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Benefits of ek mukhi rudraksha, एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ

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एक मुखी रुद्राक्ष मनुष्‍य को प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है। एक मुखी रुद्राक्ष बाकी सभी रुद्राक्षों में से सबसे ज्‍यादा दुर्लभ माना जाता है। ये अन्‍य सभी रुद्राक्षों का राजा कहा जाता है। इस पर स्‍वयं महादेव की कृपा है। आमतौर पर एक मुखी रुद्राक्ष काजू के आकार में आता है। जिसे काजू दाना रुद्राक्ष कहते हैं। बाजार में ज्यादातर काजू दाना रुद्राक्ष ही मिलता है। एक मुखी होने के कारण इस रुद्राक्ष को एक आंख का प्रतीक भी माना जाता है।

Benefits of ek mukhi rudraksha, एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ,

भक्ति मार्ग में कल्‍याणकारी वस्‍तुओं में एकमुखी रुद्राक्ष का नाम सर्वप्रथम आता है। इसके प्रभाव से मनुष्‍य अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है। वह भक्ति मार्ग से ईश्वर की प्राप्‍ति की ओर अग्रसर हो सकता है। धन प्राप्‍ति में भी एकमुखी रुद्राक्ष फायदेमंद साबित होता है। एक मुखी रुद्राक्ष को बहुत ही प्रभावशाली होता है। इसे आध्यात्मिक उन्नति और एकाग्रता के लिए धारण किया जाता है। वहीं, छात्रों के लिए भी बहुत ही लाभकारी है। मान्यता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।

Benefits of wearing Rudraksha Ring, Mala or Bracelet। रुद्राक्ष की अंगूठी, माला या ब्रेसलेट पहनने के लाभ

यदि कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होते हैं तो उन लोगों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। एक मुखी रुद्राक्ष ब्‍लडप्रेशर और दिल से संबंधित रोगों से भी बचाता है। सरकार से सम्बंधित किसी भी नौकरी, ठेकेदारी या राजनीति से जुड़े व्यक्ति को एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है। लेकिन एक मुखी रुद्राक्ष का संबंध सूर्य देवता से है। इसलिए सिंह राशि वालो के लिए यह धारण करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।
कई पुराणों में, शास्त्रों और लेखों के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष को स्वयं भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसे पहनने से जीवन में खतरों और बुराइयों से सुरक्षा मिलती है। जैसा कि माना जाता है, एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति का आत्म-चेतन मन प्रबुद्ध होता है। यह ब्रह्महत्या के समान पिछले जन्म के पापों को धोता है और सांसारिक विलासिता और मामलों से मुक्त करता है।

पद्म पुराण के 57वें अध्याय, श्लोक 38-39 में कहा गया है,

“एक मुखी रुद्राक्ष शिव का आभासी रूप माना जाता है और सभी प्रकार के पापों को नष्ट करता है। इसलिए, इसे धारण करने वाला शिव के स्वर्ग में जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है। हे कार्तिकेय, एक व्यक्ति अपनी महानता और धार्मिक विश्वसनीयता के कारण मनका पहनने के योग्य माना जाएगा, भगवान की कृपा अर्जित करेगा और कैलाश पर्वत प्राप्त करेगा। ”

बाजार में गोल दाना और काजू दाना रुद्राक्ष दोनों मिले हैं। ज्यादातर काजू दाना नकली मिलता है होलसेल में 12 रूपये में मिल जाता है पर वह प्लास्टिक या लकड़ी से बनाया होता है। इसलिए जब भी आप खरीदे किसी संसथान से ख़रीदे थोड़ा महंगा तो मिलता है पर ठीक होता है।
हम सामान्य मनुष्यों को काजू दाना ही पहनना चाहिए। क्योकि गोल दाने बाले रुद्राक्ष का औरा बहुत बड़ा होता है इसलिए गोल दाने को हमेशा पूजा घर में रखना चाहिए। घर में रहने वाले किसी भी व्यक्ति, पशु यहाँ तक की पेड़ पौधे के लिए भी यह बहुत अच्छा है। जिस घर में सक्रिय एक मुखी रुद्राक्ष होता है कहते हैं वहां कभी आकाल मृत्यु नहीं होती। उस घर में अन्न व वस्त्र की कमी नहीं रहती। घर के लोगो में एकता बानी रहती है। परन्तु यदि यह खंडित या दूषित हो जाता है तो सबसे पहले घर के लोगों में मन मुटाव शुरू हो जाते हैं।

एक मुखी रुद्राक्ष पहनने की तरीका, how to wear one mukhi rudraksha

एक मुखी रुद्राक्ष, सोने या चांदी के पेंडेंट में पहना जा सकता है।
इसे रविवार, सोमवार या शिवरात्रि के दिन या तो सोने/चांदी की चेन में या लाल/काले धागे में पहना जा सकता है।
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले बिना उबाले दूध या गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए।
सुबह उठकर स्नान आदि के बाद भगवान सूर्य को लाल फूल और तांबे के बर्तन में जल चढ़ाएं।
रुद्राक्ष को सक्रिय करने के लिए “ॐ ह्री नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
अनुष्ठान करने के बाद, इसे पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके भगवान शिव की पूजा करके पहना जा सकता है।

नियम: क्या करें और क्या न करें

भगवान शिव में पहनने वाले की गहरी आस्था होनी चाहिए।
उसे धूम्रपान नहीं करना चाहिए, शराब नहीं पीनी चाहिए, मांस नहीं खाना चाहिए या बुरे इरादे नहीं रखने चाहिए।
पहनने वाले को गर्म महसूस होने की उम्मीद है, क्योंकि गर्मी एक मुखी रुद्राक्ष की विशेषता है।
एक मुखी गोल दाने को धारण करने के स्थान पर पूजा करना अत्यंत शुभ बताया गया है।

ऐसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान:

यदि 1 मुखी रुद्राक्ष की पहचान अच्छे से करनी हो तो इसके लिए गर्म पानी में रुद्राक्ष को उबालें। अगर वह अपना रंग छोड़ने लगे तो वह रुद्राक्ष असली नहीं है। साथ ही रुद्राक्ष की पहचान का तीसरा तरीका है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालें यदि वह पहले रंग से अधिक गहरा प्रतीत हो तो वह असली है।

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