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chakla belan

नमस्कार दोस्तों बाय एस्ट्रोलॉजी में आपका स्वागत है हम सभी के घरों में चकला और बेलन तो होता ही है। यदि आप जानना चाहते हैं कि चकला बेलन से घर में समृद्धि कैसे लाई जाए और किन-किन सावधानियों का ध्यान रखें जिससे अन्नपूर्णा देवी खुश रहे और हमारा घर धन-धान्य से भरपूर रहे तो यह वीडियो अंत तक देखते रहिएगा।

मनुष्य को सांस के बाद जो सबसे जरूरी चीज जीने के लिए चाहिए वह अन्न तथा जल है। जिनका सीधा संबंध हमारी रसोई से होता है। रसोई के अंदर वास्तु की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण चीज चकला बेलन होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगल रसोई का प्रतिनिधि होता है। रसोई पर पूरा अधिकार मंगल का होता है इसलिए रसोई की सही दिशा दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय कोण होती है। क्योंकि वुड यानि लकड़ी फेंगशुई के अनुसार गुरु ग्रह का प्रतिनिधि माना गया है। शायद आप जानते होंगे कि एफएमसीजी सेक्टर यानी रोज की जरूरत की वस्तुएं गुरु ग्रह प्रभावित होती है गुरु और मंगल मित्र होते हैं। कुछ लोग चकले को केतु का और बेलन को राहु का प्रतीक मानते हैं कहते हैं कि यदि चकला बेलन अच्छा रहेगा तो आपका राहु केतु भी अच्छा रहेगा। इसीलिए लकड़ी का चकला बेलन पहले नंबर पर माना गया है। उसके बाद यदि आपके पास स्टील के चकला बेलन है तो यह शनि का प्रतिनिधित्व करते हैं यानी इन पर शनि का प्रभाव होता है ऐसी स्थिति में जब भी आप रोटी बनाएं तो उससे पहले एक बूंद तेल या दूध की चकले के ऊपर डालने और उसे पोछ देनी चाहिए।

इसलिए पुराने लोग घर में कांसे के बर्तन रखा करते थे, तांबे के बर्तन रखते थे। लोहे के बर्तन सिर्फ वही रखते थे जिन्हें गर्म किया जा सके। जैसे लोहे की कढ़ाई और तवा।इसी तरह कई लोग अपने घर में संगमरमर या पत्थर से बने हुए चकले रखते हैं। संगमरमर पर चंद्र का प्रभाव माना जाता है जिसके कारण इसलिए यदि आपको पत्थर के चकला बेलन देने हो तो वह सफेद बुरे या पीले रंग के होने चाहिए। नीले अथवा गहरे हरे रंग को अवॉइड करना चाहिए काले रंग का तो बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। इसलिए सबसे अच्छा लकड़ी का चकला बेलन होता है उसके बाद संगमरमर का चकला बेलन लिया जा सकता है और उसके बाद जरूरत पड़े तो स्टील का चकला बेलन लेना चाहिए।

एक बात का ध्यान और रखना है चकला और बेलन दोनों को एक साथ रखिए जहां पर भी रखिए। अगर दोनों अलग-अलग रहते हैं तो यह माना जाता है कि घर में पति पत्नी के बीच किसी तरह का मनमुटाव होता है। अब दिखेगा यह अनुभव कीजिएगा घर में अक्सर झगड़े होते हैं। प्रयोगों में देखा गया है कि जब झगड़ा होता है तो उनसे उस समय चकला और बेलन दोनों अलग-अलग जगह पर होते हैं। इसीलिए हमेशा जब आप चकला बेलन धोकर रखें तो उन्हें एक ही स्थान पर रखें जिससे पति पत्नी के बीच सामंजस्य बना रहे। साथ ही कभी भी यदि आप चकला इस्तेमाल करें जिसके नीचे के पायो का खास ध्यान रखें। उसे कभी तक की आवाज नहीं आनी चाहिए। यह भी एक तरह का वास्तु दोष होता है जिसके कारण घर में लक्ष्मी रूठ जाती है। साथ ही टक टक की आवाज सुनने वाले में झुंझलाहट पैदा करती है।

लोगों के घरों में रसोई में शेल्फ होती है। यह ज्यादातर संगमरमर की बनी होती है जिस पर कुछ सामान भी रक्खा होता है। ज्यादातर लोग अपनी कन्वेनिएंट के अनुसार बेलन से रोटी उसी संगमरमर की सेल्फ पर बेल लेते हैं। वास्तु के अनुसार किसी भी तरह की सेल्फ या मेज पर बेलन से रोटी बेलना अच्छा नहीं माना जाता इससे स्वास्थ्य की हानि होती है। यह रसोई में खुला होता है और आप इसे चकला बेलन की तरह धो नहीं सकते। क्योंकि आटा खासतौर पर गीला आटा आसानी से बैक्टीरिया को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है। ठीक से ना धुलने के कारण वही बैक्टीरिया आपके शरीर में जाने की संभावनाएं ज्यादा होती है। इसलिए स्वास्थ्य की दृष्टि से इसको मना किया जाता है

चकला खरीदते समय बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि वह आपके हाथ में ठीक से चले। उस पर आपके ग्रेप अच्छी हो। यदि दिन की बात करे तो इसे सोमवार या मंगलवार को खरीदना उत्तम नहीं माना जाता।

स्त्रियों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि वह अपना चकला बेलन किसी को उधार ना दें और ना ही स्वयं किसी से चकला बेलन उधार ले। साथ ही घर में कोशिश करके किसी दूसरी महिला को चकला बेलन खास तौर पर बेलन हाथ ना लगाने दे। क्योंकि आपके हाथों से ऊर्जा निकलती है और उन्हीं हाथों से उर्जा शरीर में प्रवेश भी करती है। बेलन के ऊपर आपके दोनों हाथों की प्रॉपर ग्रिप होती है जिसकी वजह से आपकी बहुत सारी ऊर्जा उस बेलन के साथ जुड़ जाती है। इसीलिए ज्यादातर हास्य कवि जब अपनी पत्नियों के विषय में कोई चुटकुला सुनाते हैं तो वह अक्सर बेलन का जिक्र करते हैं। क्योंकि महिलाओं कीऊर्जा उस बेलन के अंदर समा जाती है इसलिए उसको बेलन से खास लगाव हो जाता है।

इस्तेमाल के बाद चकला बेलन एक दूसरे से अलग नहीं रखनी चाहिए। आप कैसे भी रख सकते हैं एक दूसरे को टच करके लेटा कर खड़ा करके। लेकिन बस एक बात का ध्यान रखें कि आपको उन दोनों को अलग अलग नहीं रखना है। बाकी वैसे विद्वान लोगों का यह मानना है की बेलन ऊपर की तरफ और चकला नीचे की तरफ होना चाहिए। परंतु घर में इस तरह की सुविधाएं कई बार नहीं मिल पाती है। आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि दोनों को धोने के बाद एक साथ रखना है। कई बार चकले में दरारे आ जाती है ऐसी स्थिति में अगर इसमें दरारे आ गई है तो साफ करने में दिक्कत होता है आंटा उसके अंदर फंसा रहेगा जिससे बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में इन्हे बदल देना चाहिए। लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बेलन और चकला दोनों एक दूसरे के साथी हैं। जब कभी आप का चकला बेलन कोई भी खराब हो तो एक अकेले को विदा नहीं करते बल्कि दोनों को करते हैं।

अब आप कहेंगे की चकला बेलन एक वस्तु ही तो है खराब हो गई तो इसे उठाकर कूड़े में भी फेका जा सकता है। आप ये बात मत भूलिए कि चकला बेलन के अंदर आपकी बहुत सारी ऊर्जा समाई होती है। इसलिए अगर आपका चकला बेलन किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में लग गया टोना टोटका करना जनता है। तो वह आपके घर से अन्नपूर्णा को ले जायेगा।

महिलाएं अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए चकले का एक टोटका करती थी। जब आप खाना बना ले तो उसके बाद चकले पर हल्का सा पानी डालकर करके उस पर तीन बार आपको हाथ फेरना है और अन्नपूर्णा मां से कहना है कि मां मेरी खूबसूरती में वृद्धि करो। उसके बाद वह हाथ को तीन बार अपने चेहरे पर लगाना है यानी चेहरे पर जैसे आप क्रीम वगैरह लगाते हैं उस तरह से हल्के हाथों से लगाना है आप पाएंगे कि 21 दिन के अंदर आपकी खूबसूरती में वृद्धि हो जाएगी। वह काफी पुराना नुस्खा है पुराने समय की महिलाएं अपने पति को आकर्षित करने के लिए किया करती थी।
इसी तरह नकारात्मक टोटके भी किए जाते हैं जो बहुत खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए जब भी चकला बेलन घर से पैदा करना हो तो इसे किसी कपड़े में रेप करके थोड़ा सा नमक डालकर तब आप किसी बहते पानी में डाल दें या फिर किसी निर्जन स्थान पर ले जाकर उसको डाल सकते हैं इन बातों का ध्यान रखें आप अपने घर में समृद्धि बनाए रख सकते हैं वीडियो अच्छा लगा हो तो लाइक जरूर कीजिएगा हम इसी तरह काम की जानकारी लाते रहेंगे

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