benefits of gomti chakra ring, Gomti chakra ring, गोमती चक्र की अंगूठी
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं गोमती चक्र के लाभ। वैसे तो हमने गोमती चक्र पर पहले भी एक लेख लिखा है लेकिन हम आज आपको गोमती चक्र की अंगूठी के बारे में बता रहे हैं। जिसके प्रभाव बहुत ही विशेष है या आप ऐसा समझिए की एक अंगूठी आपकी किस्मत को पूरी तरह बदल सकती है।
बाजार में गोमती चक्र आसानी से मिल जाते हैं। उसमे से हमें अपने मतलब का गोमती चक्र ढूँढना है। पहले गोमती चक्र आसानी से नहीं मिलता था पर अब पत्थर को काट कर इसे व्यावसाय के लिए कृत्रम रूप से तैयार किया जाता है। प्राकृतिक गोमती चक्र मिले तो यह आपकी किस्मत बदल सकता है।
दरअसल, यह चक्र (gomti chakra) भारत की सबसे प्रसिद्ध नदी गोमती में पाया जाता है। यह चक्र एक प्रकार का पत्थर है जो गोमती नदी में मौजूद होता है।
यह पत्थर एक ओर से पत्थर की तरह सफेद होता है जबकि दूसरी तरफ से समतल होता है। समतल पत्थर के कारण इस पर सांप की आकृति बनी होती है। जिसके कारण कुछ लोग इसे नाग चक्र भी कहते हैं। प्राचीन ग्रंथों में इस चक्र के ढेरों उपयोग बताये गए हैं।
गोमती चक्र (Gomati chakra) का इस्तेमाल पूजा, साधना, तांत्रिक प्रयोगों और कईं तरह के टोने टोटके में किया जाता है। कुछ लोग इसे कृष्ण जी का सुदर्शन चक्र भी कहते हैं। इस चक्र की पूजा आम तौर पर होली, दीपावली और दशहरा में की जाती है।
गोमती चक्र की अंगूठी पहनने से बहुत से लाभ है
- यदि आपके मित्र आपके शत्रु बनते जा रहे हैं तो गोमती चक्र की अंगूठी जरुर धारण करें इससे आपके शत्रु आपके मित्र बनने लगेंगे।
- अगर घर में अपनों के साथ रिश्ते उलझते चले जा रहे हैं और दिन भर लड़ाई झगडे का माहोल बना रहता है तो गोमती चक्र की अंगूठी आपके लिए रामबाण साबित होगी।
- यदि आपके घर में कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार है और लाख इलाजो के बाद भी वह रिकवर नहीं कर पा रहा तो इस चक्र की अंगूठी धारण करने से वह जल्दी ठीक होने लग जाएगा।
- नौकरी एवं व्यापार में लाभ कमाने के लिए गोमती चक्र की अंगूठी बेहद उपयोगी साबित होती है।
- यह अंगूठी राहु केतु व शनि की दशा बहुत लाभकारी है। इन तीनो ग्रहों का एक मुख्य लक्षण है तनाव यानि टेंशन। गोमती चक्र की अंगूठी इनकी दशा में भ्रम या बिना मतलब की टेंशन नहीं होने देती।
- यह राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को समाप्त करती है।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में राहू या चंद्र का दोष हो या किसी स्त्री का गर्भ गिर रहा हो तो उसे इस चक्र (gomti chakra) की अंगूठी धारण करने की सलाह दी जाती है।
दोस्तों यह सबसे पहले मैं आपको गोमती चक्र के व्यक्तिगत अनुभव बताना चाहूंगा। जिन लोगों की राहु की दशा चल रही थी उन लोगों को मैंने गोमती चक्र पहनने के लिए कहा।
राहु की दशा की विशेषता होती है कि उसमें व्यक्ति को भ्रम पैदा होता है और हमेशा टेंशन बनी रहती है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि उन सभी लोगों का एक सामान्य सा जवाब था। उन लोगों का कहना था कि हमें पहले जैसे टेंशन नहीं है और हमारा विजन क्लियर है। यानी जो करना है वह पता है, किसी तरह के भ्रम में नहीं फंसे हुए हैं। जबकि उसके पहनने से पहले उनके साथ अक्सर ऐसा होता था की कोई भी काम करने जाओ तो दिमाग में दोहरे विचार आते थे।
दोस्तों गोमती चक्र का यह मतलब नहीं है कि आप कोई भी गोमती चक्र लाकर पहनते हैं और वह आपको लाभ देगा। उसके लिए आपको थोड़ा सा परिश्रम करना होगा क्योंकि लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि गोमती चक्र मुश्किल से मिलता है। जबकि आप जब बाजार में खरीदने जाएंगे तो ज्यादा से ज्यादा ₹11 का आपको मिल जाएगा। वैसे तो 5 से ₹6 तक का मिल जाता है लेकिन कई बार दूरदराज इलाकों में इसकी कीमत थोड़ी ज्यादा होती है।
Shani and Iron । 1 शनि ग्रह का लोहे से सम्बन्ध। 2 घोड़े की नाल ।
गोमती चक्र के चयन के तीन आधार हैं
सभी ग्रहों के अनुसार अलग रंग का गोमती चक्र धारण करना चाहिए। जब आप गोमती चक्र को उल्टा करेंगे तो आप देखेंगे कि वह ग्रे रंग का है, या फिर वह हलके से पीले रंग का है। या हल्के से लाल रंग का है और कई बार तो आपको काला गोमती चक्र भी मिलता है। सफेद गोमती चक्र आसानी से मिल जाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार गोमती चक्र
पीले रंग का गोमती चक्र मेष सिंह और धनु राशि वालों को पहनना चाहिए।
सफ़ेद रंग का गोमती चक्र वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला व मीन राशि वाले पहन सकते हैं। वैसे तो सफेद रंग का गोमती चक्र कोई भी पहन सकता है।
हलके लाल रंग का गोमती चक्र मेष, वृश्चिक व मकर राशि वालों को पहना चाहिए।
ग्रे कलर का गोमती चक्र तभी पहनना चाहिए जब आप पर राहु केतु अथवा शनि की महा दशा हो।
कुंडली में पितृ दोष,ग्रहण दोष, कालसर्प दोष या गुरु चांडाल दोष हो तो सफ़ेद गोमती चक्र धारण करना चाहिए (यह ग्रे भी हो।)
गोमती चक्र ढूंढने का पहला पैरामीटर यही है
दूसरे पैरामीटर के लिए आपको गोमती चक्र को उल्टा करके देखना है जिस तरफ से वह प्लेन होता है। यहां पर आपको हिंदी के ७ जैसी आकृति दिखाई देगी। इस आकृति को आप ध्यान से देखिएगा इसका पैटर्न सही होना चाहिए। यानी एक गोल्डन रेशों करके सिद्धांत होता है उस सिद्धांत के अनुसार आपको गोमती चक्र के अंदर गोल्डन रेशों का पैटर्न ढूंढना है। यदि गोल्डन देशों के बारे में आपको नहीं पता तो इंटरनेट पर बहुत सारी पुस्तकें और वीडियोस मिल जाएंगे। आप जाकर उनके बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।
गोल्डन रेशो यही वही हिंदी का सात नंबर है जिसके कारण गोमती चक्र इतना शक्तिशाली हो जाता है। अगर यह नंबर गलत तरीके से लिखा है तो फिर आपको गोमती चक्र धारण करना चाहिए या उसकी अंगूठी नहीं बनानी है।
इसका तीसरा पैरामीटर भी है, जिसके अनुसार आप गोमती चक्र को अपने लिए चुन सकते हैं। आपको बहुत सारे गोमती चक्र टेबल पर या अपने सामने रख लेने हैं। उसमें से सब को देखना है आपकी आंखों को जो अच्छा लगे आप वह ले लीजिएगा। क्योंकि आपका सबकॉन्शियस माइंड यानी अवचेतन मन आपका सबसे अच्छा मित्र भी होता है वह आपके लिए अच्छी चीज ढूंढ सकता है।
आपको कोई एक गोमती चक्र आकर्षित करेगा और जो गोमती चक्र आपको आकर्षित कर रहा है वह आपके लिए उत्तम होगा इस तरह से आप अपने लिए सही गोमती चक्र का चयन कर सकते हैं।