए
मंगलवार के दिन हनुमान जी को एक नारियल चढ़ाये। उसे किसी लाल कपड़े में लपेटकर घर के दक्षिण कोने में रख दें वास्तु दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
यदि आप नियमित रूप से प्रतिदिन तीन बार बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो इससे आपके वास्तु दोष दूर हो सकते हैं इसके साथ ही घर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करके भी इस दोष से मुक्त हो सकते हैं। दोस्तों हमें एक वीडियो में हनुमान जी की फोटो कहाँ लगनी चाहिए ये बताया है।
मांगलिक दोष के निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार को यदि बजरंग बाण का पाठ किया जाए तो इससे मांगलिक दोष का निवारण जल्द हो सकता है इसके अलावा बजरंग बाद का नियमित पाठ करके आप किसी भी अन्य मुसीबत से छुटकारा पा सकते हैं।
रात को सोने से पहले और ब्रह्म मुहूर्त में बजरंग बाण का पाठ करना लाभकारी माना जाता है

चलिए जानते हैं की बजरंगबली पाठ को सिद्ध करने का सही तरीका क्या है?

बजरंग बाद को सिद्ध करना बहुत आसन है बस आपको सच्चे मन से निरंतर जप करना है।
सबसे पहले हनुमान जी की सुंदर मूर्ति या चित्र अपने सामने एक आसन पर रखकर पुष्प , धूप दीप , चन्दन आदि से सुशोभित कर निम्न चमत्कारी बजरंग बाण का नियमित पारायण कीजिए। बार बार दोहराने से याद भी हो जाएगा। इसका प्रयोग किसी भी प्रकार के कार्य के लिए किया जा सकता है परंतु किसी क्षुद्र एवं वैर भाव कै लिए नहीं करना चाहिए।
प्रार्थना पढ़ने के लिए प्रत्येक दिन एक विशिष्ट समय निर्धारित करके शुरुआत करें। एक शांत और शांतिपूर्ण स्थान ढूंढें जहां आप ध्यान केंद्रित कर सकें और दिव्य ऊर्जा से जुड़ सकें।
इससे पहले कि आप बजरंग बाण का पाठ शुरू करें, अपने आप को केंद्रित करने और अपने दिमाग को साफ़ करने के लिए कुछ क्षण लें। गहरी साँसें लें और ध्यान भटकाने वाले या नकारात्मक विचारों को छोड़ दें।
जैसे ही आप प्रार्थना पढ़ते हैं, शब्दों और उनके अर्थ पर ध्यान केंद्रित करें।
प्रार्थना के कम्पन को अपने भीतर गूंजने दें, यह आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा। अपने चारों ओर दिव्य ऊर्जा की कल्पना करें, जो एक सुरक्षा कवच बना रही है।
आसन पर बैठकर बजरंग बाद का कम से कम पांच या 11 बार अपनी क्षमता अनुसार पाठ करें।
इस तरह जब आप बजरंग बाद का नियमित पाठ करते हैं तो आपको जल्द ही शुभ समाचार मिलने लगता हैं।

राम भक्ति हनुमान स्वाम ब्रम्हचारी है और यह पाठ बहुत शक्तिशाली है। इसके प्रयोग में हुई त्रुटि के लिए क्षमा नहीं मिलती इसलिए कोई संकल्प लेकर यदि आप इसे प्रयोग करना कहते हैं तो नियमो का पालन जरूर करें।
जितने भी दिन तक आप बजरंग बाद का पाठ करते हो उतने दोनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें। किसी प्रकार का नशा या तामसिक चीजों का सेवन ना करें।
कोशिश करें कि बजरंग बाण का पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण सही और स्पष्ट होना चाहिए तथा यह भी समझना का प्रयास करें की शब्दों का सही अर्थ क्या है।

अगर आपने किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए बजरंग बाद का पाठ आरंभ किया है तो कम से कम 41 दोनों तक ये पाठ नियम पूर्वक करें। आप चाहे तो बजरंग बाद का पाठ करने से पूर्व गणपति स्तोत्र या कुछ अन्य श्लोक का पाठ कर सकते हैं। मंगलवार से ही इसकी शुरुआत करें अन्य दिन शुरुआत करने से बचना चाहिए।
बीच में एक भी दिन पाठ छोड़ें देने से आपकी पुरी मेहनत खराब हो जाती है।
जब आप पाठ करें तो इसके बारे में उस समय हर किसी को नहीं बताना चाहिए।
कभी किसी का बुरा करने की कामना के साथ बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए और ना ही किसी अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए।
बिना प्रयास के ही किसी कार्य में सफलता अपने के उद्देश्य के लिए बजरंग बाण का पाठ बिल्कुल ना करें।

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